हिमाचल प्रदेश में सरकार बचा ले जाएगी कांग्रेस? वो 2 रास्ते जिसपर खड़गे-राहुल की है नजर, समझिए समीकरण
Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 40 सीट कांग्रेस के पास है, जबकि 25 विधायक बीजेपी के पास हैं, 3 सीटों पर निर्दलीय का कब्जा है। निर्दलीय बीजेपी के साथ हैं।
हिमाचल में कांग्रेस बचा सकती है सरकार
Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस के विधायकों से क्रॉस वोटिंग की है, उससे इतना तो साफ है कि कांग्रेस सरकार पर संकट है। हिमाचल में फिलहाल सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम हैं, इन्हीं को लेकर विवाद की बात सामने आ रही है। कांग्रेस के पास राज्य में स्पष्ट बहुमत हैं, लेकिन खबर है कि कांग्रेस के 9 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और जिसमें से 6 हरियाणा शिफ्ट हो चुके हैं। सरकार पर संकट को देखते हुए कांग्रेस ऐसे दो विकल्पों पर गौर कर रही है, जिससे उसकी सरकार बच सकती है।
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा का समीकरण
हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 40 सीट कांग्रेस के पास है, जबकि 25 विधायक बीजेपी के पास हैं, 3 सीटों पर निर्दलीय का कब्जा है। निर्दलीय बीजेपी के साथ हैं। अब अगर राज्यसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले हैं। मतलब कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। ऐसे में कांग्रेस के पास 34 विधायक बचते हैं, हिमाचल में सरकार बनाने के लिए 35 विधायकों की जरूरत होती है। मतलब कांग्रेस अल्पमत में आ गई है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ विधायक
हिमाचल में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, सीएम के नाम पर विवाद है। हिमाचल कांग्रेस में 2-3 गुट हैं, जो सत्ता पर पकड़ रखना चाहते हैं। उनके अपने विधायक भी हैं, जिसमें से सबसे मजबूत पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के परिवार वाला गुट है। हालांकि जीत के बाद कांग्रेस आलाकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भरोसा जताते हुए सीएम की कुर्सी दी थी। अब सुखविंदर सिंह सुक्खू को लेकर ही बगावत हुई है। कहा जा रहा है कि 15 विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ हैं। उनकी मांग है कि सीएम बदला जाए।
खड़गे-राहुल की जोड़ी के सामने विकल्प
हिमाचल संकट के दौरान कांग्रेस उन दो रास्तों पर चलने की तैयारी में है, जिससे उसकी सरकार बच सकती है। मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में उपजे राजनीतिक संकट के बीच देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की फोन पर बातचीत हुई है। कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस के 6 बागी विधायक लौटते हैं तो आलाकमान मुख्यमंत्री बदल सकता है। अगर बागी विधायक नहीं लौटे तो विधानसभा स्पीकर दल बदल करने वाले 6 विधायकों को 10 वीं अनुसूची के तहत अयोग्य करार देंगे, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा का समीकरण बदल जाएगा। अगर 6 विधायक अयोग्य करार दिए गए उस स्थिति में विधानसभा में सीटों की संख्या 62 हो जायेगी और बहुमत का आंकड़ा 32 का हो जायेगा। कांग्रेस के पास फिलहाल 34 विधायक हैं तो सरकार बच सकती है।
रास्ता नहीं है आसान
कांग्रेस के सामने भले ही ये दो विकल्प दिख रहे हों, लेकिन उसका मुकाबला बीजेपी से है, जो हर समीकरण को उलट सकती है। हिमाचल में 6 विधायक तो स्पष्ट रूप से कांग्रेस से बगावत कर चुके हैं, खबर है कि इस समय 9 भाजपा के संपर्क में है। अगर यह संख्या बढ़ती है तो कांग्रेस की सरकार गिर सकती है।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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