5 महीने से बारिश का इंतजार, पारा भी कर रहा वार, कर्नाटक में क्यों गहराया संकट?

No Rain in Karnataka: भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1 मार्च से अब तक पूरे राज्य में 94 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। राज्य में सामान्य 17 मिमी के मुकाबले 1 मिमी बारिश हुई है।

Rain crisis in Karntaka

Karnataka Rain Crisis: कर्नाटक नए संकट में है। पिछले पांच महीनों से कई जगहों पर बहुत कम या बिल्कुल बारिश नहीं हुई है। अब गर्मियां शुरू हो गई हैं, पानी से संकट से जूझ रहे कई इलाकों में हालात और बिगड़ने का अंदेशा है। विशेषज्ञों का कहना है कि केवल शहरी क्षेत्र ही कम बारिश दर्ज नहीं कर रहे हैं, कि पश्चिमी घाट के क्षेत्र विशेष रूप से अगुम्बे के वर्षावनों में भी लंबे समय तक सूखा दर्ज किया गया है। स्थानीय लोगों, मौसम विज्ञानियों और विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दो वर्षों में स्थिति ऐसी ही रही है, गर्मी असाधारण रूप से बढ़ रही है।

2022 से बारिश का पैटर्न खराब

मार्च 2022 से क्षेत्र में बारिश का पैटर्न खराब रहा है, और यह चिंता का विषय बनता जा रहा है। शोधकर्ताओं ने क्षेत्र में किंग कोबरा, उभयचर और अन्य प्रजातियों के घोंसले और प्रजनन पैटर्न पर अध्ययन किया है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में गर्मी के तापमान में 34-35 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी जूनोटिक बीमारियों में बढ़ोतरी, निचले प्रवाह में पानी की उपलब्धता में कमी और मुहाने में नमक में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं।

इस बार पूरी तरह से सूखा

अगुम्बे के प्रसिद्ध सांप विशेषज्ञ गौरी शंकर कहते हैं, आम तौर पर मार्च तक कम से कम बारिश का दौर होता था, लेकिन इस बार यह पूरी तरह से सूखा है। पिछले साल जुलाई-अगस्त में आसमान साफ था। अचानक और असामयिक बारिश होने से सरीसृप विज्ञान प्रभावित हो रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 1 मार्च से अब तक पूरे राज्य में 94 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। राज्य में सामान्य 17 मिमी के मुकाबले 1 मिमी बारिश हुई है। अगुम्बे में 18 फीसदी और शिवमोग्गा में 87 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है।

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