पीएम मोदी का मॉरीशस दौरा क्यों है इतना खास? दोनों देशों के लिहाज से समझिए हर छोटी-बड़ी बात
Grand welcome to PM Modi in Mauritius: मॉरीशस में भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत हुआ। खुद पीएम नवीन रामगुलाम के साथ विपक्षी नेता, जज और 200 VVIP एयरपोर्ट पहुंचे। आखिर पीएम मोदी के इस दौरे का क्या प्रभाव पड़ेगा, इसकी कितनी अहमियत है। दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी रिश्ते और कितने मजबूत हो सकते हैं। आपको इस रिपोर्ट में सबकुछ समझाते हैं।

मॉरीशस में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत हुआ।
Impact of PM Modi's Mauritius Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का मॉरीशस में भव्य और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। समुदाय की महिलाओं ने ‘गीत गवई’ नामक पारंपरिक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से पीएम मोदी का सम्मान किया। ‘गीत गवई’ एक पारंपरिक भोजपुरी संगीत समूह है जो भारत के भोजपुरी क्षेत्र की महिलाओं द्वारा मॉरीशस में लाई गई समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। आपको इस यात्रा से जुड़ी कुछ अहम बातें बताते हैं।
यात्रा का महत्व
मॉरीशस में 2015 के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के बाद माननीय प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस में यह दूसरी राजकीय यात्रा है। इस अवसर को मनाने के लिए, भारतीय नौसेना का एक जहाज़ भी पोर्ट लुइस के दौरे पर पहुंचेगा। भारतीय नौसेना के एक हेलीकॉप्टर सहित उनका एक मार्चिंग दस्ता, भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा स्काई डाइविंग टीम और एनसीसी कैडेट की एक टीम भी इस समारोह में भाग लेगी।
पिछली मुलाकातें
- महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 2024 में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस की मुख्य अतिथि थीं।
- मॉरीशस 2014, 2019 और 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल रहा है।
- 2023 के जी-20 शिखर सम्मेलन में मॉरीशस एक 'विशेष आमंत्रित अतिथि' था। इस दौरान, मॉरीशस ने भारत व अन्य देशों के साथ मिलकर वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का शुभारंभ किया।
उच्चस्तरीय सहभागिता भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय साझेदारी की एक नियमित विशेषता रही है। अकेले 2024 में, मॉरीशस से उनके तत्कालीन विदेश मंत्री ने रायसीना वार्ता में भाग लिया, उनके तत्कालीन प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया, उनके तत्कालीन स्पीकर ने भारत का दौरा किया, तत्कालीन उपराष्ट्रपति ने CII इंडिया-अफ्रीका कॉन्क्लेव के 19वें संस्करण में भाग लिया, मॉरीशस ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ 3.0 में भाग लिया। इसके अलावा, विदेश मंत्री ने जुलाई 2024 में और विदेश सचिव ने दिसंबर 2024 में मॉरीशस का दौरा किया।
सहभागिता के क्षेत्र
भारत और मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा, विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग, जीवंत सांस्कृतिक आदान-प्रदान और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी रिश्तों में बहुत घनिष्ठ सहयोग है।
विकास संबंधी सहयोग
भारत की सहायता से संचालित अनेक विकास परियोजनाएं मॉरीशस के परिदृश्य पर भारत-मॉरीशस की घनिष्ठ साझेदारी की स्पष्ट झलक प्रस्तुत करती हैं। मई 2016 में, भारत ने मॉरीशस को 353 मिलियन अमेरिकी डॉलर की एक विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की, जो पांच प्राथमिक परियोजनाओं के लिए थी: (i) मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना (ii) सुप्रीम कोर्ट भवन (iii) नया ईएनटी अस्पताल (iv) सामाजिक आवास परियोजना (v) स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए डिजिटल टैबलेट्स।
2017 में, भारत ने मॉरीशस को 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान की, जिसका उद्देश्य 10 परियोजनाओं के वित्तपोषण में मदद करना था। इनमें मेट्रो परियोजना (चरण I, II और III), सामाजिक आवास परियोजना, गैस आधारित इंसीनरेटर और फायर-फाइटिंग वाहन, 8 मेगावाट सोलर पावर प्लांट, नई फोरेंसिक साइंस प्रयोगशाला, नेशनल आर्काइव्स एंड लाइब्रेरी, और मॉरीशस पुलिस अकादेमी शामिल थे। जनवरी 2022 में, सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत पूरे मॉरीशस में 96 लघु, जन-केन्द्रित परियोजनाओं को लागू किया जाना था, जिनमें से अब तक 51 परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा चुका है।
प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता
भारत पारंपरिक रूप से संकट की घड़ी में मॉरीशस का ‘प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता’ रहा है, चाहे वह हाल ही में हुई कोविड-19 महामारी हो, वाकाशियो तेल रिसाव संकट हो या चक्रवाती तूफान चिडो से उपजी आपदा।
वाणिज्यिक संबंध
- भारत मॉरीशस के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में एक है।
- वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, सिंगापुर के बाद मॉरीशस भारत में एफडीआई का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत रहा है।
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की यात्रा के दौरान, मॉरीशस और भारत ने व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौता (CECPA) पर 22 फरवरी 2021 को हस्ताक्षर किए, एक ऐसा समझौता जो लगभग 15 वर्षों की बातचीत के बाद हुआ है। यह भारत द्वारा किसी अफ्रीकी देश के साथ हस्ताक्षरित पहला व्यापार समझौता है। वर्तमान में, मॉरीशस में 11 भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSUs) कार्यरत हैं: बैंक ऑफ बड़ौदा, लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन, न्यू इंडिया एश्योरेंस कॉर्पोरेशन, टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल (मॉरीशस) लिमिटेड, महानगर टेलीफोन (मॉरीशस) लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (मॉरीशस), नेशनल बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NBCC), रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (RITES), हॉस्पिटल सर्विसेज़ कंसल्टेंसी कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HSCC) और एडसिल (इंडिया) लिमिटेड।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग
उपग्रहों और प्रक्षेपण वाहनों के लिए टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड स्टेशन की स्थापना और अंतरिक्ष अनुसंधान, विज्ञान और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सहयोग के लिए, भारत और मॉरीशस के बीच 26 दिसंबर 1986 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। तब से लेकर आज तक, बिगारा में स्थित टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड टेलीकमांड (TTC) स्टेशन को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में मॉरीशस सरकार से पूरा सहयोग प्राप्त हुआ है।
एक संयुक्त उपग्रह के विकास में सहयोग के लिए इसरो और एमआरआईसी के बीच एक रूपरेखा स्थापित करने के उद्देश्य से, मॉरीशस रिसर्च एंड इनोवेशन काउंसिल (एमआरआईसी) और इसरो ने 01 नवंबर 2023 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी रिश्ते
मॉरीशस द्वीप की 1.3 मिलियन आबादी में से लगभग 70% लोग भारतीय मूल के हैं। महात्मा गांधी संस्थान (MGI) की स्थापना 1976 में भारत और मॉरीशस के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए की गई थी। मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय भी स्थित है, जो एक भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संगठन है, जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा का वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना है। इस सचिवालय का निर्माण भारतीय वित्तीय सहायता से किया गया था और इसका उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति कोविंद जी की मार्च 2018 की यात्रा के दौरान किया गया।
1987 में, भारत ने इंदिरा गांधी भारतीय संस्कृति केंद्र (IGCIC) की स्थापना की, जो विदेश में भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र है। 2004 से, लगभग 385 युवा मॉरीशियाई विदेश मंत्रालय के "भारत को जानो कार्यक्रम (KIP)" के 64 बैचों में भाग ले चुके हैं। मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राजकीय यात्रा के दौरान, मॉरीशस के उन नागरिकों के लिए विशेष ओसीआई कार्ड योजना की घोषणा की गई जिनकी भारतीय वंशावली सातवीं पीढ़ी तक प्रमाणित की जा सकती है।
क्षमता निर्माण
मॉरीशस भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम का एक प्रमुख लाभार्थी देश है। 2002-03 से, भारत ने ITEC कार्यक्रम के तहत गैर-सैन्य एवं सैन्य रक्षा दोनों श्रेणियों में लगभग 4940 मॉरीशियाई नागरिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। ICCR इंडिया-अफ्रीका मैत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत, इस वर्ष मॉरीशस के 60 छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्तियां प्रदान की गई हैं। हर साल लगभग 200 मॉरीशियाई छात्र स्वयं वित्त पोषण करके भारत के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेते हैं। वर्तमान में, लगभग 2,300 भारतीय छात्र मॉरीशस में चिकित्सा, होटल प्रबंधन, व्यापार अध्ययन एवं अन्य धाराओं में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
प्रवासी भारतीय
मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राजकीय यात्रा के दौरान, मॉरीशस के उन नागरिकों के लिए विशेष ओसीआई कार्ड योजना की घोषणा की गई जिनकी भारतीय वंशावली सातवीं (7th) पीढ़ी तक प्रमाणित की जा सकती है।
मॉरीशस ने 2004 में भारतीय पर्यटकों के लिए वीज़ा-मुक्त व्यवस्था लागू की, जिसके तहत मॉरीशस में वे एक महीने तक बिना वीज़ा के रह सकते हैं। वहीं, मॉरीशस के नागरिक भारत यात्रा के लिए मुफ्त वीज़ा के हकदार हैं। कोविड से पहले के समय में, हर साल लगभग 80,000 भारतीय पर्यटक मॉरीशस यात्रा करते थे और लगभग 30,000 मॉरीशियाई पर्यटक भारत आते थे। यह आंकड़ा अब धीरे-धीरे कोविड-पूर्व स्तर पर लौट रहा है। वर्तमान में, लगभग 2,300 भारतीय छात्र मॉरीशस में चिकित्सा, होटल प्रबंधन, व्यापार अध्ययन एवं अन्य धाराओं में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
अपेक्षित परिणाम
इस यात्रा से विभिन्न क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग और ज़्यादा मज़बूत होगा एवं विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य, लघु एवं मध्यम उद्यम, मज़बूत वित्तीय एवं व्यापार संपर्क जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने में योगदान मिलेगा। साथ ही, दोनों देशों के लोगों के बीच मौजूदा आपसी रिश्ते और भी गहरे होंगे।
पीएम मोदी ने पारंपरिक गीत का आनंद लिया
मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, 'मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत अभिभूत हूं। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव वाकई प्रेरणादायक है। इतिहास और दिल का यह बंधन पीढ़ियों से चला आ रहा है।' प्रधानमंत्री मोदी को पारंपरिक गीत का आनंद लेते देखा गया।
मॉरीशस के होटल में पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। होटल में मौजूद लोगों ने उनका स्वागत 'भारत माता की जय' के नारे के साथ किया और भारतीय तिरंगा झंडा लहराया। ‘गीत गवई’ के सांस्कृतिक महत्व को मान्यता देते हुए, इसे दिसंबर 2016 में यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था। गायकों के अनुसार, ’गीत गवई’ का जीवन में विशेषकर विवाह में गहरा महत्व है, जहां इसकी शुरुआत देवताओं के आह्वान से होती है।
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