अमेरिका को दिखाया आईना! फ्रांस के साथ होगी हथियारों की बहुत बड़ी डील, ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी भी लेगा भारत

India France Weapon Deal: रडार को चकमा देने में माहिर इस जेनरेशन के प्लेन जब हमला कर निकल जाते हैं, तब पता चलता है कि हमला हो गया। ऐसे में चीन पर नकेल कसने के लिए जरूरी है कि भारत के पास भी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हों। फ्रांस के राफेल की जहां तक बात है तो ये 4.5 पीढ़ी के हैं और इन्हें भी स्टील्थ फीचर वाला कहा जाता है।

भारत और फ्रांस हथियारों की बड़ी डील साइन करेंगे।

मुख्य बातें
  • फ्रांस ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर प्लेन में लगने वाला इंजन देने की पेशकश की है
  • वह भारत को न्यूक्लियर सबमरीन और अंडरवाटर ड्रोन भी देने के लिए तैयार हो गया है
  • इस डील के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 30 सितंबर को फ्रांस जाएंगे
India France Weapon Deal: भारत और फ्रांस के बीच हथियारों को लेकर एक बहुत बड़ी डील होने जा रही है, यह डील बहुत बड़ी है और यह अलग तरह की है। उच्च तकनीक के लेवल पर इस तरह की डील बहुत कम देखने को सुनने को मिलती है। क्या है हथियार बेचने वाले देश अपने हथियार तो खुशी-खुशी बेच देते हैं लेकिन बात जब टीओटी यानी ट्रांस्फर ऑफ टेक्नॉलजी की आती है तो उनके हाथ-पांव फूलने लगते हैं, वे जल्दी टीओटी के लिए तैयार नहीं होते हैं लेकिन भारत अब हथियार बेचने वाले देशों से कहता है कि हमें हथियार तो चाहिए ही, हमें ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी भी चाहिए और मेक इन इंडिया के तहत हथियार या उपकरणों के कुछ हिस्से भारत में भी बनने चाहिए।

भारत को चाहिए पांचवीं पीढ़ी का फाइटर प्लेन

टीओटी भारत आ रही हैं, हथियार भी बन रहे हैं लेकिन कई हथियारों को लेकर पेंच अभी भी फंसा हुआ है। जैसे कि अमेरिका भारत को एएमसीए यानी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट के लिए इंजन देने वाला था, ये इंजन पांचवीं पीढ़ी वाले तेजस में लगने वाले हैं लेकिन इसमें देरी हो रही है, अमेरिका मार्च में जीई इंजन देने वाला था, मार्च से सितंबर हो गए लेकिन ये इंजन अभी तक भारत को नहीं मिले हैं, इसमें लगातार देरी हो रही है। भारत का जो एएमसीए प्रोग्राम है, उसके हिसाब से 4.5 पीढ़ी का फाइटर प्लेन 2029 तक और पांचवीं पीढ़ी का 2034 तक मिल पाएगा। चीन की तैयारियों को देखते हुए भारत तब तक इंतजार नहीं कर सकता, भारत जितना जल्दी हो सके पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स अपनी वायु सेना में शामिल करना चाहता है।

तिब्बत में चीन ने तैनात किए हैं जे-20

चीन ने अपने पांचवीं पीढ़ी के फाइटर प्लेन जे-20 तिब्बत में तैनात कर रखे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक उसके ये फाइटर LAC से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर हैं। लड़ाकू जहाजों के लिए 100-150 किलोमीटर की दूरी कुछ नहीं होती, वे सेकेंडों में ये दूरी तय कर लेते हैं। रडार को चकमा देने में माहिर इस जेनरेशन के प्लेन जब हमला कर निकल जाते हैं, तब पता चलता है कि हमला हो गया। ऐसे में चीन पर नकेल कसने के लिए जरूरी है कि भारत के पास भी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हों। फ्रांस के राफेल की जहां तक बात है तो ये 4.5 पीढ़ी के हैं और इन्हें भी स्टील्थ फीचर वाला कहा जाता है। दरअसल, हथियार आपके पास ऐसे होने चाहिए जिसके नाम से ही दुश्मन दहशत में आ जाए। उसका तोड़ उसके पास न हो। कोई गुस्ताखी करने से पहले वह सौ बार सोचे। भारत अब इसी रास्ते पर चल रहा है। टेक्नॉलजी देने में अमेरिका की हीलाहवाली और देरी से उसी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत को हथियार की अगर जरूरत है तो वह खरीदेगा, समय पर तुम अगर डिलीवरी नहीं दोगे तो किसी और से खरीद लेगा।
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