Hathras Stampede: पाखंडी और ढोंगी है 'बाबा भोले', क्या आश्रम पर चलेगा बुलडोजर? राजस्थान के दौसा से जुड़े हैं तार
Baba Bhole Exposed: हाथरस हादसा के बाद ये मांग उठ रही है कि बाबा भोले के आश्रम को ध्वस्त किया जाए। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बाबा को पाखंडी और ढोंगी करार दिया है। इसके अलावा ये बात भी सामने आई है कि उसका राजस्थान के दौसा से तार जुड़े हैं। बाबा का आश्रम कुर्क किए जाने की मांग उठने लगी है।
क्या बाबा भोले के आश्रम को किया जाएगा ध्वस्त?
Who is Baba Bhole: क्या हाथरस कांड के बाद बाबा भोले के आश्रम पर यूपी के सीएम योगी का बुलडोजर चलने वाला है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने हादसे को लेकर बाबा भोले पर निशाना साधा है। उन्होंने बाबा के आश्रम ध्वस्त करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि बाबा के ऊपर कुर्की की कार्रवाई की जाए, उनके आश्रम को ध्वस्त किया जाए। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हादसे को लेकर अब आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो चुकी है।
'इटावा में पुलिस कांस्टेबल के पद पर रहा है ये ढोंगी'
बाबा को पाखंडी और ढोंगी बताते हुए उन्होंने कहा कि बताया जाता है कि बाबा इटावा में पुलिस कांस्टेबल के पद पर रहा है। इनके ऊपर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। भूमि पर कब्जा, यौन शोषण समेत बाबा पर कई गंभीर आरोप हैं। बाबा का आश्रम कुर्क किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सीएम योगी ने स्पष्ट कर दिया है कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाई जाएगी, कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए हमने एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की है, जिसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। उन्हें इस घटना की तह में जाने के लिए कहा गया है। बहुत सारे ऐसे पहलू हैं, जिन पर जांच होना बहुत आवश्यक है।
राजस्थान के दौसा से जुड़े बाबा भोले के तार
बाबा भोले के सत्संग के दौरान हादसा होने के बाद अब इस मामले का राजस्थान के दौसा से नया कनेक्शन जुड़ गया है। बाबा भोले दौसा शहर के आगरा रोड के गोविंद देव जी मंदिर के सामने कॉलोनी में कई दिनों तक अपना दरबार लगाते थे और मजे की बात यह है कि यह दरबार आम भक्तों के लिए नहीं, बल्कि स्पेशल भक्तों के लिए होता था।
अब जब बाबा भोले का दौसा से भी कनेक्शन सामने आया है, तो पता चला है कि दौसा से पेपर लीक मामले में पहले से एसओजी द्वारा गिरफ्तार आरोपी हर्षवर्धन मीणा के मकान में बाबा का भव्य दरबार लगता था। इसके तहत अब लग रहा है कि पेपर लीक मामले में बाबा भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।
दौसा में दरबार के दौरान पहुंचते थे हजारों लोग
स्थानीय लोगों के मुताबिक दौसा में दरबार के दौरान हजारों की संख्या में यूपी सहित अन्य जगहों से लोग पहुंचते थे। सबसे बड़ी बात यह है कि बाबा भोले के इस दरबार में अनजान व्यक्ति के आने की पूर्ण पाबंदी रहती थी। स्थानीय लोगों का तो यहां तक कहना है कि बाबा भोले की निजी सुरक्षा में दर्जनों गार्डों की तैनाती रहती थी। इसके चलते आम आदमी बाबा से नहीं मिल सकता था। यदि ज्यादा मजबूरी हुई तो आधार कार्ड के जांच के बाद ही दरबार में जाने की अनुमति मिलती थी। लोगों की भीड़ इतनी होती थी कि पूरी सड़क जाम हो जाती थी, लेकिन इनमें स्थानीय लोग नहीं होते थे।
पहले से प्रदेश पुलिस एसओजी पेपर लीक मामले में सतर्क और सक्रिय है और अब बाबा भोले की तलाश भी शुरू होने लगी है। फिलहाल हर्षवर्धन पटवारी के मकान को एसओजी की कस्टडी में सील किया हुआ है और हर्षवर्धन मीना एसओजी की गिरफ्त में है। यह भी बताया जा रहा है कि बाबा भोले ने हाईवे पर स्थित गांव कांदोली में भी दो-तीन बार दरबार लगाया था। बाबा के सेवादार ही व्यवस्था संभालते थे।
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