लोकसभा चुनाव से पहले CAA लागू करेगी सरकार, जानिए क्या है यह कानून, क्यों हुआ इसका विरोध
Citizen Amendment Act : अधिकारी ने बताया कि नागरिकता के लिए आवेदन, प्रक्रिया एवं मंजूरी से जुड़ी एक ऑनलाइन व्यवस्था गृह मंत्रालय की ओर से तैयार की जा रही है। नागरिकता के लिए आवेदक ऑन लाइन आवेदन दे सकेंगे। बता दें कि सरकार ने दिसंबर 2019 में सीएए को कानून बना दिया और यह 10 जनवरी 2020 को अस्तित्व में आ गया।
छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मिलेगी भारतीय नागरिकता।
Citizen Amendment Act : लोकसभा चुनाव से पहले सरकार नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार आम चुनाव से पहले इस कानून के नियम एवं कायदों को सरकार अधिसूचित कर देगी। सरकार के एक शीर्ष पदाधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सीएए के नियम अधिसूचित हो जाने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भारत की नागरिकता पाने के पात्र होंगे। अधिसूचित होने वाले नियम बनकर तैयार हैं और इसे सरकारी पोर्टल पर डाला जाना बाकी है।
नागरिकता के लिए ऑनलाइन होगा आवेदन
अधिकारी ने बताया कि नागरिकता के लिए आवेदन, प्रक्रिया एवं मंजूरी से जुड़ी एक ऑनलाइन व्यवस्था गृह मंत्रालय की ओर से तैयार की जा रही है। नागरिकता के लिए आवेदक ऑन लाइन आवेदन दे सकेंगे। बता दें कि सरकार ने दिसंबर 2019 में सीएए को कानून बना दिया और यह 10 जनवरी 2020 को अस्तित्व में आ गया। हालांकि, इसे लेकर नियम एवं कायदे अधिसूचित नहीं किए।
6 अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मिलेगी नागरिकता
नियम अधिसूचित न होने से पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध एवं पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। सीएए के तहत 2014 से पहले इन तीन देशों से आए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। सरकार ने इन तीन देशों से आए मुस्लिम समुदाय को भारतीय नागरिकता के दायरे से बाहर रखा है।
दिल्ली के शाहीन बाग में हुआ भारी विरोध
सीएए को लागू किए जाने के विरोध में देश भर में मुस्लिम समुदाय ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी पार्टियों ने भी इस अधिनियम पर सवाल उठाए। विपक्ष का दावा है कि यह कानून धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला है और यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करता है। सीएए के खिलाफ सबसे पहले प्रदर्शन असम में हुआ। इसके बाद यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली, यूपी सहित कई राज्यों में फैला। दिल्ली के शाहीन बाग में कई महीनों तक प्रदर्शन चला। कोर्ट के दखल एवं कोरोना के प्रकोप के बाद शाहीन बाग में धरने पर बैठे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपना विरोध छोड़ा। इसके बाद सरकार ने भी सीएए को अधिसूचित करने के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। हालांकि, बीच-बीच में इसे लागू करने की बात चलती रही।
CAA देश का कानून, कोई नहीं रोक सकता-अमित शाह
यह पूछे जाने पर कि क्या कानून के नियम अगले लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले अधिसूचित किए जाएंगे, अधिकारी ने कहा, 'हां, उससे काफी पहले।' उन्होंने कहा, 'नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है तथा पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदकों को उस वर्ष की घोषणा करनी होगी, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस मुद्दे को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
CAA को लेकर आशंकाएं
सीएए को लेकर मुस्लिम समुदाय एवं विपक्ष में कई तरह की आशंकाएं हैं। इनका मानना है कि सीएए को आधार बनाकर सरकार नेशनल सिटीजनशिप रजिस्टर बनाएगी। लोगों ने आशंका जताई कि बांग्लादेश एवं अन्य जगहों से अवैध रूप से आए लोगों को घुसपैठिया बताकर उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। आशंका जताई गई कि NRC लागू होने के बाद बांग्लादेश से अवैध तरीके से भारत आए लोगों को उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार पश्चिम बंगाल, असम सहित देश के अन्य राज्यों में बांग्लादेशी नागरिकों के होने की बात कही जाती है। कहा जाता है कि लाखों की संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीएए का विरोध करने में सबसे आगे हैं।
2021 में 1,414 विदेशियों को भारत की नागरिकता मिली
शीतकालीन सत्र के दौरान गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को बताया कि साल 2018,2019, 2020 और 2021 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए कुल 3117 अल्पसंख्यकों भारतीय नागरिकता दी गई। गृह मंत्रालय की 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-दिसंबर 2021 में कुल 1,414 विदेशियों को भारत की नागरिकता मिली।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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