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यूक्रेन पर अमेरिका के U-टर्न से सूखा यूरोप का गला, ट्रंप के रुख से डरे यूरोप के देश

Russia Ukraine War : बीते 20 जनवरी से पहले सब कुछ ठीक चल रहा था। जेलेंस्की हीरो थे। अमेरिका सहित दुनिया भर में घूम रहे थे। अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे। टाइम मैगजीन पर छप रहे थे। रूस से लोहा लेने के लिए इनकी खूब तारीफ हो रही थी लेकिन 20 जनवरी के बाद हालात बदल गए। राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने मिस्र और इजरायल को छोड़कर अन्य देशों को जारी होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी।

Donald TrumpDonald TrumpDonald Trump

वाशिंगटन जाएंगे स्टार्मर और मैक्रों।

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के लिए अमेरिका और रूस के बीच बातचीत शुरू हो गई है। पिछले दिनों सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो, रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावारोव और दोनों देशों के बीच वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई। यानी युद्ध खत्म कराने की दिशा में शुरुआत हो गई है। लेकिन खास बात यह है कि इस बैठक में यूक्रेन या यूरोप के किसी देश को शामिल नहीं किया गया। यूरोप के वही देश जो जेलेंस्की के पीछे खड़े हैं लेकिन ट्रंप ने इन्हें भी नहीं बुलाया। यूक्रेन के राष्ट्रपति, इस युद्ध को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बातें कहीं उससे यूरोप के देशों में हड़कंप मच गया है, उनका गला सूख गया है कि अब क्या होगा। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है अमेरिकी मदद के बिना वे कितने समय तक जेलेंस्की की मदद कर पाएंगे। इसी हड़बड़ाहट में फ्रांस में मैक्रों ने बैठक बुलाई। यूक्रेन की मदद को लेकर यूरोप मझधार में फंस गया है।

अमेरिकी मदद का चैप्टर बंद!

दरअसल, बीते 20 जनवरी से पहले सब कुछ ठीक चल रहा था। जेलेंस्की हीरो थे। अमेरिका सहित दुनिया भर में घूम रहे थे। अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे। टाइम मैगजीन पर छप रहे थे। रूस से लोहा लेने के लिए इनकी खूब तारीफ हो रही थी लेकिन 20 जनवरी के बाद हालात बदल गए। राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने मिस्र और इजरायल को छोड़कर अन्य देशों को जारी होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी। हालांकि, इस आदेश में यह नहीं कहा गया कि अमेरिका यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगा रहा है लेकिन मिस्र और इजरायल को छोड़कर बाकी देशों में यूक्रेन भी शामिल है। तो ट्रंप ने पहले फंडिंग रोकी और अब जेलेंस्की और युद्ध को लेकर जो बातें कहीं हैं, वह पूरी तरह से बाइडेन प्रशासन के समय से उलटा है। यह यू-टर्न है। जेलेंस्की के बारे में ट्रंप का नजरिया पहले से ही ठीक नहीं था। वह जेलेंस्की को शुरू से ही पसंद नहीं करते हैं। कई बार वह उनका मजाक उड़ा चुके हैं। अब ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्रूथ सोशल पर जेलेंस्की और यूक्रेन के लिए जो बातें कहीं हैं, वह साफ दिखाता है कि अब अमेरिका से जेलेंस्को को किसी तरह की मदद नहीं मिलने वाली है। एक तरह से मदद का चैप्टर बंद हो गया है। इस पोस्ट में ट्रंप ने यूरोप के देशों को भी खरी-खोटी सुनाई है।

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यूरोप पर अमेरिका ने 200 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च किया

अपने इस लंबे-चौड़े पोस्ट में ट्रंप ने जेलेंस्की, अमेरिकी मदद, बाइडेन, यूरोप सभी को लपेटा है। सबसे पहले बात जेलेंस्की और यूक्रेन को दी गई अमेरिकी मदद के बारे में। तो इस पोस्ट में ट्रंप ने जेलेंस्की को कॉमेडियन कहा है, लेकिन थोड़े शक-सुबहा के साथ। ट्रंप का कहना है कि जेलेंस्की कॉमेडियन तो है लेकिन पूरी तरह से सफल कॉमेडियन नहीं है। इसके बाद ट्रंप ने कहते हैं कि जेलेंस्की ने अमेरिका के 350 अरब डॉलर के खर्चे की बात की है। दरअसल, यह युद्ध होना ही नहीं चाहिए था। दूसरा अमेरिका और ट्रंप के बिना वह इस युद्ध का हल नहीं निकाल पाएंगे। अमेरिका ने यूरोप पर 200 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च किया है। यूरोप ने जो पैसा खर्च किया है वह तो उसे मिल जाएगा लेकिन अमरिका को कुछ नहीं मिलेगा। ट्रंप ने बाइडेन से भी पूछा कि उन्होंने इस युद्ध के लिए यूरोप के देशों से क्यों नहीं कहा कि वे भी अमेरिका के बराबर ही पैसा खर्च करें? क्योंकि यह लड़ाई अमेरिका से ज्यादा उनके लिए अहमियत रखती है।

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