वो कंपनी जिसने पहली बार बनाए थे Ballot Box, कीमत थी बस 4 रुपये...पढें देश के पहले चुनाव का रोचक किस्सा

Ballot Box: चुनाव आयोग के सामने एक और समस्या थी कि भारत में बड़ी संख्या में लोग अशिक्षित थे और वे उम्मीदवार का नाम पढ़ सकते में सक्षम नहीं थे। ऐसे में हर मतदान केंद्र पर हर उम्मीदवार के लिए अलग-अलग रंग के बैलेट बॉक्स रखे गए। चुनाव आयोग ने पहचान के लिए इन बैलेट बॉक्स पर उम्मीदवार के नाम के साथ उसका चुनाव चिह्न भी चिपका दिया था।

बैलेट बॉक्स

Ballot Box: आजादी के बाद देश की रंगत तेजी से बदल रही थी। हालांकि, भारत अपने कदम फूंक-फूंक कर आगे बढ़ा रहा था। उसे अंग्रेजों से स्वतंत्रता तो मिल गई थी, लेकिन अब भारत को एक बड़ी कसौटी पर खरा उतरना था...वो कसौटी थी लोकतंत्र की। देश में पहली बार चुनाव होने जा रहे थे और संसाधनों की कमी से जूझ रहा देश वो हर प्रबंध कर रहा था, जिससे लोकतांत्रिक देशों के इतिहास में भारत का नाम हमेशा के लिए दर्ज हो जाए।

बात पहले चुनाव की है। लोगों को बैलेट पेपर (मतपत्र) से अपना वोट डालना था। मतपत्रों को छपवाने का तो जुगाड़ हो चुका था, लेकिन देश के सामने बड़ी चुनौती इतनी बड़ी संख्या में बैलेट बॉक्सों की व्यवस्था करने की थी। चुनावी खर्च को कम से कम रखते हुए ऐसे बैलेट बॉक्स बनवाए जाने थे, जो हर तरह से मुफीद हों। ऐसे में सबसे पहले इन बैलेट बॉक्स की डिजाइन तय हुई और फिर कई कंपनियों को इसे बनाने का टेंडर दिया गया। इस चुनावी किस्से में आज हम इन्हीं बैलेट बॉक्स की दास्तान का जिक्र करने जा रहे हैं...

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