कितना बदल जाएगा झारखंड विधानसभा चुनाव का समीकरण? हेमंत सोरेन की रिहाई का नफा-नुकसान समझिए

Jharkhand Assembly Election 2024: हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ चुके हैं, भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में उन्हें झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई और वो बिरसा मुंडा जेल से रिहा हो गए हैं। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि सूबे में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का समीकरण अब कितना बदल जाएगा।

Hemant Soren Plan for Jharkhand Election

विधानसभा चुनाव के लिए क्या होगा हेमंत सोरेन का प्लान?

Hemant Soren Plan for Jharkhand Election: झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर तमाम सियासी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुट गई हैं। इसी बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के मुखिया हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ चुके हैं। भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोरेन को बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिया गया। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि पूर्व सीएम के जेल से बाहर आने के बाद चुनावी माहौल में सूबे का सियासी समीकरण किस ओर करवट लेगा, क्या जेएमएम को उनके जेल से बाहर आने का लाभ मिलेगा या फिर उनके प्रति लोगों की सहानुभूति कम हो जाएगी और भारी नुकसान झेलना पड़ेगा?

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सोरेन का प्लान

क्या पांच सालों तक झारखंड की सत्ता से दूर रहने के बाद झारखंड की सत्ता में भाजपा की वापसी होगी या फिर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की सहानुभूति जेएमएम और विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियों को मिलेगी और एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा का डंका बजेगा। सभी सियासी दल चुनावी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं, सभी ने अपनी-अपनी कमर कस ली है। जाहिर है कि हेमंत के जेल से बाहर आने के बाद सूबे का सियासी समीकरण तेजी से बदल सकता है। वो चुनाव प्रचार के दौरान सहानुभूति लेने की कोशिश करेंगे, हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान उनके जेल में रहते हुए उनकी पार्टी को पिछली बार की तुलना में दो सीटें अधिक हासिल हुई।

विधानसभा चुनाव में बदला लेगी झारखंड की जनता?

झारखंड सरकार में जेएमएम की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने हेमंत सोरेन की जमानत के बाद ये दावा किया है कि राज्य की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के साथ हुए सुलूक का बदला लेगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुखदेव भगत ने शुक्रवार को कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को ‘फर्जी मामले में फंसाकर’ उनके साथ जो सुलूक किया गया है उसका बदला आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता वोट के माध्यम से लेगी। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जिस तरह से ‘संविधान बचाने’ की बात की है उसका असर भी झारखंड विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
झारखंड में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में फिलहाल झामुमो, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों के गठबंधन वाली सरकार है। झारखंड के लोहरदगा से सांसद भगत ने कहा, '2019 के लोकसभा चुनाव में हमारे गठबंधन को दो सीट मिली थीं और इस बार हमें पांच सीट मिलीं। हमारी अपेक्षाएं इससे ज्यादा सीटों की थीं। हम आदिवासी बहुल पांच की पांच सीट जीते हैं... विधानसभा चुनाव में भी हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे और फिर से जीतेंगे।'

चुनावी आंकड़ों से समझिए इस बार का समीकरण

इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भले ही सूबे की सबसे अधिक सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन 2019 की चुनाव की तुलना में भाजपा को इस बार भारी नुकसान झेलना पड़ा है। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 11 सीटों पर जीत का डंका बजाया था, जबकि इस बार ये नंबर घटकर 8 ही रह गया। वहीं विपक्ष की बात की जाए तो कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जेएमएम ने 5 सीट पर, जबकि राजद और सीपीआई (एमएल) ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने सात में से 2 सीटों पर जीत हासिल की, पिछली बार के चुनाव में उसे एक सीट नसीब हुई थी। जबकि जेएमएम एक सीट से बढ़कर तीन पर पहुंच गई। मतलब साफ है, 2019 की तुलना में विपक्ष थोड़ा मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है।

लोकसभा चुनाव में कैसा रहा प्रदर्शन?

गठबंधनपार्टीसीट
NDAबीजेपी8
NDAआजसू1
INDIAकांग्रेस2
INDIAजेएमएम3
INDIAसीपीआई (एमएल)0
INDIAराजद0
कुल14

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)

वर्षसीटें
विधानसभा चुनाव 201419
विधानसभा चुनाव 201930
सीट परिवर्तन11 सीटें बढ़ी

भारतीय जनता पार्टी (BJP)

वर्षसीटें
विधानसभा चुनाव 201437
विधानसभा चुनाव 201925
सीट परिवर्तन12 सीटें घटी

कांग्रेस

वर्षसीटें
विधानसभा चुनाव 20146
विधानसभा चुनाव 201916
सीट परिवर्तन10 सीटें बढ़ी

झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक)

वर्षसीटें
विधानसभा चुनाव 20148
विधानसभा चुनाव 20193
सीट परिवर्तन5 सीटें घटी

आजसू

वर्षसीटें
विधानसभा चुनाव 20145
विधानसभा चुनाव 20192
सीट परिवर्तन3 सीटें घटी
सुखदेव भगत ने ये भी कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का असर आदिवासी क्षेत्रों में पड़ा और यही कारण है कि आदिवासी इलाकों की सभी लोकसभा सीटें विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) ने जीती हैं। उन्होंने दावा किया कि सोरेन को मनगढ़ंत और फर्जी मामले में फंसाया गया। भगत ने कहा, 'एक आदिवासी मुख्यमंत्री (सोरेन) के साथ जिस तरह का सुलूक किया गया, उसका बदला झारखंड की जनता अवश्य लेगी। लोगों ने भाजपा को वोट के माध्यम से सबक सिखाने का मन में ठान रखा है।' उन्होंने यह भी कहा, 'राहुल गांधी ने जिस तरह से संविधान बचाने की बात की है उसका असर भी हुआ है... राहुल जी आदिवासियों को आदिवासी कहते हैं और भाजपा उन्हें वनवासी कहती है। इसका भी असर होगा।'

'बाबूलाल मरांडी पर BJP को नहीं है भरोसा'

भगत ने दावा किया कि भाजपा नेतृत्व को अपने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर विश्वास नहीं है, इसलिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को चुनाव का प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि अपने पहले के भाजपा विरोधी बयानों और फिर से भाजपा में शामिल होने के बाद बाबूलाल मरांडी अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि आदिवासी समुदाय की ‘सरना’ धर्म को अलग से मान्यता दिए जाने की मांग भी बड़ा मुद्दा है और यह मांग पूरी की जानी चाहिए।

जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए सोरेन

झारखंड हाईकोर्ट द्वारा भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुक्रवार को बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि सोरेन के जेल से बाहर निकलते ही बड़ी संख्या में जेएमएम समर्थकों ने उनका स्वागत किया और नारे लगाए। सोरेन की पत्नी और जेएमएम विधायक कल्पना सोरेन ने न्यायपालिका और लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। अधिकारी ने कहा, 'कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद हेमंत सोरेन को जेल से रिहा कर दिया गया।' जेल से रिहा होने पर सोरेन लोगों की ओर हाथ हिलाते और अपने पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से आशीर्वाद लेते दिखे।
इससे पहले दिन में न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति मुखोपाध्याय द्वारा पारित आदेश में कहा गया, '...याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि के दो जमानती पेश करने पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।' झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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