बालासोर ट्रेन हादसे में 'फेल सेफ' ने भी नहीं किया काम ! आखिर क्या है यह टेक्निक
Balasore Train Accident Reason: बालासोर ट्रेन हादसे पर बीजेपी का कहना है कि पहली नजर में यह साजिश है। पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि अगर इंटरलॉकिंग सिस्टम में कोई तकनीकी खराबी आती तो फेल सेफ सिस्टम तुरंत काम करने लगता है।
ओडिशा के बाहानगा बाजार के करीब हुआ था ट्रेन हादसा
Balasore Train Accident Reason: शुक्रवार यानी 2 मई का दिन ना सिर्फ ओडिशा के लिए कष्टकारी रहा बल्कि पूरे देश में मातम पसरा। बालासोर के बाहानगा बाजार स्टेशन से कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन अप लाइन पर आगे बढ़ी थी कि ट्रेन अप लाइन से लूप लाइन पर जाकर पहले से खड़ी मालगाड़ी ट्रेन से टकराई। जिस समय टक्कर हुई उसी समय डाउन लाइन से एक और ट्रेन से कोरोमंडल एक्स्प्रेस की तीन बोगियां टकराईं और वो ट्रेन भी बेपटरी हो गई। उस हादसे में 275 से अधिक लोगों की मौत हुई है और एक हजार से अधिक लोग घायल हैं। हादसे की जांच सीबीआई कर रही है। लेकिन कयासों का बाजार गर्म है। कोई इसे उपकरणों में खामी तो कोई मानवीय भूल तो कोई साजिश बता रहा है। दरअसल पूर्व रेलवे मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा जिस तरह से हादसा हुआ है उससे पहली नजर में साजिश की बू नजर आ रही है। उन्होंने फेल सेफ के सक्रिय होने का हवाला दिया। अब यह क्या इसके बारे में जानना जरूरी है।
यह भी पढ़ें: Odisha में रेल हादसाः CBI ने टेकओवर किया केस, DRM को शक- सिग्नल सिस्टम से हुई छेड़छाड़
क्या है फेल सेफ टेक्निक
पहले के समय में आमतौर पर जब ट्रेन को मेन लाइन से लूप लाइन या लूप लाइन से मेन लाइन पर ट्रैक बदलने का मैनुअल होता था। लेकिन अब मानवीय हस्तक्षेप कम है। मशीनों के जरिए यानी इंटरलॉकिंग सिस्टम के जरिए ट्रैक को लॉक कर दिया जाता है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या बालासोर के बाहानगर स्टेशन पर इंटरलॉकिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा था। जानकार बताते हैं कि अगर इंटरलॉकिंग सिस्टम में खराबी आती तो फेल सेफ सिस्टम खुद ब खुद सक्रिय हो जाता और उस रूट पर जितने भी सिग्नल्स होते वो सभी रेड हो जाते। यानी कि ट्रेन के पहिए खुद ब खुद रुक जाते। दरअसल फेल सेफ सिस्टम में एक पैनल से दूसरे पैनल को जानकारी नहीं मिलती है लिहाजा उस दशा में सिर्फ और सिर्फ रेड सिग्नल काम करता है। अब जिस तरह से यह हादसा हुआ है उसमें यह कहना कि अत्याधुनिक मशीनें फेल हो गईं गलत होगा। यह निश्चित तौर पर किसी साजिश की तरफ इशारा कर रही है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें
सैनिकों से कमी से जूझ रहे रूस ने तेज किया युद्ध, पर जल्द शांति समझौते की है दरकार
यूक्रेन को तबाही का हथियार दे रहा अमेरिका, आखिर कीव की मदद के लिए इतने उतावले क्यों हैं बाइडेन?
महाराष्ट्र में बंपर वोटिंग, टूटा 30 साल का रिकॉर्ड, आएगी MVA सरकार या महायुति की वापसी के आसार?
GSAT-20 हुआ लॉन्च, भारत में आएंगे क्रांतिकारी बदलाव, जानिए इससे होंगे क्या-क्या फायदे
बढ़ी रियाद और तेहरान की करीबियां, पश्चिम एशिया के हालातों पर पड़ेगा सीधा असर
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited