एक ऑटो चालक से महाराष्ट्र के CM की कुर्सी तक कैसे पहुंचे एकनाथ शिंदे? समझिए सारा सियासी खेल

Maharashtra Politics: सियासत में कुछ भी संभव है, इसका एक बड़ा उदाहरण एकनाथ शिंदे भी हैं। एक ऑटो-रिक्शा चालक ने राजनीति में न सिर्फ नाम कमाया, बल्कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा। आपको बताते हैं कि एकनाथ शिंदे का राजनीतिक सफर कैसा रहा। विद्रोह के बाद मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए, कर्मठ व्यक्ति की छवि बनाई।

एकनाथ शिंदे का राजनीतिक सफर

Eknath Shinde's Political Journey: राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। और बात जब महाराष्ट्र के सियासत की हो रही हो, तो शायद बड़े से बड़े राजनीतिक पंडितों की भविष्यवाणी फीकी पड़ जाती है। इस सूबे में कब क्या होने वाला है, इसका अंदाजा भी लगा पाना किसी के वश की बात नहीं है। हम एकनाथ शिंदे की बात कर रहे हैं, आने वाले वक्त में जिनके सफर को शायद ही कोई भुला पाएगा। वर्ष 2022 में शिवसेना से बगावत करने वाले वरिष्ठ नेता एकनाथ संभाजी शिंदे ने महाराष्ट्र में एक तेजतर्रार व कर्मठ नेता की छवि हासिल की है जिसे उन्होंने महायुति सरकार के नेतृत्व के दौरान ढाई साल के अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में आकार दिया।

फडणवीस सरकार में शिंदे ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ

एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके (शिंदे के) कुछ उत्साही समर्थक भले ही इसे "पदावनति" बता रहे हों, लेकिन कभी ऑटो-रिक्शा चालक रहे शिंदे हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के दमदार प्रदर्शन के आधार पर यह दावा कर सकते हैं कि वही शिवसेना की विरासत के वास्तविक उत्तराधिकारी हैं।

नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिंदे ठाणे जिले के कोपरी-पचपखाड़ी से विधायक चुने गए और उन्होंने पार्टी को भी शानदार जीत दिलाई। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से 57 पर जीत हासिल की। वहीं, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (उबाठा) का प्रदर्शन बहुत खराब रहा और वह केवल 20 सीट जीत सकी।

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