Earth Day 2024: मौसम पैटर्न में लगातार बदलाव, गर्म होती धरती...भविष्य पर खतरे का संकेत
एक नए अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर के कई इलाकों में एक साथ अत्यधिक गर्मी पड़ रही है। यह आने वाले दिनों के लिए ये संकेत और चुनौती है।
ग्लोबल वार्मिंग का खतरा
Earth Day 2024: पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है और यह वह दिन है जब हम पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों और योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। विश्व पृथ्वी दिवस 2024 हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण दिन है और इसमें दुनिया भर में लगभग एक अरब लोगों को जलवायु संकट से निपटने और पर्यावरण की रक्षा के लिए शुरू की जाने वाली गतिविधियों पर फोकस रहता है। इस खास दिन पर हम आपको बता रहे हैं कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से किस तरह धरती लगातार संकट में घिरती जा रही है और इससे सावधान रहना कितना जरूरी है।
दुनिया भर के कई इलाकों में भीषण गर्मी
एक नए अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर के कई इलाकों में एक साथ अत्यधिक गर्मी पड़ रही है। यह आने वाले दिनों के लिए ये संकेत और चुनौती है। 2023 के मौसम और जलवायु की समीक्षा करने वाले नए शोध में यह भी कहा गया है कि पिछले साल सामने आई कई चरम घटनाएं गर्म होती दुनिया के बारे में पहले की गई भविष्यवाणियों के अनुरूप ही रहीं। सबसे गर्म वर्ष की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने कहा कि साल की शुरुआत में रिकॉर्ड तोड़ने वाले गर्म तापमान और अत्यधिक बारिश वाले चक्रवातों से जुड़ी घटनाएं अधिक हुई हैं।
लगातार आ रहे मौसमी बदलाव
शोधकर्ता लगातार मौसमी बदलाव भी देख रहे हैं। जर्नल एडवांस इन एटमॉस्फेरिक साइंस में प्रकाशित अध्ययन में यूके में मौसम कार्यालय के रॉबिन क्लार्क सह-लेखक ने कहा कि हम उन मौसमों में चरम स्थितियों को देख रहे हैं जिनमें आमतौर पर उनकी संभावना कम होती है। उदाहरण के लिए, हीटवेव दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, ब्राजील, मोरक्को और दक्षिण अफ्रीका में वसंत 2023 में दिखाई दीं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके अलावा दुनिया भर के कई क्षेत्र एक साथ अत्यधिक गर्मी का अनुभव कर रहे हैं। ये आने वाले समय के लिए खतरनाक स्थिति है। उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और एशिया के कई क्षेत्रों में पिछले साल जुलाई के महीने में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का सामना किया गया।
चरम मौसमी घटनाएं भविष्य में बदलाव का संकेत
टीम ने यह भी पाया कि तीव्र चक्रवातों ने सितंबर में लीबिया में बाढ़ और जुलाई 2023 में उत्तरी चीन में बाढ़ जैसी घटनाओं को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी भी ग्लोबल वार्मिंग के भविष्य के बारे में अनुमानों को सच साबित कर रही है। संस्थान के वेन्क्सिया झांग ने कहा, 2023 की कई घटनाएं गर्म होती दुनिया में अनुमानित भविष्य के बदलावों के अनुरूप हैं, जो आने वाली चुनौतियों को दर्शाती हैं। इनमें से कुछ घटनाएं हैरान करने वाली थीं, जो बताती हैं कि अभी भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है।
सूखे-बाढ़ का मिश्रण बेहद खतरनाकलेखकों ने कहा कि अमेरिका के कैलिफोर्निया और हॉर्न ऑफ अफ्रीका में सूखा 2023 में बाढ़ में बदल गया और आने वाले दशकों में ऐसी और घटनाएं होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और सूखा अलग-अलग होने की तुलना में सूखे से बाढ़ की घटनाओं का मिश्रित प्रभाव अधिक गंभीर हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जंगल की आग, जैसे कि पिछले साल हवाई और कनाडा में लगी थी, ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के उद्देश्य से उत्सर्जन लक्ष्यों को खतरे में डालने के साथ-साथ व्यापक नुकसान का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि जंगल की आग के कारण पारिस्थितिकी तंत्र अत्यधिक दबाव में आ गया है। लेखकों ने जलवायु खतरों से निपटने की बेहतर तैयारी के लिए बेहतर भविष्यवाणियों और शुरुआती चेतावनी प्रणालियों का आह्वान किया है।
कब से मनाया जा रहा पृथ्वी दिवस?पृथ्वी दिवस की अवधारणा 1960 के दशक के बाद शुरू हुई। इस दौर में पर्यावरण के मुद्दों पर सार्वजनिक बहस में बढ़ोतरी देखी गई। रेचेल कार्सन की किताब साइलेंट स्प्रिंग (1962) और सांता बारबरा ऑयल स्पिल (1969) ने पर्यावरण विनाश के बारे में जागरूकता बढ़ाई। हालांकि, इसे पहली बार अमेरिका में स्वीकार किया गया था जब संयुक्त राष्ट्र ने 1972 में आधिकारिक तौर पर इसे स्वीकार किया था। शांति कार्यकर्ता जॉन मैक्कोनेल ने 1969 के यूनेस्को सम्मेलन में पृथ्वी और शांति के सम्मान में एक दिन मनाने का विचार प्रस्तावित किया था। इसके बाद सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन और कार्यकर्ता डेनिस हेस के नेतृत्व में यह एक राष्ट्रीय शिक्षण के रूप में शुरू हुआ था।
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