Al Shifa Hospital: नाजुक हालात में गाजा सिटी का अल शिफा अस्पताल, हजारों जिंदगी पर मंडरा रहा मौत का खतरा
Al Shifa Hospital: अल शिफा अस्पताल में जख्मी एवं बीमार लोगों के अलावा ऐसे लोगों ने शरण ले रखी है जो इस जंग से खुद को बचाए रखना चाहते हैं। फिलिस्तीन के आम लोग अस्पतालों को सुरक्षित समझते हैं। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल में 1,500 मरीज, 1500 मेडिकल कर्मचारी और करीब 1500 विस्थापित लोग फंसे हुए हैं।
गाजा सिटी का एक अस्पताल।
Israel Hamas war : आतंकवादी संगठन हमास के खिलाफ इजरायल की जंग निर्णायक दौर में पहुंचती दिख रही है। इजरायल की सेना का दावा है कि गाजा सिटी पर हमास का नियंत्रण खत्म हो चुका है और उसके लड़ाके उत्तरी गाजा को छोड़कर दक्षिण की तरफ भाग रहे हैं। गाजा सिटी में जमीनी कार्रवाई करते हुए आईडीएफ ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है लेकिन इस लड़ाई के केंद्र में गाजा सिटी का अल शिफा अस्पताल आ गया है। यह गाजा सिटी का सबसे बड़ा एवं आधुनिक अस्पताल है।
अस्पताल में ईंधन खत्म, इन्यक्यूबेटर काम नहीं कर रहे
फिलिस्तीन का दावा है कि इजरायल ने अस्पताल को निशाना बनाकर हमले किए हैं। इन हमलों में नर्सों एवं नवजात बच्चों की मौत हुई है। अस्पताल में ईंधन खत्म हो गया है और इन्यक्यूबेटर काम नहीं कर रहे हैं। रिपोर्टों में अस्पताल के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि अस्पताल में बड़ी संख्या में घायल लोग हैं लेकिन गोलीबारी और बमबारी की वजह से कामकाज नहीं हो पा रहा है। स्थितियां विकट और नाजुक हो रही हैं। हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अस्पताल के अंदर दो हजार से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं।
अस्पताल के तहखाने में हो सकते हैं बंधक-IDF
इस बीच इजरायल डिफेंस फोर्स के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा है कि हमास ने बंधकों को अस्पताल के तहखाने में छिपाकर रखा है। इस बात के साक्ष्य उनके पास हैं। हगारी ने आगे बताया कि इजरायल नौसेना की स्पेशल फोर्स शयेते 13 के कमांडोज और 401 आर्मर्ड ब्रिगेड के सैनिकों ने गाजा सिटी में बच्चों का इलाज करने वाले रनतिसी अस्पताल पर रेड किया था। इस अस्पताल में हमास के आतंकवादी छिपे हुए थे।
अस्पताल के तहखाने में मिला हमास का कमांड सेंटर
हगारी ने कहा, 'अस्तपाल के नीचे तहखाने में हमास ने अपना कमांड एवं कंट्रोल सेंटर बना रखा था। यहां पर हमें आत्मघाती वेस्ट, ग्रेनेड, एके-47 राइफल, विस्फोटक उपकरण, आरपीजी, कंप्यूटर, पैसे एवं अन्य हथियार भी मिले। हमें इस बात के संकेत मिले कि हमास ने लोगों को यहां बंधक बनाकर रखा था। हम इसकी जांच कर रहे हैं।' प्रवक्ता ने कहा कि हमें इस बात के भी साक्ष्य मिले हैं कि 7 अक्टूबर को हमला करने के लिए हमास के आतंकवादी इस अस्पताल से भी निकले थे। उन्होंने कहा कि हमास के आतंकवादी अस्पतालों में छिपते हैं, इसे हम दुनिया को बताएंगे।
अस्पताल में आम लोग भी मौजूद
अल शिफा अस्पताल में जख्मी एवं बीमार लोगों के अलावा ऐसे लोगों ने शरण ले रखी है जो इस जंग से खुद को बचाए रखना चाहते हैं। फिलिस्तीन के आम लोग अस्पतालों को सुरक्षित समझते हैं। बताया जा रहा है कि इस अस्पताल में 1,500 मरीज, 1500 मेडिकल कर्मचारी और करीब 1500 विस्थापित लोग फंसे हुए हैं। अस्पताल के अधिकारियों का दावा है कि बिजली कटने से वहां अंधेरा छा गया है। जीवन रक्षक उपकरण काम करना बंद हो चुके हैं। इसकी वजह से कई नवजात बच्चों सहित मरीजों की जान गई है।
190 मेडिकल कर्मचारियों के मारे जाने का दावागाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है लड़ाई शुरू होने के बाद से अब तक 11,000 से ज्यादा फलिस्तिनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसमें करीब 190 मेडिकल कर्मचारी शामिल हैं। इजरायल की बमबारी से 31 एंबुलेंस बर्बाद हो गए और 20 अस्पतालों ने काम करना बंद कर दिया। अस्पताल के नाजुक हालात में पुहंचने के बाद अल शिफा अस्पताल के डॉक्टरों ने नवजात बच्चों को मिस्र ले जाने की अपील की है ताकि उनकी जान बचाई जा सके।
गाजा शहर का एक और अस्पताल भी बंद
गौरतलब है कि इजरायल के सैनिकों ने सप्ताहांत में गाजा के शिफा अस्पताल को घेर लिया। अधिकारियों के अनुसार इस दौरान हजारों लोग इलाका छोड़कर चले गए, वहीं सैकड़ों रोगी और विस्थापित लोग वहीं फंसे रह गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रस अधानम घेब्रेयेसस ने कहा कि शिफा अब अस्पताल के रूप में काम नहीं कर रहा है। गाजा शहर के एक और अस्पताल अल-कुद्स को भी रविवार को बंद करना पड़ा। इसे संचालित करने वाले फलस्तीनी रेड क्रिसेंट समूह ने कहा कि आसपास इजरायली सैनिक तैनात हैं और करीब 6,000 रोगियों, चिकित्साकर्मियों तथा विस्थापितों को वहां से निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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