कितना बदलेगा लोकसभा चुनाव? 18 सीटों पर AAP के लिए करिश्माई साबित हो सकते हैं केजरीवाल, INDIA गठबंधन को भी बड़ी आस
Lok Sabha Election 2024: एक बात तो आइने की तरह साफ है कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) तीसरे सबसे बड़े नेता हैं। ऐसे में चुनाव के बीच उनकी रिहाई ने कई राज्यों में समीकरणों को बदल कर रख दिया है। दिल्ली के साथ-साथ वह पंजाब और हरियाणा की सीटों पर खास असर डाल सकते हैं।
अरविंद केजरीवाल
- 22 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है आम आदमी पार्टी।
- 18 सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल के पास मौका।
- दिल्ली-पंजाब और हरियाणा में खास असर डाल सकते हैं अरविंद केजरीवाल।
Lok Sabha Election 2024: दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल (Arvind Kejariwal Interim Bail) से बाहर आ चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है। अरविंद केजरीवाल को 2 जून को दोबारा सरेंडर करना होगा। इस पूरे वाकये से एक बात साफ है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) के अंतिम चार चरणों में चुनाव प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) उपलब्ध रहेंगे। यह केंद्र में मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो केजरीवाल दिल्ली के साथ-साथ पंजाब के लोकसभा चुनाव में भी खासा असर डाल सकते हैं।
एक बात तो आइने की तरह साफ है कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बाद अरविंद केजरीवाल तीसरे सबसे बड़े नेता हैं। ऐसे में चुनाव के बीच उनकी रिहाई ने कई राज्यों में समीकरणों को बदल कर रख दिया है। अभी दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में चुनाव होने बाकी हैं, जहां आम आदमी पार्टी मजबूत स्थिति में है। ऐसे में केजरीवाल फैक्टर यहां असरदार हो सकता है। आइए समझते हैं केजरीवाल की रिहाई से लोकसभा चुनाव के समीकरण कैसे बदले? वो कौन सी 18 सीटें हैं जहां आम आदमी पार्टी की दावेदारी मजबूत होगी? इंडिया गठबंधन के लिए अरविंद केजरीवाल कैसे करिश्माई हो सकते हैं?
चार चरणों में कैसे बदलेंगे समीकरण
अरविंद केजरीवाल की रिहाई ने इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी आस जगाई है। दरअसल, दिल्ली और पंजाब के अलावा जिन सीटों पर आम आदमी पार्टी का मजबूत आधार है वहां अरविंद केजरीवाल का चुनाव प्रचार वोट बैंक को इंडिया गठबंधन के खाते में ट्रांसफर करवाने में काफी मददगार साबित हो सकता है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की जनता के बीच इमोशनल अपील है, इसके साथ ही साथ उनकी कम्यूनिकेशन स्किल भी जनता को काफी पसंद आती है। वहीं, नरेंद्र मोदी के मुकाबले अरविंद केजरीवाल को भी जनता काफी पसंद करती है। इसलिए लिहाज से चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण में सभी की नजरें अरविंद केजरीवाल पर ही होंगी।
18 सीटों पर आप की दावेदारी मजबूत करेंगे केजरीवाल
आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में कुल 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसमें पहले चरण की असम की दो सीटें शामिल हैं, वहीं तीसरे चरण में गुजरात की भी दो सीटें हैं। इन सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल उपलब्ध नहीं थे। अब दिल्ली की चार सीटों के साथ-साथ पंजाब की 13 व हरियाणा की एक मात्र कुरुक्षेत्र सीट शेष हैं, जहां पर चुनाव होने हैं। इन सीटों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी मैदान में हैं। दिल्ली की चार सीटों के साथ हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट पर 25 मई को चुनाव होने हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को यहां प्रचार करने के लिए 12 से 13 दिन मिलेंगे। वहीं, पंजाब की 13 सीटों पर 1 जून को मतदान होगा, यहां पर भी प्रचार करने के लिए अरविंद केजरीवाल के पास पर्याप्त समय है।
इंडिया गठबंधन को मिलेगा मजबूत चेहरा
इंडिया गठबंधन के पास क्षेत्रीय दलों को छोड़ दें तो देशव्यापी चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी के आलावा कोई बड़ा चेहरा नहीं है। हालांकि, यह बात अलग है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद संजय सिंह इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हालांकि, अब इंडिया गठबंधन राहुल गांधी के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल को भी देशभर में चुनाव प्रचार के लिए भेज सकता है। इससे भाजपा सरकार और विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव प्रचार में इंडिया गठबंधन के पास एक दमदार ओर मजबूत चेहरा होगा।
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