Fixed Deposit: भारतीय FD में कितनी बचत करते हैं? दिल्ली सबसे आगे, जानिए अन्य राज्य के लोगों का हाल
Fixed Deposit: महामारी के बाद जो अनिश्चितता का माहौल पैदा हुआ था, उसके बाद भारतीय निवेशकों द्वारा ऐसे निवेश एवेन्यू को पसंद किया जाने लगा जिन पर सही-सही रिटर्न की गणना की जा सकती है। फिक्स्ड ब्याज दर ऑफर करने वाली एफडी जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गई।
देश में फिक्स्ड डिपॉजिट का क्या हाल है (तस्वीर-BCCL)
Fixed Deposit: भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट्स को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है। उनको भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेग्यूलेट तथा उनकी निगरानी की जाती है और पूरे भारत में फिक्स्ड डिपाजिट को बैंकों तथा नॉन-बैकिंग फाईनेंशियल इंस्टीट्यूशन द्वारा ऑफर किया जाता है। दशकों से, बचत में बढ़ोतरी करने के सुरक्षित तरीके के तौर पर एफडी, जोखिम से बचने वाले निवेशकों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प रहा है। पिछले कुछ समय से, ब्याज दरों में गिरावट के कारण किसी हद तक एफडी का आकर्षण कम हो गया था, जिसके कारण उन इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश में बढ़ोतरी हुई जिस पर ब्याज की उच्च दरें प्राप्त होती थीं, जैसे म्यूचुअल फंड तथा कुछ खास सरकारी स्कीमें।
महामारी के बाद जो अनिश्चितता का माहौल पैदा हुआ था, उसके बाद भारतीय निवेशकों द्वारा ऐसे निवेश एवेन्यू को पसंद किया जाने लगा जिन पर सही-सही रिटर्न की गणना की जा सकती है। यही मुख्य कारण रहा कि पहले से तय अवधि के लिए फिक्स्ड ब्याज दर ऑफर करने वाली एफडी जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गई। ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण एफडी का और भी अधिक प्रचार-प्रसार हुआ है। लेकिन ब्याज की दरों में गिरावट की स्थिति में, निवेशकों का रूझान हायर इंकम जेनरेटिंग प्रोडक्ट में निवेश करने का रहता है।
कम जोखिम उठाने वाले निवेशक अक्सर म्यूचल फंड और स्टॉक्स को उच्च जोखिम निवेश मानते हैं। दूसरी तरफ, स्टॉक में निवेश करने के लिए व्यक्ति को निवेश से पहले उनके बारे में समुझित समझ होनी चाहिए। इस प्रकार वे निवेशक जो सरल विकल्प चाहते हैं, वे एफडी को चुनना पसंद करते हैं, क्योंकि इनमें मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव का फर्क नहीं पड़ता है, और इस तरह से डिपाजिट पर फिक्स्ड रेट ब्याज प्राप्त होता है।
पूरे भारत में लोग अनेक कारणों से फिक्स्ड डिपाजिट पर भरोसा करते हैं- एश्योर्ड रिटर्न, कैपिटल की सुरक्षा, आसान लिक्विडिटी आदि शामिल हैं। रिटायर व्यक्ति, समय-समय पर फिक्स्ड ब्याज पे-आउट के लिए फिक्स्ड डिपाजिट को पसंद करते हैं। इससे उनकी रिटायरमेंट के दौरान उनको स्टेबल इंकम मिलती रहती है। हाल में आरबीआई द्वारा जारी डेटा से हमें यह जानकारी मिलती है कि भारत में फिक्स्ड डिपाजिट में किस तरह से निवेश किया जाता है।
मौजूदा समय में, औसत बैंक एफडी 42,500/- रुपये के आसपास है। दिल्ली तथा महाराष्ट्र में औसत डिपाजिट राशि देश के दूसरे राज्यों की तुलना में अधिक है। दिल्ली में औसत डिपाजिट राशि 80,000/- रुपये है, जिसके बाद महाराष्ट्र का नम्बर आता है, और वहां पर औसत डिपाजिट राशि 73,000/- रुपये है। दक्षिण भारतीय राज्य, राशि और औसत में बहुत आगे हैं, जबकि पूर्वोत्तर राज्य जैसे मिज़ोरम और सिक्किम औसत के मामले में आगे हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट्स में कितना निवेश करते हैं भारतीय
डेटा के अनुसार, दिल्ली में भारत में वाल्यूम के नजरिए से समस्त डिपाजिट में 10% के करीब हिस्सा रखती है, और जिसके बाद महाराष्ट्र का हिस्सा 25% है। औसत BankBazaar ग्राहक से संबंधित निवेश पसंद से जुड़े डेटा के विश्लेषण से यह पता लगता है कि एफडी दूसरा सबसे पसंदीदा निवेश है, और पहला स्थान म्यूचल फंड का है। लेकिन, ब्याज दरों के बढ़ने के साथ, हम आने वाले मार्केट रिसर्च में उम्मीद करते हैं कि एफडी को और भी अधिक पसंद किया जाएगा।
भारतीयों के लिए एफडी में निवेश करना फ्लेक्सीबल और सुविधाजनक है। अधिकांश बैंक और फाईनेंशियल संस्थानो ने अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के जरिए, निवेशकों के लिए एफडी अकाउंट को खोलना और मैनेज करना सरल बना दिया है। आरबीआई के डेटा से यह पता लगता है कि 103 ट्रिलियन की राशि मौजूदा समय में 24.23 मिलियन एफडी में रखी हुई है। इसकी तुलना में, 18.5 ट्रिलियन करंट अकाउंट्स में तथा 59.70 ट्रिलियन राशि बचत खातों में रखी गई है, और जिसे मिलाने पर यह एक बड़ी रकम यानि 181 ट्रिलियन बनती है। तुलना के लिए, 2021-22 में भारतीय जीडीपी 234 ट्रिलियन होने का अनुमान है।
गारेंटेड रिटर्न तथा कैपिटल प्रोटेक्शन के कारण, एफडी एक जाना-पहचाना निवेश है, और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण इसका प्रचार-प्रसार बढ़ा ही है। ऐसे निवेशक जो जोखिम से दूर रहते हैं, एफडी एक आदर्श निवेश होता है, जिसमें आसान लिक्विडिटी, खास तौर पर आपात स्थितियों में प्राप्त होती है। लेकिन, उच्च रिटर्न चाहने वाले निवेशक, अपने फाईनेंशियल लक्ष्यों को पाने के लिए अन्य उपयुक्त विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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