23 साल में पहली बार क्रैश हुआ LCA तेजस, जानें 5 बातें जो इस फाइटर प्लेन को बनाती हैं बेजोड़
Tejas Fighter Jet: विमान हादसे के समय फायरिंग रेंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई देशों के राजनयिक और सेना के अधिकारी मौजूद थे। विमान हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। तेजस ने अपनी पहली उड़ान 2001 में भरी थी।
हल्का लड़ाकू विमान है तेजस।
Tejas Fighter Jet: स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मंगलवार को राजस्थान के जैसलमेर में हादसे का शिकार हो गया। हादसा उस समय हुआ जब यह पोकरण फायरिंग रेंज में चल रहे 'भारत शक्ति युद्धाभ्यास' में शामिल होकर अपने बेस पर लौट रहा था। इसी दौरान उसमें तकनीकी खराबी आ गई है और वह एक हॉस्टल से जा टकराया। गनीमत यह रही कि इस हॉस्टल में कोई नहीं था। विमान का पायलट भी समय रहते प्लेन से सुरक्षित इजेक्ट कर गया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
HAL ने किया है तेजस का निर्माण
विमान हादसे के समय फायरिंग रेंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई देशों के राजनयिक और सेना के अधिकारी मौजूद थे। विमान हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। तेजस ने अपनी पहली उड़ान 2001 में भरी थी और वायु सेना में वह 2016 में शामिल हुआ। पहली बार उड़ान भरने के बाद यह उसके साथ हुआ पहला हादसा है। तेजस का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड ने किया है। इसका निर्माण 1983 के लाइट कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुआ। तेजस की खासियत एवं इसकी बेजोड़ क्षमताओं को देखते हुए फिलिपींस, अर्जेंटीना, नाइजीरिया और मिस्र जैसे देश इसे खरीदना चाहते हैं।
तेजस की 5 बातें जो बनाती हैं इसे बेहतरीन फाइटर- तेजस सिंगल सीटर फाइटर प्लेन है। दो सीट वाले ट्रेनर तेजस का इस्तेमाल भी वायु सेना और नौसेना करती हैं। तेजस की पहली उड़ान 2001 में हुई थी। 2016 में इसे वायु सेना को सौंप दिया गया।
- तेजस हल्का लड़ाकू विमान और 4.5 पीढ़ी का मल्टी रोल फाइटर प्लेन है। लड़ाई के समय यह अन्य लड़ाकू विमानों की मदद और जमीन पर हवाई हमले करने में यह बेहद कारगर है।
- तेजस की स्पीड 2205 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसकी लंबाई 13.20 मीटर और वजन 6500 किलो है। इसकी ऊंचाई 4.40 मीटर और विंग स्पैन 8.20 मीटर है। यह एक बार में 3000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।
- तेजस के कलपुर्जे भारत में ही तैयार हुए हैं। इसमें इजरायल का रडार लगा है। तेजस एक साथ 10 लक्ष्यों पर निशाना लगाने में सक्षम है। इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि वह छोटे रनवे पर भी टेकऑफ और लैंड कर सकता है। इसकी बनावट में कार्बन फाइबर, टाइटेनियम और एलुमिनिमय का इस्तेमाल हुआ है।
- तेजस में 20 हजार फीट की ऊंचाई पर भी ईंधन भरा जा सकता है। इसमें अलग-अलग तरह की 6 मिसाइलें तैनात हो सकती है। तेजस में बियॉन्ड विजुअल्स रेंज की मिसाइलें लगाई जा सकती है।
40 तेजस विमान पहले ही IAF में
तेजस हवाई युद्ध और आक्रामक वायु सहायता मिशनों के लिए एक शक्तिशाली हथियार माना जाता है। वायु सेना इसे अपना मुख्य हथियार बनाना चाहती है। वायु सेना में इसमें शुरुआती संस्करण के लगभग 40 तेजस विमान पहले ही शामिल किए जा चुके हैं। फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए विमान की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया। गत नवंबर में मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस विमान के एक अतिरिक्त बेड़े की खरीद के लिए प्रारंभिक मंजूरी दी थी।
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