अब तो 40-50 की उम्र में ही आ रहे हार्ट अटैक, लेकिन आप इसे रोक सकते हैं
आखिर युवा क्यों हो रहे हैं हार्ट अटैक का शिकार और इसे रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं, आइए जानने की कोशिश करते हैं।
20-50 साल की उम्र के लोगों में बढ़ रहे Heart Attack मामले
Cardiac Arrest: इन दिनों कम उम्र में ही हार्ट अटैक से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खास तौर पर 40-50 साल की उम्र में ही लोग इसके शिकार होकर मौत के मुंह में समा रहे हैं। अभिनेता और बिग बॉस विजेता सिद्धार्थ शुक्ला की मौत तो आपको याद ही होगी। अपनी फिटनेस से लोगों को कायल करने वाले शुक्ला भी इसके शिकार बन गए थे। उनकी उम्र 40 के आसपास थी। इसी तरह पिछले साल 31 मई को मशहूर सिंगर केके की भी अचानक मौत हो गई थी। कुछ दिनों पहले ही 24 मई को टीवी अभिनेता नितेश पांडे की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वह 51 साल के थे। इस उम्र में भी हार्ट अटैक का शिकार बन जाना हर किसी के लिए पहेली बना हुआ है। आखिर क्यों हो रहा है ऐसा और इसे रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं, आइए जानने की कोशिश करते हैं।
20-50 साल की उम्र के लोगों में बढ़ रहे मामले
पहले हार्ट अटैक बुजुर्गों के लिए परेशानी का सबब होता था। 40-50 वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ना दुर्लभ ही था। लेकिन अब दिल का दौरा पड़ने वाले 5 में से एक व्यक्ति 40 साल से कम उम्र का होता है। ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब दिल के दौरे का खतरा बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। जिन लोगों को 20 या 30 साल की आयु में दिल का दौरा पड़ता है, उन्हें बुजुर्ग रोगियों के समान जोखिम होता है। आंकड़े बताते हैं कि अगर आपको पहला दिल का दौरा पड़ चुका है, तो आप दूसरे बड़े दिल के दौरे या स्ट्रोक से मर सकते हैं, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो।
कितना खतरा है जानिए
युवाओं में दिल के दौरे की बढ़ती घटनाओं के कारणों को जानना बहुत जरूरी है। इससे स्वस्थ रहने और दिल की बीमारी को रोकने में मदद मिल सकती है।
शुरुआती दिल के दौरे के लिए मधुमेह एक प्रमुख जोखिम कारक है।
जिन लोगों को मधुमेह नहीं है, उनकी तुलना में मधुमेह पीड़ित लोगों को 2-4 गुना अधिक हृदय रोग होने की संभावना होती है।
मधुमेह की समस्या तब होती है जब रक्त शर्करा का स्तर स्वस्थ सीमा के भीतर नहीं होता है।
उच्च रक्त शर्करा धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और धमनियों में वसा यानी फैट के निर्माण की संभावना को बढ़ाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ता है।
युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप
उच्च रक्तचाप हृदय (High blood pressure) रोग के लिए सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है। दिल के दौरे में बढ़ोतरी की तरह ही युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप भी बढ़ रहा है। उच्च रक्तचाप हृदय की मांसपेशियों को मोटा कर देता है, रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को नुकसान पहुंचाता है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
मादक द्रव्यों के सेवन से दिल को खतरा
विशेषज्ञ अभी भी दिल पर मारिजुआना के प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन वे एक बात निश्चित रूप से जानते हैं कि इसका सेवन आपकी हृदय गति को बढ़ाता है और आपके दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाता है।
दिल पर कोकीन के प्रभाव से सभी वाकिफ हैं। कोकीन हृदय गति को बढ़ाता है, रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है और रक्तचाप बढ़ाता है।
इन 4 वजहों से होता है दिल का रोग
धूम्रपान
किशोरों में हृदय रोग के लिए सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है धूम्रपान। इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान करने वाले युवा वयस्कों को धूम्रपान न करने वालों की तुलना में गंभीर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।
गर्भावस्था की जटिलताएं
गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया, गर्भावधि मधुमेह, मोटापा या समय से पहले जन्म लेने वाली महिलाओं में शुरुआती हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि धमनी संबंधी समस्याएं आमतौर पर गर्भावस्था की स्थितियों में पैदा होती हैं।
पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया
उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का एक बड़ा कारण है, लेकिन पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (FH) की आनुवंशिक स्थिति के कारण भी ऐसा होता है। एफएच के साथ पैदा हुए लोगों में कम उम्र से ही उच्च कोलेस्ट्रॉल होता है। ऐसे लोगों में बिना एफएच वाले लोगों की तुलना में तेजी से धमनी रोग विकसित होता है।
अवसाद
एक अवसाद भरा दिल सिर्फ दिमाग ही नहीं पूरे शरीर को प्रभावित करता है। अवसाद तनाव हार्मोन को रिलीज करता है और ऐसे ज्वलनशील रसायनों को बढ़ावा देता है जो धमनियों के सिकुड़ने का कारण बन सकता है। कभी-कभी उदास होना ठीक है लेकिन लगातार उदास महसूस करना डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है। डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है। आपको डिप्रेशन के स्तर का तुरंत पता लगाना चाहिए।
कार्डियक अरेस्ट से पहले शरीर के संकेत
- धड़कनों का बहुत तेजी से चलना कार्डियक अरेस्ट का पहला संकेत है। इस स्थिति में हमारा दिल बहुत तेजी से काम करता है। इस दौरान आपको बेचैनी महसूस हो सकती है। आपको थकान और सिर दर्द या पेट दर्द भी महसूस हो सकता है।
- दिल के दौरे में पल्स रेट धीमे-धीमे कम होने लगता है। ऐसा लगता है जैसे सीने पर कुछ भारी पत्थर रख दिया गया है। इसकी वजह से आपको सांस लेने में तकलीफ होती है और घबराहट बढ़ जाती है।
- दिल के दौरे का एक संकेत यह भी है कि इससे पहले पूरे शरीर में एक बेचैनी पैदा होती है और जी मिचलाने लगता है। इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं करें और सावधानी बरतें।
- शरीर में जब ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होता या दिल सही से ब्लड पंप नहीं कर पाता है तो इससे आपको चक्कर आ सकता है और आप बेहोश हो सकते हैं। इस तरह इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर को दिखाएं।
डॉक्टर से कब करें संपर्क?
अगर आपको उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, या अन्य दिक्कतें हैं, तो दवा और इलाज के लिए अपने डॉक्टर से तुरंत चर्चा करें। अपनी दवाएं न छोड़ें और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं। अगर आपको स्वास्थ्य समस्या है, तो आपका डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल, डाइबिटीज और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए दवाएं लिख सकता है। इनके द्वारा लिखी दवाओं को लेना बहुत जरूरी है। इसके अलावा नियमित स्वास्थ्य जांच भी कराना बहुत जरूरी है ताकि आपको पता चल सके कि आपके स्वास्थ्य की स्थिति क्या है।
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