समय गंवाना नहीं चाहते ट्रंप, पहले ही दिन आगे बढ़ाया अपना आक्रामक एजेंडा, पलट दी बाइडेन की 78 नीतियां

Donald Trump Executive Orders : एग्जीक्यूटिव ऑर्डर राष्ट्रपति की ओर से संघीय सरकार को लिखित में जारी आदेश होता है जिसके लिए कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है। ये आदेश किसी नीति में उलटफेर से लेकर साधारण सरकारी काम के लिए जारी किए जा सकते हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 220 एग्जीक्यूटिव आदेश जारी किए थे।

Trump Admin

ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।

मुख्य बातें
  • डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली
  • राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप का यह दूसरा कार्यकाल है, पहला कार्यकाल 2016-20
  • अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन ट्रंप ने ताबड़तोड़ कई बड़े फैसले लिए हैं

Donald Trump Executive Orders : इस समय दुनिया भर की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके द्वारा लिए जा रहे फैसलों पर है। 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की कमान संभालने और अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन ही वह पूरी तरह एक्शन मोड में आ गए। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस पहुंचते ही उन्होंने एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर धड़ाधड़ हस्ताक्षर किए। ट्रंप के ये फरमान बताते हैं कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह जरा भी अपना समय गंवाना नहीं चाहते। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन की 78 नीतियों को पलट दिया है। इन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में करीब दर्जन भर फैसले ऐसे हैं जो अमेरिकी नीतियों को आगे नया आकार देंगे और कुछ का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। जाहिर है कि अपने चुनावी वादे के अनुरूप ट्रंप पहले दिन ही अपने आक्रामक एजेंडे पर आगे बढ़े हैं।

1,500 प्रर्दशनकारियों की सजा माफ की

यहां हम ट्रंप के बड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर यानी कार्यकारी आदेशों के बारे में बात करेंगे। साल 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नतीजों के खिलाफ ट्रंप के समर्थक सड़कों पर आ गए। छह जनवरी को वाशिंगटन डीसी में समर्थक हिंसक प्रदर्शन करते हुए अमेरिकी संसद यूएस कैपिटल में दाखिल हो गए। इस हिंसा में कई लोग मारे गए। ट्रंप ने कहा था कि व्हाइट हाउस में कदम रखते ही वह जेल में बंद इन प्रदर्शनकारियों की सजा माफ करेंगे। अब ट्रंप ने करीब 1,500 प्रर्दशनकारियों की सजा माफ कर दी है।

टिकटॉक को भी राहत

ट्रंप ने टिकटॉक को भी राहत दी है। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में टिकटॉक की पैरेंट कंपनी को अपना नया मालिक ढूंढने के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है। आदेश में कहा गया कि कंपनी इस समय में कंपनी को अपना नया मालिक ढूंढना होगा नहीं तो उसे प्रतिबंध का सामना करना होगा।

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बाइडेन के 78 फैसले अवैध घोषित

ट्रंप, बाइडेन के कार्यकाल के 78 कार्यकारी फैसलों को अवैध घोषित कर दिया है। इसमें उस आदेश पर रोक भी शामिल है जो सेना में ट्रांसजेंडर की भर्ती की इजाजत देता था। यही नहीं ट्रंप ने देश की दक्षिणी सीमा यानी की मैक्सिको बॉर्डर पर नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि सीमा पर अमेरिकी फौज जाएगी और वहां हालात संभालेगी। सेना यहां घुसपैठ रोकने के लिए दीवार बनाने का अधूरा काम भी पूरा करेगी। एग्जीक्यूटिव आदेश में मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी करना शामिल है। यही नहीं ट्रंप ने बर्थ राइट नागरिकता को परिभाषित करने के लिए आदेश भी दिए हैं।

पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटे

ट्रंप के बड़े फैसलों में विश्व स्वास्थ्य संगठन से निकलना भी है। आदेश में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ, अमेरिका से बहुत ज्यादा रकम की मांग करता है। जाहिर है कि, ट्रंप के इस फैसले का डब्ल्यूएचओ के कामकाज पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। दुनिया भर में चल रहीं डब्ल्यूएचओ की योजनाएं या तो लड़खड़ा जाएंगी या पैसे की कमी के चलते उन्हें बंद करना होगा। खासकर, विकासशील देश बुरी तरह से प्रभावित होंगे। क्लाइमेट चेंज से लड़ने और कार्बन उत्सर्जन में कटौती पर अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हट गया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका इस समझौते से एक बार फिर अलग हो रहा है।

पनामा नहर को दोबारा हासिल करेंगे

ट्रंप ने पनामा नहर को दोबारा अमेरिका के नियंत्रण में लेने की बात कही है। व्हाइट हाउस की अपनी स्पीच में पनामा नहर का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि एक समय यह नगर अमेरिका के अधीन थी लेकिन बाद में एक समझौते के तहत इसका संचालन पनामा को दे दिया गया लेकिन पनामा इस नहर को नहीं चला रहा है, बल्कि इसे चीन चला रहा है। ट्रंप का कहना है कि अमेरिकी जहाजों के लिए पनामा बहुत ज्यादा पैसा वसूल रहा है। दूसरा इसका संचालन चीन के पास होने से इससे अमेरिका की सुरक्षा को खतरा है।

ड्रग कार्टेल पर करारा वार

अमेरिका में अपराध और नशे पर रोक लगाने के लिए ट्रंप ने ड्रग कार्टेल पर बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने विदेशी ड्रग कार्टेल को आतंकवादी संगठन घोषित करने का आदेश दिया है। अब ड्रग कार्टेल के सरगना आतंकवादी माने जाएंगे। ट्रंप का मानना है कि उनका यह फैसला मैक्सिको और कोलोंबिया से चलने वाले ड्रग माफियाओं के काले और नशे के धंधे पर करारी चोट करेगा। राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने करीब 200 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, इसमें वे आदेश भी शामिल हैं, जो कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं और कुछ घोषणाएं हैं, जो आमतौर पर बाध्यकारी नहीं होतीं। जाहिर है कि ट्रंप ने अपने इरादे बिल्कुल स्पष्ट कर दिए हैं। अमेरिका को दोबारा महान बनाने के लिए उन्हें जो कदम जरूरी लगते हैं, उन्हें अपनाने से वे पीछे नहीं हटेंगे। अपना चार साल के दूसरे और अंतिम कार्यकाल में वह अपने सभी अधूरे काम पूरा कर लेना चाहते हैं।

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एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं होती

अमेरिका में एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करने की परंपरा बहुत पहले से है। अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश संसद से पास कानून के बराबर ही होते हैं लेकिन इन्हें बाद में आने वाले राष्ट्रपति या कोर्ट पलट भी सकते हैं। दरअसल, एग्जीक्यूटिव ऑर्डर राष्ट्रपति की ओर से संघीय सरकार को लिखित में जारी आदेश होता है जिसके लिए कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है। ये आदेश किसी नीति में उलटफेर से लेकर साधारण सरकारी काम के लिए जारी किए जा सकते हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 220 एग्जीक्यूटिव आदेश जारी किए थे। उनके बाद बाइडेन ने भी अपनी इस शक्ति का इस्तेमाल किया। हाल के वर्षों में अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने भी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किए। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर की अगर बात करें तो रोनाल्ड रीगन ने 381, जॉर्ज बुश सीनियर ने 166, बिल क्लिंटन ने 364, जॉर्ज डबल्यू बुश ने 291, बराक ओबामा ने 276, ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 220 और जो बाइडेन ने 162 ऑर्डर जारी किए।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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