भोले बाबा खिलाफ पहली बार खुलकर बोला कोई सियासतदां, मायावती ने कहा- ऐसे पाखंडियों से न हों गुमराह, की जाए सख्त कार्रवाई
मायावती ने गरीबों, दलितों और पीड़ितों को शनिवार को सलाह दी कि वे गरीबी और अन्य सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे व्यक्तियों के पाखंड से गुमराह न हों।
मायावती के निशाने पर भोले बाबा
Mayawati on Bhole Baba: हाथरस भगदड़ हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और अब आरोपियों के धरपकड़ की कार्रवाई जारी है। इस घटना के बाद किसी बी नेता ने खुलकर भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के खिलाफ सीधे कुछ नहीं बोला है। यहां तक कि एफआईआर में भी उसका नाम नहीं है। कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ ही मामला दर्ज किया गया है। भोले बाबा के खिलाफ सीधे बोलने से नेताओं ने अब तक परहेज ही किया है। इसी बीच पहली बार बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती भोले बाबा को खुलकर निशाने पर लिया। मायवाती ने लोगों से अपील की कि ऐसे पाखंडियों से सावधान रहना होगा।
मायावती बोलीं, भोले बाबा जैसे पाखंडियों से दूर रहें
मायावती ने गरीबों, दलितों और पीड़ितों को शनिवार को सलाह दी कि वे गरीबी और अन्य सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे व्यक्तियों के पाखंड से गुमराह न हों। मायावती ने कहा कि हाथरस कांड में भोले बाबा सहित जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे अन्य स्वयंभू बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई जरूरी है।
कहा, सत्ता हाथ में लेकर तकदीर बदलनी होगी
बसपा प्रमुख ने 'एक्स' पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, देश में गरीबों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी और अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे बाबाओं के अंधविश्वास व पाखंड के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए। इन लोगों को डा. भीमराव आम्बेडकर के बताये रास्तों पर चलना होगा और सत्ता अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी। अर्थात उन्हें अपनी पार्टी बसपा से जुड़ना होगा, तभी वे हाथरस जैसे कांड से बच सकते हैं। इस घटना में 121 लोगों की मौत हुई है जो अति-चिंताजनक है।
हादसे में 121 की मौत, जांच हुई तेज
बता दें कि मंगलवार को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से कुल 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। इस हादसे के बाद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ितों से मुलाकात की थी और हादसे की न्यायिक जांच का ऐलान किया था। उधर, एसआईटी ने इसकी प्राथमिक रिपोर्ट गुरुवार 5 जून को सौंपी जिसमें 100 लोगों के बयान दर्ज हैं। इसी बीच आरोपियों की धरपकड़ का सिलसिला भी तेज हो गया है। आज यूपी पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजक मधुकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
क्यों नेताओं ने साधी चुप्पी
भगदड़ की इस बड़ी घटना के बाद सियासतदां नपा-तुला ही बयान दे रहे हैं। अब तक किसी ने भी खुलकर स्वयंभू बाबा बन बैठे सूरजपाल के खिलाफ खुलकर कोई बयान नहीं दिया है। यूपी पुलिस ने भी आयोजकों के खिलाफ ही मामला दर्ज किया है, भोले बाबा का एफआईआर में कहीं जिक्र नहीं है। आज भोले बाबा का वीडियो भी सामने आ गया जिसमे वह दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर रहा है। दरअसल, हाथरस व इससे लगते उत्तर प्रदेश के शहरों में भोले बाबा का जबरदस्त जलवा और प्रभाव है। उसके एक इशारे पर वोट इधर से उधर हो सकते हैं और सियासी पार्टियों का पूरा खेल बिगड़ सकता है। खुद सपा प्रमुख इस बाबा के कार्यक्रम में पहुंचकर उसका महिमामंडन कर चुके हैं। सियासत के नफा-नुकासन वाले इसी खेल की वजह से कोई भी नेता सीधे भोले बाबा के खिलाफ खुलकर कुछ नहीं कह रहा है।
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