कई देशों के लिए 'पीड़ा दिवस' साबित हुआ ट्रंप का 'मुक्ति दिवस', जवाबी टैरिफ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक मौका

Donald Trump Reciprocal Tarrif : डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही जवाबी टैरिफ की घोषणा की यूरोप से लेकर एशिया के स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखी गई। एशिया के कुछ देशों पर टैरिफ की मार बहुत ज्यादा है तो कुछ ऐसे भी देश हैं जिन पर ट्रंप ने बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन मेहरबानी दिखाई है। इसमें भारत का भी नाम लिया जा सकता है।

Trump modi

ट्रंप के जवाबी टैरिफ से दुनिया के देशों की बढ़ी मुसीबत।

Donald Trump Reciprocal Tarrif : बीते कुछ दशकों से वैश्विक अर्थव्यवस्था जिस पटरी पर चल रही थी, क्या अब वह उतर जाएगी? यह सवाल इसलिए क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को टैरिफ बम का जो धमाका किया है उससे पूरी दुनिया हिल गई है अपने इस टैरिफ वार में ट्रंप ने किसी को भी नहीं छोड़ा है। दोस्त हो या दुश्मन सभी पर टैरिफ की बौछार कर दी है। टैरिफ की यह मार किसी को ज्यादा तो किसी को कम पड़ी है लेकिन पड़ी सबको है। देशों को यह बात पहले से पता थी कि ट्रंप 2 अप्रैल को अपने जवाबी टैरिफ नीति के तहत बड़ा धमाका करेंगे। इसे देखते हुए अमेरिका के साथ कारोबार करने वाले देश पहले से ही अपने नफे-नुकसान का आकलन कर इस घड़ी का इंतजार कर रहे थे।

कई देशों के स्टॉक मार्केट में गिरावट

ट्रंप ने जैसे ही जवाबी टैरिफ की घोषणा की यूरोप से लेकर एशिया के स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखी गई। एशिया के कुछ देशों पर टैरिफ की मार बहुत ज्यादा है तो कुछ ऐसे भी देश हैं जिन पर ट्रंप ने बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन मेहरबानी दिखाई है। इसमें भारत का भी नाम लिया जा सकता है।दरअसल, ट्रंप ने अमेरिका के साथ कारोबार करने वाले सभी देशों के आयात पर 10 से 50 प्रतिशत तक शुल्क लगाने की घोषणा की है.. 10 प्रतिशत का बेसलाइन यानी संदर्भ शुल्क पांच अप्रैल से ।और 27 प्रतिशत नौ अप्रैल से प्रभावी होगा ।हालांकि, कुछ क्षेत्रों को इन शुल्कों से छूट दी गई है जिनमें औषधि, सेमीकंडक्टर और ऊर्जा उत्पाद शामिल हैं।

चीन पर टैरिफ का सबसे ज्यादा असर

एक्सपर्ट मान रहे हैं कि ट्रंप के इस नए टैरिफ से सबसे ज्यादा असर चीन पर पड़ेगा। चीन, मैक्सिको के बाद सबसे ज्यादा सामान अमेरिका भेजता है।अब चीन के उत्पादों पर 34 फीसद टैरिफ लगेगा।हालांकि, चीन ने भी कहा है कि वह इसका जवाब देगा।ईयू जिस पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगा है, उसने कहा है कि वह भी जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है।ट्रंप ने जापान पर 24% टैरिफ लगाया है। टैरिफ लगने वाले देशों की सूची लंबी है। लगभग सौ देशों पर 'डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ' लगाया गया है।फिर भी हम यहां हम आपको उन देशों के बारे में बता रहे हैं जिन पर टैरिफ की मार सबसे ज्यादा है।चीन पर 34 प्रतिशत, वियतनाम पर 46, कम्बोडिया पर 49, दक्षिण अफ्रीका पर 30, भारत पर 27, थाईलैंड पर 36, यूरोपीय यूनियन पर 20, बांग्लादेश पर 37%, पाकिस्तान पर 29 और मलेशिया पर 24 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगा है। ऐसे तमाम देश और आइलैंड हैं जिन्हें टैरिफ की मार झेलनी पड़ी है।

कई सेक्टर्स में भारत को दी दी छूट

जवाबी टैरिफ और एशिया को अगर देखें तो कई एशियाई देशों पर इसका खासा असर पड़ेगा। ट्रंप ने चीन पर 34 फीसद, वियतनाम पर 46 फीसद और कंबोडिया पर 49 फीसद टैरिफ लगाया है।लेकिन इन देशों की तुलना में भारत की स्थिति काफी बेहतर है..अमेरिका के 26% रेसिप्रोकल टैरिफ के बावजूद, भारत के 50 प्रमुख प्रोडक्ट को छूट मिली है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स (इंसुलिन, विटामिन्स), कीमती धातुएं (सोना, चांदी, प्लेटिनम), सेमीकंडक्टर्स, प्रिंटेड सामग्री और जिंक शामिल हैं। यह छूट भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका को भारत फार्मा प्रोडक्ट (कुल जेनरिक दवाओं का 40%) और धातुओं को बड़ी मात्रा में सप्लाई करता है। इससे इन सेक्टर्स में एक्सपोर्ट स्थिर रहेगा और ट्रेड में बैलेंस बिगड़ने का रिस्क कम हो जाएगा।

अमेरिका के बेहद कम उत्पाद पर भारत लेता है अत्यधिक शुल्क

एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिका ने भले ही भारत पर 27 फीसदी टैरिफ लगाया है लेकिन भारत और अमेरिका के बीच होने वाले ट्रेड को देखें तो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला।UN का ट्रेड डेटा बताता है कि साल 2023 में भारत और चीन में अमेरिकी इंपोर्ट पर 50 फीसदी से ज्यादा टैरिफ केवल 0.3 फीसदी से भी कम इंपोर्ट पर लगा था। यानी अगर भारत में अमेरिका से 1000 प्रोडक्ट इंपोर्ट होते थे तो उनमें से केवल 3 ही प्रोडक्ट पर 50 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लगता था।बाकी पर कम ही वसूला जाता था और भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट होने वाले 0.1 फीसदी से भी कम एक्सपोर्ट पर 25 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लगता था।. तो क्या भारत के केवल 0.1 फीसदी के एक्सपोर्ट पर ही 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगेगा? यानी इसका असर कम दिखेगा?

ट्रंप ने कहा-उन्होंने आंशिक टैरिफ लगाया

कई एक्सपर्ट यह भी मान रहे हैं कि यह जवाबी टैरिफ टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी के क्षेत्र में भारत के लिए यह एक मौका खोल सकता है। अगर भारत अपने आधारभूत ढांचे और नीतियों को मजबूत करे, तो सेमीकंडक्टर्स के मामले में अग्रणी ताईवान के मुकाबले, भारत पैकेजिंग, टेस्टिंग और सस्ते चिप की मैन्युफ़ैक्चरिंग की जगह ले सकता है।हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग गुड्स, जैसे ऑटोमोबाइल पार्ट्स, इंडस्ट्रियल मशीन, और सी फ़ूड के निर्यात को झटका लग सकता है।कुल मिलाकर ट्रंप का यह जवाबी टैरिफ कारोबार में भारत के लिए कई चुनौतियां पेश करने जा रहा है।हालांकि, ट्रंप का कहना है कि टैरिफ का जो चाबुक उन्होंने चलाया है।वह पूरी तरह से जवाबी नहीं बल्कि आशिंक है।उन्होंने पूरा नहीं बल्कि करीब आधा टैरिफ लगाया है।इसलिए देशों को नाराज नहीं बल्कि इसके लिए उन्हें उनका शुक्रगुजार होना चाहिए। और इसे सकारात्मक तरीके से लेना चाहिए। बहरहाल, ट्रंप का टैरिफ वाला यह मुक्ति दिवस ।.कई देशों के लिए कष्ट और पीड़ा दिवस साबित हुआ है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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