Explained: एकनाथ शिंदे को साथ रखना भाजपा के लिए जरूरी और मजबूरी दोनों, अगर नजरअंदाज किया तो... समझिए सारा गुणा-गणित

Maharashtra: अब एकनाथ शिंदे का क्या होगा? इस सवाल का जवाब शायद ही कोई जानता होगा। भले ही शिंदे ने ये स्वीकार कर लिया है कि अब महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री भाजपा से ही होगा, लेकिन भाजपा के लिए शिंदे को नजरअंदाज कर पाना जरा भी आसान नहीं होगा। उसकी एक बड़ी वजह है, आपको सबकुछ समझाते हैं।

भाजपा के लिए एकनाथ शिंदे की कितनी अहमियत है?

Next CM of Maharashtra: एकनाथ शिंदे नहीं, तो महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? देवेंद्र फडणवीस इस रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। लेकिन असल सवाल ये है कि अगर शिंदे सीएम नहीं बनेंगे, तो उनकी भूमिका क्या हो सकती है? अगर वो भाजपा से नाराज हो जाते हैं, तो उनकी नाराजगी का भाजपा पर कितना प्रभाव पड़ सकता है? महाराष्ट्र की सियासत के अलावा, लोकसभा में भी शिंदे की पार्टी का अहम योगदान है। ऐसे में यदि उन्हें नजरअंदाज किया जाता है तो मोदी सरकार कमजोर पड़ सकती है।

लोकसभा में कितनी अहम है एकनाथ शिंदे की भूमिका?

केंद्र की फिलहाल भाजपा नीत गठबंधन NDA की सरकार है, जिसमें एकनाथ शिंदे की शिवसेना के सात सांसदों का योगदान है। यदि गुणा-गणित समझने की कोशिश की जाए। तो मोदी सरकार में कुल 292 सांसद हैं। संसद में कुल 543 सदस्य चुनकर पहुंचते हैं। बहुमत के लिए 272 सांसदों की दरकार होती है, इस जादुई आंकड़ों से 20 अधिक सांसद एनडीए के खेमे में हैं। एनडीए की मुख्य पार्टियों के नंबर कुछ इस प्रकार हैं।

लोकसभा में NDA

पार्टीसीट
भाजपा240
टीडीपी16
जेडीयू12
शिवसेना7
अन्य17
कुल292
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