Explained: इधर हेमंत सोरेन ने बनाया दोबारा CM बनने का प्लान, उधर ईडी ने बढ़ा दी मुश्किलें; समझें अब क्या होगा

Hemant Soren Case Explainer: एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बनने के लिए हेमंत सोरेन तैयार हैं। इसी बीच ईडी ने उनकी टेंशन में जबरदस्त इजाफा कर दिया है। सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिली, तो चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया, हेमंत के ताजपोशी की तैयारी शुरू हुई ही थी कि जांच एजेंसी ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।

ED increased Hemant Soren's Tension

ईडी ने बढ़ाई हेमंत सोरेन की टेंशन।

ED Increased Hemant Soren's Tension: झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत दी, तो उन्होंने थोड़ी राहत की सांस ली ही थी कि ईडी ने उनकी मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी। चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री की कुर्सी वापस हेमंत को सौंपने का जैसे ही फैसला लिया, जांच एजेंसी चौकन्ना हो गई। हेमंत सोरेन को 5 महीने बाद 28 जून को जेल से रिहाई मिली, तो अब 3 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद कहां तक हेमंत सोरेन सीएम पद की शपथ लेने की तैयारी करते, यहां उल्टे ईडी ने उनकी टेंशन में इजाफा कर दिया।

क्या फिर जेल जाएंगे हेमंत सोरेन?

हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट ने कथित जमीन घोटाले में जमानत भले ही दे दी हो, लेकिन अब तक उनका सिरदर्द खत्म नहीं हुआ है। अभी भी उनके खिलाफ मामला चल ही रहा है, उन्हें इस मामले में क्लीन चिट नहीं मिली है। ऐसे में यदि उनकी दोबारा गिरफ्तारी हो जाती है, तो ज्यादा हैरानी नहीं होगी। यदि हेमंत की दोबारा गिरफ्तारी होगी तो कहीं न कहीं उनको इस बात पर अफसोस होगा कि आखिर उन्होंने क्यों दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का फैसला लिया।

क्या केजरीवाल की राह पर चलेंगे सोरेन?

एक सवाल बड़ा अहम हो जाता है कि यदि सुप्रीम कोर्ट की ओर से हेमंत सोरेन को झटका लगा और यदि वो दोबारा गिरफ्तार होते हैं, तो क्या जेल जाने से पहले वो फिर से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, कुर्सी छोड़ेंगे या फिर वो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पदचिन्हों पर चलेंगे? ये सवाल इसलिए उठता है, क्योंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले सोरेन गिरफ्तार हुए थे, हालांकि अब केजरीवाल जेल में रहते हुए सीएम बने हुए हैं, तो कहीं न कहीं सोरेन भी इस बात पर जरूर विचार करेंगे कि वो भी जेल से ही सरकार चलाएं।

जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी ईडी

ये सभी सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को धन शोधन के एक मामले में जमानत देने के उच्च न्यायालय के हालिया आदेश को विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के जरिए चुनौती देते हुए जल्द ही उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से मिली थी जमानत

ईडी न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की पीठ द्वारा 28 जून को पारित आदेश को चुनौती दे सकती है। ईडी के मुताबिक, अदालत का यह कहना कि सोरेन 'दोषी नहीं' हैं, गलत है और आरोपी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 की निर्धारित दोहरी शर्तों पर खरा नहीं उतरते हैं। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा था कि इस तथ्य को स्वीकार करने का कारण है कि ईडी ने जो आरोप लगाये हैं, सोरेन उस अपराध के दोषी नहीं हैं और याचिकाकर्ता के इस तरह का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।
पीएमएलए की धारा 45 के तहत प्रावधान है कि धन शोधन मामले में आरोपी को जमानत तभी दी जा सकती है, जब वह दो शर्तें पूरी करता हो। पहली, अगर न्यायालय प्रथम दृष्टया संतुष्ट हो कि आरोपी ने अपराध नहीं किया है और दूसरी, जमानत पर रहते हुए उसके द्वारा कोई अपराध करने की संभावना नहीं है। संघीय एजेंसी अपनी विशेष याचिका में इन आधारों के साथ उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है।

अब हेमंत सोरेन का क्या होगा?

हाईकोर्ट ने जिस दिन सोरेन को राहत प्रदान की, उसी दिन ईडी की कानूनी टीम ने जमानत आदेश के क्रियान्वयन पर 48 घंटे की रोक लगाने की अर्जी दी ताकि वे फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे सकें लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी। अब ये देखना अहम होगा कि हेमंत सोरेन का क्या होता है, उन्हें झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले फिर से सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा या फिर ईडी की इस अपील को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर देता है।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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