देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की सियासत में कैसे मनवाया अपना लोहा? पढ़ें उनके सफर से जुड़ी 5 सबसे रोचक बातें

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में देवेंद्र फडणवीस का नाम स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जा चुका है। उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने नाम कर ली। लेकिन क्या आपने ये सोचा है कि आखिरकार ये कैसे संभव हुआ? यदि ये कहा जाए कि फडणवीस की ताजपोशी धैर्य, पार्टी नेतृत्व के प्रति निष्ठा और रणनीतिक कौशल के बलबूते हुई, तो गलत नहीं होगा।

Devendra Fadnavis Journey

देवेंद्र फडणवीस

Devendra Fadnavis: साधारण पृष्ठभूमि से उठकर महाराष्ट्र की राजनीति में अपना लोहा मनवाने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह इससे पहले भी दो बार इस पद पर रह चुके हैं। बीस नवंबर के विधानसभा चुनाव में भाजपा के निर्णायक प्रदर्शन के बाद फडणवीस (54) को बुधवार को प्रदेश भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ उनके तीसरी बार राज्य की बागडोर संभालने की राह तैयार हो गई।

एक गुमनाम पार्षद से लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तक का सफर

फडणवीस की राजनीतिक यात्रा उल्लेखनीय रही है। इस दौरान उन्होंने एक गुमनाम पार्षद से लेकर नागपुर का सबसे युवा महापौर बनने का गौरव हासिल किया। इसके बाद उन्होंने भाजपा के भीतर एक प्रमुख नेता के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की। उल्लेखनीय बात यह है कि वह शिवसेना के मनोहर जोशी के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे ब्राह्मण हैं। फडणवीस का राजनीतिक उत्थान 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुआ, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह का समर्थन हासिल किया। मोदी ने एक चुनावी रैली में फडणवीस को ‘‘नागपुर का देश को उपहार’’ बताया था, जो फडणवीस पर उनके विश्वास को दर्शाता था। हालांकि मोदी ने 2014 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धुआंधार प्रचार अभियान चलाया था, लेकिन चुनावों में पार्टी की अभूतपूर्व जीत का कुछ श्रेय तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष फडणवीस को भी गया था।

नितिन गडकरी को अपना ‘राजनीतिक गुरु’ कहते हैं फडणवीस

जनसंघ और बाद में भाजपा के नेता रहे गंगाधर फडणवीस के पुत्र देवेंद्र ने युवावस्था में राजनीति में कदम रखा और 1989 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी दिवंगत गंगाधर को अपना ‘राजनीतिक गुरु’ कहते हैं। देवेंद्र फडणवीस 22 वर्ष की आयु में नागपुर नगर निगम के पार्षद बने तथा 1997 में 27 वर्ष की आयु में इसके सबसे युवा महापौर बने।

साल 1999 के विधानसभा चुनाव में आजमाई थी अपनी किस्मत

फडणवीस ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1999 में लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीते। पिछले महीने हुए चुनाव में उन्होंने अपनी नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट बरकरार रखी। महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में कई नेताओं के विपरीत फडणवीस पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। महाराष्ट्र के सबसे मुखर नेताओं में से एक फडणवीस को कथित सिंचाई घोटाले को लेकर तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा सरकार को मुश्किल में डालने का श्रेय भी दिया जाता है।

जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में भाजपा को दे दिया था गच्चा

फडणवीस को 2019 के विधानसभा चुनाव में तब झटका लगा जब अविभाजित शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद को लेकर चुनाव पूर्व गठबंधन से हाथ खींच लिया और भाजपा नेता का ‘‘मैं वापस आऊंगा’’ उद्घोष अधूरा रह गया। उन्होंने 23 नवंबर, 2019 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके साथ अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद संभाला। हालांकि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से पहले ही फडणवीस ने 26 नवंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह महज तीन दिन मुख्यमंत्री रहे। शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेतृत्व में उद्धव ठाकरे बाद में मुख्यमंत्री बने, लेकिन जून 2022 में वरिष्ठ शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे द्वारा पार्टी को विभाजित किए जाने के बाद उन्होंने (ठाकरे ने) इस्तीफा दे दिया और बाद में शिंदे मुख्यमंत्री बन गए।

मुख्यमंत्री बनकर फडणवीस ने दिखाई पार्टी के प्रति निष्ठा

शिवसेना में बड़े पैमाने पर उठापटक और ठाकरे के पद छोड़ने के बाद कई राजनीतिक विश्लेषकों का दावा था कि इस घटनाक्रम में फडणवीस का हाथ है और वह मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि भाजपा की दूसरी योजनाएं थीं और अनिच्छुक फडणवीस को उपमुख्यमंत्री का पद संभालने के लिए कहा गया। उपमुख्यमंत्री के रूप में पिछले ढाई वर्षों का उनका कार्यकाल खास रहा और 23 नवंबर के विधानसभा चुनाव परिणाम उनके लिए बहुप्रतीक्षित उपलब्धि की तरह आए।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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