Delhi Ordinance Row: जिस कांग्रेस से समर्थन की उम्मीद कर रही AAP, उसके खिलाफ कई बार जा चुके हैं केजरीवाल
Delhi Ordinance Row: अरविंद केजरीवाल और उनकी राजनीति ही कांग्रेस के विरोध से शुरू हुई और चमकी है। आम आदमी पार्टी जिन दो राज्यों में सबसे मजबूत है और सत्ता में है, वहां उसने कांग्रेस को ही हराया है। दिल्ली से केजरीवाल ने कांग्रेस का सफाया कर दिया, पंजाब में इस बार सत्ता छिन ली।
कांग्रेस को हराकर ही राजनीति में इस मुकाम तक पहुंचे हैं केजरीवाल (फोटो- AAPkaArvind)
- केजरीवाल को अध्यादेश मामले पर चाहिए कांग्रेस का सपोर्ट
- आज ममता बनर्जी से मिले थे अरविंद केजरीवाल
- कांग्रेस समर्थन देने के मूड में नहीं दिख रही
Delhi Ordinance Row: मोदी सरकार की तरफ से दिल्ली को लेकर लाए गए अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं। इस अध्यादेश को रोकने के लिए केजरीवाल को राज्यसभा कांग्रेस की हर हालत में जरूरत पड़ेगी, यही कारण है कि आप के नेता कांग्रेस को लोकतत्र की दुहाई भी दे रहे हैं। शुरुआत में तो ऐसा लगा कि कांग्रेस, आप को सपोर्ट कर सकती है, लेकिन जैसे ही उसके दिल्ली के नेता एक्टिव हुए, कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वो इस मामले पर फिलहाल आप के साथ नहीं है।
कांग्रेस विरोध में केजरीवाल की राजनीति चमकी है
दरअसल अरविंद केजरीवाल और उनकी राजनीति ही कांग्रेस के विरोध से शुरू हुई थी और चमकी भी। आम आदमी पार्टी जिन दो राज्यों में सबसे मजबूत है और सत्ता में है, वहां उसने कांग्रेस को ही हराया है। पहले दिल्ली में केजरीवाल ने कांग्रेस को हराया और फिर पंजाब में इस बार आप ने कांग्रेस से सत्ता छिन ली है। कुछ राज्यों में तो कांग्रेस का दावा है कि वो आप के कारण ही जीत नहीं सकी और बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही है। गुजरात और गोवा में वो इसका उदाहरण देती रही है। कांग्रेस, केजरीवाल को बीजेपी की बी टीम भी बताती रही है।
कांग्रेस का सीधा विरोध
सिर्फ चुनावों में ही नहीं ऐसे कई मौके आए जब केजरीवाल और उनकी पार्टी सीधे-सीधे कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर हमला बोल चुकी है। राहुल गांधी को लेकर कई बार बयानबाजी हो चुकी है। कांग्रेस के शीर्ष नेता सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक पर केस चल रहे हैं। उसके कई नेता जेल जा चुके हैं, लेकिन जैसा सपोर्ट आज आप कांग्रेस से चाह रही है, शायद वैसा सपोर्ट शायद ही कभी केजरीवाल कांग्रेस को किए हैं।
जब राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग उठाई
दिल्ली कांग्रेस के नेता ने अब कांग्रेस अलाकमान को ऐसी बात याद दिला दी है, जिसके बाद तो शायद ही राहुल गांधी आप को सपोर्ट करने के लिए तैयार होंगे। कुछ साल पहले अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने ऐसा काम किया था कि उनकी पार्टी में भी बगावत हो गई थी। दरअसल विधानसभा का सत्र चल रहा था, खबर आई कि आम आदमी पार्टी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी को मिले भारत रत्न को वापस लेने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है। आप विधायक अलका लांबा इस दौरान सदन से वॉक आउट कर गईं और बाद में इस्तीफा भी दे दिया। मामला बढ़ा तो आप ने ऐसे किसी भी प्रस्ताव से इनकार कर दिया।
माकन ने गिनाए केजरीवाल के 'धोखे' की कहानी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने केजरीवाल के कई धोखे की कहानी ट्विटर पर शेयर की है। उन्होंने लिखा- "केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन मांगा है, हालांकि, उनकी कुछ पिछली राजनीतिक गतिविधियां सवालों के घेरे में हैं। उनकी पार्टी ने भाजपा के साथ एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से हमारे प्रिय राजीव जी से भारत रत्न वापस लेने का अनुरोध किया। इसके अलावा, केजरीवाल ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह भाजपा का समर्थन किया। यह समर्थन तब मिला, जब जम्मू-कश्मीर को विभाजित किया गया और उसे एक केंद्रशासित प्रदेश में परिवर्तित कर दिया गया, जिससे यहां के लोगों को पांच साल के लिए मताधिकार से वंचित कर दिया गया। केजरीवाल ने विभिन्न आरोपों पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा पर महाभियोग चलाने के दौरान भी भाजपा का समर्थन किया। जस्टिस लोया की मौत की संदिग्ध परिस्थितियों की जांच के लिए सीजेआई ने एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। यह उल्लेखनीय है कि केजरीवाल विवादास्पद किसान विरोधी कानूनों को लागू करने वाले पहले व्यक्ति थे। उनकी पार्टी ने राज्यसभा के उपसभापति के लिए विपक्ष के उम्मीदवार का भी विरोध किया और इसके बजाय भाजपा द्वारा प्रायोजित उम्मीदवार का समर्थन किया। गुजरात, गोवा, हिमाचल, असम, उत्तराखंड में भाजपा के लिए केजरीवाल का समर्थन और हाल के कर्नाटक चुनावों में, जहां उन्होंने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए, उससे यह सवाल भी उठता है कि केवल उन्हीं राज्यों में वह ऐसा क्यों करते हैं, जहां कांग्रेस मुख्य विपक्षी या सत्ताधारी पार्टी है ?"
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें
देवेंद्र फडणवीस पर मान जाएंगे एकनाथ शिंदे या करेंगे कोई खेला, अब शुरू होगी महाराष्ट्र में असली लड़ाई
यूपी के कुंदरकी में एकमात्र हिंदू उम्मीदवार 11 मुस्लिमों से आगे; 30 साल बाद BJP मार सकती है बाजी
महाराष्ट्र में महायुति की सरपट दौड़ी गाड़ी, अघाड़ी बनी पिछाड़ी, BJP की सुनामी में उड़ गया MVA
सैनिकों से कमी से जूझ रहे रूस ने तेज किया युद्ध, पर जल्द शांति समझौते की है दरकार
यूक्रेन को तबाही का हथियार दे रहा अमेरिका, आखिर कीव की मदद के लिए इतने उतावले क्यों हैं बाइडेन?
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited