डोनाल्ड ट्रंप की 'टैरिफ घोषणा' ने बढ़ाई दुनिया की टेंशन, 5 प्वाइंट में समझें पूरा मामला

Tariff War: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को टैरिफ को लेकर नई घोषणा की। ट्रंप के कार्यकारी आदेश के माध्यम से लगाए गए इन नए आयात करों से दुनिया भर में आर्थिक झटके लगने की उम्मीद है। आइए समझते है आखिर पूरी दुनिया पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

Donald Trump

ट्रंप की टैरिफ घोषणा ने बढ़ाई पूरी दुनिया की टेंशन

तस्वीर साभार : IANS

Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को टैरिफ को लेकर नई घोषणा की। उन्होंने तर्क दिया गया कि ये कदम अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मददगार साबित होंगे। ट्रंप के कार्यकारी आदेश के माध्यम से लगाए गए इन नए आयात करों से दुनिया भर में आर्थिक झटके लगने की उम्मीद है। हालांकि यूएस प्रेसिडेंट का मानना है कि व्यापार असंतुलन को दूर करने, अमेरिकी नौकरियों और मैन्यूफैक्चरिंग की रक्षा के लिए ये जरूरी हैं।

क्या है ट्रंप की 'टैरिफ घोषणा' की बड़ी बातें : -

  • 10% बेसलाइन टैरिफ

रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के भाषण से पहले व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति अमेरिका में सभी आयातों पर बेसलाइन टैरिफ लगाएंगे।

यह दर 10% निर्धारित की गई है और 5 अप्रैल से लागू होगी।

विदेशी सामान को अमेरिका में लाने वाली कंपनियों को सरकार को टैक्स का भुगतान करना होगा, हालांकि इसका उपभोक्ताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जिन देशों को बेसालाइन टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, इनमें शामिल हैं: यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, तुर्किये, कोलंबिया, अर्जेंटीना, अल साल्वाडोर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब।

  • 'सबसे बुरे अपराधियों' के लिए सीमा शुल्क/कस्टम टैरिफ:

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि वे लगभग 60 'सबसे बुरे अपराधियों' पर विशिष्ट रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे। ये 9 अप्रैल से प्रभावी होंगे। रेसिप्रोकल/पारस्परिक टैरिफ का मतलब है कि देशों पर वही शुल्क लगाया जाएगा जो वे अमेरिका पर लगाते हैं। ट्रंप प्रशासन की दलील है कि ये देश अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाते हैं, अमेरिकी व्यापार पर गैर-टैरिफ बाधाएं लगाते हैं या ऐसे तरीके से काम करते हैं जो अमेरिकी आर्थिक लक्ष्यों को कमजोर करते हैं। इन टैरिफ दरों के अधीन अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में शामिल हैं: यूरोपीय संघ: 20%, चीन: 54%, वियतनाम: 46%, थाईलैंड: 36%, जापान: 24%, कंबोडिया: 49%, दक्षिण अफ्रीका: 30%, ताइवान: 32%

कनाडा और मेक्सिको पर कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं:

10% की बेसलाइन दर कनाडा और मेक्सिको पर लागू नहीं होती। ट्रंप के राष्ट्रपति काल के दौरान इन दोनों देशों को पहले ही निशाना बनाया जा चुका है। व्हाइट हाउस ने कहा कि वह ट्रंप के पिछले कार्यकारी आदेशों में निर्धारित रूपरेखा का इस्तेमाल करके दोनों देशों से निपटेगा। अमेरिका में फेंटेनाइल के प्रवेश और सीमा मुद्दों के चलते वाशिंगटन ने दोनों देशों पर टैरिफ लगाया था। ट्रंप ने पहले दोनों देशों से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ निर्धारित किया था, उसके बाद कुछ छूट और देरी की घोषणा की थी।

  • कार आयात पर 25% टैरिफ:

राष्ट्रपति ने एक नए अमेरिकी 'सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल पर 25% टैरिफ' की शुरुआत की पुष्टि की। यह टैरिफ स्थानीय समयानुसार आधी रात को लगभग तुरंत लागू हो गया।

  • भारत पर टैरिफ :

ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की। यह भारत द्वारा अमेरिकी आयात पर लगाए जाने वाले शुल्क का आधा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऑटोमोबाइल आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है जिसका असर टाटा मोटर्स और संवर्धन मदरसन जैसे ऑटो शेयरों पर पड़ने की संभावना है। टैरिफ विदेश से आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर है, और यह आमतौर पर उत्पाद के मूल्य का एक प्रतिशत होता है। विदेशी सामान खरीदने वाली कंपनियों को कर का भुगतान करना पड़ता है।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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