Rythu Bandhu Scheme: क्या है रायतु बंधु योजना, तेलंगाना चुनाव के बीच EC ने क्यों लिया इसे रोकने का फैसला
2018 में शुरू की गई रायतु बंधु योजना के तहत किसानों की जरूरतों को पूरा करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रति एकड़ 5,000 रुपये का नकद अनुदान दिया जाता है।
क्या है रायतु बंधु योजना
Rythu Bandhu scheme: चुनाव आयोग (EC) ने रायतु बंधु योजना (Rythu Bandhu scheme) को लेकर तेलंगाना सरकार को बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने इस योजना के तहत वित्तीय सहायता बांटने के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति वापस ले ली है। चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के कारण ये फैसला लिया है। राज्य के एक मंत्री द्वारा इस पहल पर सार्वजनिक बयान देने के बाद चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता (MCC) के उल्लंघन का हवाला देते हुए नया निर्देश जारी किया है। आइए जानते हैं कि क्या है रायतु बंधु योजना।
5000 रुपये मिलता है अनुदान
2018 में शुरू की गई रायतु बंधु योजना के तहत किसानों की जरूरतों को पूरा करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रति एकड़ 5,000 रुपये का नकद अनुदान दिया जाता है। रायतु बंधु योजना को किसान निवेश सहायता योजना के रूप में भी जाना जाता है,और यह 2018 में तेलंगाना सरकार द्वारा शुरू किया गया किसानों के लिए एक कल्याण कार्यक्रम है। योजना के तहत, राज्य सरकार की ओर से तेलंगाना में 58 लाख किसानों को दो फसलों के लिए कृषि निवेश के रूप में प्रति एकड़ 5,000 रुपये दिए जाते हैं।
यह राशि साल में दो बार दी जाती है, एक बार खरीफ की फ़सल के लिए और एक बार रबी की फसल के लिए। रायतु बंधु योजना देश की पहली प्रत्यक्ष किसान निवेश सहायता योजना है जहां लाभार्थी को सीधे नकद भुगतान किया जाता है। इस योजना की शुरुआत 2018 में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने की थी और इस योजना के लिए राज्य के बजट से 12,000 रुपये करोड़ आवंटित किए गए थे।
चुनाव आयोग ने दी थी अनुमति
चुनाव आयोग ने कुछ शर्तों के तहत अक्टूबर-जनवरी अवधि के दौरान किसानों को उनकी रबी फसल उगाने के लिए वित्तीय सहायता देने के लिए तेलंगाना सरकार को अनुमति दी थी। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से आचार संहिता के अस्तित्व में आने के बाद इसके वितरण का प्रचार नहीं करने को कहा था।
चुनाव आयोग ने क्यों लिया फैसला
चुनाव आयोग ने इस सीजन में रबी फसल के लिए धन के वितरण की अनुमति दी थी, बशर्ते कि उन्हें चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान प्रचारित न किया जाए। लेकिन राज्य के वित्त मंत्री ने इसकी सार्वजनिक घोषणा कर दी जिसे आदर्श संहिता का उल्लंघन माना गया। उन्होंने कहा था, राशि का वितरण सोमवार को किया जाएगा। किसानों का नाश्ता और चाय पूरा होने से पहले ही राशि उनके खाते में जमा कर दी जाएगी।
वित्त मंत्री का बयान पड़ा भारी
चुनाव आयोग ने राज्य के वित्त मंत्री टी हरीश राव के बयान पर गौर करते हुए अब इसकी अनुमति वापस ले ली है। इसमें कहा गया कि मंत्री की टिप्पणी से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है और इसने चुनाव प्रक्रिया में समान अवसर को बाधित किया है। चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार को आदेश दिया कि वह इस योजना के तहत तब तक कोई वितरण न करे जब तक कि राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। राज्य सरकार को इसकी अनुपालन रिपोर्ट भी सौंपने को कहा गया है। 119 विधानसभा सीटों वाले तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव में बीआरएस, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
Explained: संभल में क्यों भड़की हिंसा, आखिर क्या है जामा मस्जिद के सर्वे से जुड़ा विवाद? 10 पॉइंट में समझिए सबकुछ
महाराष्ट्र के विदर्भ में सब पर भारी ‘भाजपा’, जानें कैसे 29 से 34 सीटों तक पहुंची भगवा ब्रिगेड
UP By Election: 10 प्वाइंट में समझिए बीजेपी की वो रणनीति, जिसने भेद दिया अखिलेश का 'चक्रव्यूह'; जीत लिया यूपी का सेमीफाइनल
देवेंद्र फडणवीस पर मान जाएंगे एकनाथ शिंदे या करेंगे कोई खेला, अब शुरू होगी महाराष्ट्र में असली लड़ाई
यूपी के कुंदरकी में एकमात्र हिंदू उम्मीदवार 11 मुस्लिमों से आगे; 30 साल बाद BJP मार सकती है बाजी
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited