Israel Hamas Conflict: दोहा से होगी हमास की विदाई, बाइडेन प्रशासन का भारी दबाव

Israel Hamas Conflict: सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान हमास को महफूज जगह की दरकार थी, जिसके चलते उसका हैडक्वार्टर दमिश्क से दोहा चला आया। करीब बारह सालों से अमेरिकी इंटेलीजेंस ने यहां से खुफिया जानकारियां निकालकर पेंटागन और व्हाइट हाउस को पहुंचाई।

ट्रंप के आते ही दोहा से हमास की विदाई

Israel Hamas Conflict: व्हाइट हाउस के तख्त पर ट्रंप का वापसी अपने आप में बेहद खास है, अब माना जा रहा है कि नाटो में अमेरिकी सक्रियता घटेगी, ताइवान को मिलने वाले अमेरिकी सहयोग में भी गिरावट आयेगी। एशिया प्रशांत में चीनी दादागिरी पर लगाम लगेगी। क्वाड को और मजबूती मिलने के साथ ही रूस यूक्रेन जंग भी विराम के कगार पर आ सकती है। ट्रंप का कार्यकाल अगले साल 2025 से शुरू होगा, इससे पहले ही बाइडेन प्रशासन ने कतर से गुजारिश कर हमास के दोहा में स्थित राजनयिक कार्यालय बंद करवा दिया। खास ये भी है कि ईरान, हमास, हूती और हिजबुल्ला के मुद्दे पर ट्रंप और बाइडेन एक ही लीक पर है।

पेंटागन के रडार पर दोहा

बता दें कि दोहा में हमास की गतिविधियों पर पेंटागन की निगाहें साल 2012 से ही बनी हुए थी। कतर प्रशासन की सरपरस्ती में दोहा हमास के आंतकियों की पनाहगाह बना हुआ था। सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान हमास को महफूज जगह की दरकार थी, जिसके चलते उसका हैडक्वार्टर दमिश्क से दोहा चला आया। करीब बारह सालों से अमेरिकी इंटेलीजेंस ने यहां से खुफिया जानकारियां निकालकर पेंटागन और व्हाइट हाउस को पहुंचाई। इन जानकारियों तक कहीं ना कहीं तेल अवीव की भी पहुंच रही। बीते साल इस्राइल में 7 अक्टूबर के हमले के बाद से ही अमेरिकी हुक्मरानों ने कतर को चेता दिया था कि जिस तरह से उनके देश ने हमास को शरण दे रखी है, उससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। दिलचस्प है कि उस दौरान वाशिंगटन ने दोहा को हमास का राजनयिक कार्यालय बंद करने के लिए नहीं कहा था, इसके पीछे साफ और सीधा कारण है कि युद्ध विराम, समझौते और बंधकों की सकुशल रिहाई के मुद्दे पर कतर ही हमास और वाशिंगटन के बीच मध्यस्थ बना। माध्यम बने कतर से अमेरिकी नीति नियंता किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करना चाह रहे थे।

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