पिनाका रॉकेट सिस्टम के तीन नए वेरिएंट से दुश्मनों के बीच खलबली, जानिए इसकी ताकत और मारक क्षमता

डीआरडीओ ने 14 नवंबर को गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया था, जिसे विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंज में तीन चरणों में पूरी किया गया। जानिए इस मिसाइल सिस्टम की खासियतें।

पिनाका से मची खलबली

Pinaka Rocket System: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भारत की तोपखाने क्षमताओं को बढ़ाने के कार्य को लगातार आगे बढ़ा रहा है। अब उसने पिनाका से रॉकेट सिस्टम से जुड़ा ऐसा परीक्षण किया है जो चीन-पाकिस्तान की टेंशन में भारी इजाफा करेगा। डीआरडीओ 120 किमी, 150 किमी और 200 किमी की नई विस्तारित रेंज को शामिल करने के लिए अपने गाइडेड पिनाका रॉकेट सिस्टम (Guided Pinaka Rocket System) को नया रूप दे रहा है। इसी के तहत डीआरडीओ ने 14 नवंबर को गाइडेड पिनाका हथियार प्रणाली का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया था, जिसे विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंज में तीन चरणों में पूरी किया गया।

कुल 12 रॉकेटों का परीक्षण किया गया

इन परीक्षणों के दौरान, रॉकेटों के व्यापक परीक्षण के माध्यम से प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट (PSQR) के मापदंडों, जैसे कि रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड में कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की दर का आकलन किया गया है। हर उत्पादन एजेंसी द्वारा प्रक्षेपक उत्पादन एजेंसियों द्वारा उन्नत किए गए दो सेवारत पिनाका प्रक्षेपकों से प्रक्षेपित 12 रॉकेटों का परीक्षण किया गया। इस निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता में और बढ़ोतरी होगी।

पिनाका प्रणाली को मूल रूप से 40 किमी की पारंपरिक रेंज के साथ मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) के रूप में डिजाइन किया गया है। एमके-I (MK-I)और एमके-II (MK-II) प्रणालियों ने अपनी मजबूत क्षमताओं का प्रदर्शन किया जिसके बाद उन्हें भारतीय सेना की तोपखाने इकाइयों में शामिल किया गया है। गाइडेड पिनाका वेरिएंट 120 किमी, 150 किमी और 200 किमी की बढ़ी हुई रेंज के साथ पहले से कहीं अधिक रेंज और सटीकता प्रदान करेगी।

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