कोचिंग सेंटर पर क्या है सरकार की गाइडलाइन, इमारत, क्लासरूम और सुरक्षा पर क्या कहा गया है
Government Guideline On Coaching Centers: दिल्ली पुलिस ने राव कोचिंग संस्थान में हुई घटना मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में ‘बेसमेंट’का मालिक भी शामिल है। इसी के साथ इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए सरकार की गाइड लाइन है।
- गत शनिवार को ओल्ड राजिंदर इलाके में राव कोचिंग सेंटर में हुई घटना
- बेसमेंट में पानी आने से दो लड़कियों और एक लड़के की हुई मौत
- नियमों की अनदेखी कर कोचिंग संस्थान ने बेसमेंट में लाइब्रेरी बनाई थी
Government Guideline On Coaching Centers: क्या हो कोचिंग सेंटर्स अगर छात्रों के सपने पूरी करने की जगह मौत बांटने लगें। देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के साथ इस तरह की जानलेवा घटनाएं पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल तो खड़ा करती ही हैं, सवाल के घेरे में पुलिस, स्थानीय निकाय और नेता सभी आ जाते हैं। बीते शनिवार को देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर के राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जो घटना हुई, उसने सभी को हिलाकर रख दिया। जिसने भी इस घटना के बारे में सुना दंग रह गया। सहसा विश्वास करना मुश्किल हो गया कि बेसमेंट में अचानक पानी आ जाने से तीन छात्रों की मौत हो जाएगी। इन दो छात्रों में दो लड़किया और एक युवक हैं।
करंट लगने से छात्र की मौत
इस समय हर छोटे-बड़े शहरों कोचिंग सेंटर्स की बाढ़ है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के नाम ये सेंटर्स छात्रों से मनमाना पैसा वसूलते हैं लेकिन सुविधाओं और सुरक्षा के नाम पर वे उन्हें ठगने का काम करते हैं। सरकार भी कोचिंग सेंटर्स के लिए गाइडलाइन बनाकर अपनी जिम्मेदारी छुड़ा लेती है। गाइडलाइन को लागू कराने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस-प्रशासन की होती है लेकिन वे भी तब तक नींद से नहीं जागते जब तक कि कोई बड़ी घटना न हो जाए। बीते महीने दिल्ली में ही करंट लगने से सिविल सेवा की तैयारी करने वाले एक छात्र की मौत हो गई। पिछले साल जून महीने में ही दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में स्थित एक कोचिंग सेंटर में आग लग गई।
मुखर्जी नगर में तीसरी मंजिल से कूदे छात्र
इस घटना में छात्रों को अपनी जान बचाने के लिए छात्रों को रस्सी के सहारे तीसरी मंजिल से कूदना पड़ा। गनीमत रही कि इस घटना में किसी छात्र की जान नहीं गई। यहां भी बड़ा हादसा हो सकता था। बताया गया कि यहां आग बिजली के मीटर से लगी, जिसके बाद पूरे कोचिंग में धुआं फैल गया। कहने का मतलब है कि कोचिंग सेंटरों की लापरवाही और गाइडलाइन का पालन न करने से इस तरह की घटनाएं होती हैं और छात्रों के जान पर बन आती है।
बेसमेंट से लेकर तीसरी मंजिल तक गाइडलाइन का उल्लंघन
मुखर्जी नगर की इस घटना के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कोचिंग सेंटर्स का सर्वे किया। इस सर्वे में एमसीडी के अधिकारियों ने राव कोचिंग सेंटर को गाइडलाइन का उल्लंघन करने का दोषी पाया। गाइडलाइन का उल्लंघन बेसमेंट से लेकर तीसरी मंजिल तक हुआ था। इसके बाद अगस्त 2023 में एमसीडी ने कोचिंग सेंटर के मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बावजूद इसके कोचिंग सेंटर अपनी मनमानी करता रहा। यह मामला करोल बाग जोन के डिप्टी कमिश्नर तक पहुंचा। हैरान करने वाली बात यह है कि इस साल नौ जुलाई को इस कोचिंग सेंटर को आग पर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिल गया। इस कोचिंग सेंटर में बेसमेंट और तीन फ्लोर तक नियमों एवं गाइडलाइन का उल्लंघन होता रहा। कोचिंग सेंटर हादसे का केंद्र न बनें और छात्रों का किसी प्रकार से शोषण न हो, इसके लिए सरकार ने गाइड लाइन बनाई है जिनका पालन करना उन्हें आवश्यक होता है।
16 जनवरी 2024 को आई गाइडलाइन
कोचिंग सेंटरों के बारे में बढ़तीं शिकायतों को देखते हुए सरकार ने इसी साल 16 जनवरी 2024 को उनके संचालन पर एक नई गाइडलाइन जारी की। इसमें छात्रों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था बनाई गई। इस गाइड लाइन की सबसे बड़ी बात यह रही कि सरकार ने 16 साल से कम आयु के बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर्स में नामांकन पर रोक लगा दी। चूंकि, ओल्ड राजिंदर नगर का यह हादसा इमारत और उसकी बुनियादी संरचना से जुड़ा है, इसलिए हम यहां कोचिंग सेंटर की इमारत पर सरकार की गाइडलाइन का यहां जिक्र करेंगे-
- कोचिंग सेंटर आने वाले हर बच्चे की क्लासरूम में बैठने की जगह एक वर्गमीटर में होनी चाहिए। क्लासरूम में पढ़ने वाले छात्रों की जरूरत के हिसाब से बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए।
- कोचिंग सेंटर को आग और इमारत सुरक्षा निर्देशों का पालन करना होगा। उसे सरकारी विभागों से जरूरी प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा।
- सेंटर पर प्राथमिक उपचार किट की व्यवस्था होनी चाहिए। आपात स्थिति के लिए वहां अस्पताल, डॉक्टर और हेल्पलाइन की उपलब्धता होनी चाहिए। कोचिंग सेंटर की जिम्मेदारी बनती है कि वे इन सब चीजों के बारे में छात्रों को जागरूक करें।
- कोचिंग सेंटर के प्रत्येक कमरे में पर्याप्त उजाला होना चाहिए। कमरे हवादार और बिजली की सुविधाओं से युक्त होने चाहिए। कोचिंग सेंटर में बच्चों और स्टॉफ के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। सेंटर के परिसर में सीसीटीवी कैमरे जरूर लगे होने चाहिए। छात्रों की सुरक्षा प्रभावी तरीके से सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- कोचिंग सेंटर में एक व्यवस्था होनी चाहिए जहां जरूरत पड़ने पर छात्र अपनी शिकायत कर सकें। छात्रों की शिकायतें सुनने के लिए सेंटर के पास एक समिति भी होनी चाहिए।
5 और लोग हुए गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने राव कोचिंग संस्थान में हुई घटना मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में ‘बेसमेंट’का मालिक भी शामिल है। इसी के साथ इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। दिल्ली पुलिस ने ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ के मालिक और समन्वयक को रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या समेत अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम. हर्षवर्धन ने बताया कि इमारत की प्रत्येक मंजिल का मालिक अलग-अलग व्यक्ति है।
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