पहली बार एस्ट्राजेनेका ने माना कोविशील्ड के हैं दुर्लभ साइड इफेक्ट, ब्रिटिश कोर्ट में पेश की सफाई, समझें पूरा मामला
भारत और कई निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में इसे सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविशील्ड नाम से बनाया गया था और इसकी आपूर्ति की गई थी।
कोविशील्ड के साइड इफेक्ट
Covishield Rare Side Effects: कोविशील्ड बनाने वाली एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने पहली बार अपने अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन दुर्लभ साइड इफेक्ट पैदा कर सकती है। कंपनी की स्वीकारोक्ति से कई मिलियन पाउंड के कानूनी भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। फार्मास्युटिकल कंपनी पर इस दावे को लेकर मुकदमा दायर किया जा गया है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर बनाए गए उसके कोविड -19 वैक्सीन से मौतें होने के साथ-साथ लोगों को गंभीर चोट भी पहुंची है। इस वैक्सीन के कारण टीटीएस (TTS) यानी थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हुआ है जिसके कारण लोगों में रक्त के थक्के बनते हैं और ब्लड प्लेटलेट्स गिरते हैं।
2020 में बनाई थी कोविशील्ड
एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से 2020 में कोरोनो वायरस के प्रकोप के बाद AZD1222 वैक्सीन विकसित की थी। भारत और कई निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में इसे सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविशील्ड नाम से बनाया गया और इसकी आपूर्ति की गई थी। भारत के (SII) विश्वविद्यालय और स्वीडिश-ब्रिटिश दवा निर्माता से लाइसेंस के जरिए इस वैक्सीन की बिक्री हुई थी।
कंपनी ने अदालत में क्या-क्या कहा
द टेलीग्राफ के अनुसार, दावों का विरोध करते हुए एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में यूके हाई कोर्ट में पेश एक कानूनी दस्तावेज में स्वीकार किया कि उसका कोविड टीका बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकता है। विरोधी पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया है कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन दोषपूर्ण है और इसकी प्रभावकारिता को काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने इन दावों का मजबूती से खंडन किया है।
कुल 51 मामले हुए दर्ज
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाई कोर्ट में 51 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें पीड़ितों और रिश्तेदारों ने 100 मिलियन पाउंड तक की अनुमानित हर्जाने की मांग की है। पहला मामला 2023 में जेमी स्कॉट द्वारा दर्ज किया गया था, जो अप्रैल 2021 में टीका लेने के बाद से मस्तिष्क में रक्त का थक्का और रक्तस्राव होने के बाद स्थायी मस्तिष्क की चोट से पीड़ित बन गया। मई 2023 में भेजे गए एक जवाब में एस्ट्राजेनेका ने स्कॉट के वकीलों से कहा था कि हम यह स्वीकार नहीं करते हैं कि टीटीएस सामान्य स्तर पर वैक्सीन के कारण होता है।
कोरोना वैक्सीन से हुई गंभीर बीमारी
स्कॉट की पत्नी केट स्कॉट ने द टेलीग्राफ को बताया कि चिकित्सा जगत ने लंबे समय से स्वीकार किया है कि VITT ((vaccine induced immune thrombosis with thrombocytopenia)) वैक्सीन लेने के कारण हुआ। सिर्फ एस्ट्राजेनेका ने ही सवाल उठाया कि क्या जेमी की हालत वैक्सीन के कारण हुई। इसे स्वीकारने में उसे तीन साल लग गए। मामला चल रहा है लेकिन हम उनसे और सरकार को और अधिक कदम उठाता देखना चाहेंगे। अब समय आ गया है कि चीजें और तेजी से आगे बढ़ें।
एस्ट्राजेनेका ने कहा, वैक्सीन के लिए सख्त मानक
वहीं, एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा, हमारी सहानुभूति उन लोगों के प्रति है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है या स्वास्थ्य में आ रही दिक्कतों के बारे में सूचना दी है। मरीज की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और नियामक अधिकारियों के पास टीकों सहित सभी दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट और कड़े मानक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, टीका 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों के लिए सुरक्षित और प्रभावी था और जिस प्रतिकूल असर के कारण कानूनी कार्रवाई हुई वह बहुत दुर्लभ है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
देवेंद्र फडणवीस पर मान जाएंगे एकनाथ शिंदे या करेंगे कोई खेला, अब शुरू होगी महाराष्ट्र में असली लड़ाई
यूपी के कुंदरकी में एकमात्र हिंदू उम्मीदवार 11 मुस्लिमों से आगे; 30 साल बाद BJP मार सकती है बाजी
महाराष्ट्र में महायुति की सरपट दौड़ी गाड़ी, अघाड़ी बनी पिछाड़ी, BJP की सुनामी में उड़ गया MVA
सैनिकों से कमी से जूझ रहे रूस ने तेज किया युद्ध, पर जल्द शांति समझौते की है दरकार
यूक्रेन को तबाही का हथियार दे रहा अमेरिका, आखिर कीव की मदद के लिए इतने उतावले क्यों हैं बाइडेन?
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited