कैसे दिल्ली में मेयर सीट गंवा कर भी AAP को हरा गई बीजेपी, केजरीवाल के 8 वोट हो गए 'हवा'; कांग्रेस भी टूटी

Delhi Mayor: आप के महेश कुमार खिची ने बीजेपी कैंडिडेट को हरा कर दिल्ली मेयर का चुनाव जीत लिया है। दिल्ली में मेयर चुनाव भले ही आप जीत गई हो, लेकिन बीजेपी अपने तय वोट से 10 वोट ज्यादा लाकर आप को तोड़ती हुई भी दिखी है।

delhi mayor election

दिल्ली मेयर चुनाव में आप की जीत

मुख्य बातें
  • दिल्ली मेयर चुनाव में आप और कांग्रेस टूटी
  • आप के 8 पार्षद बीजेपी के साथ
  • कांग्रेस का एक पार्षद आप के साथ

Delhi Mayor: दिल्ली मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत मिली है। आप के महेश कुमार खिची ने बीजेपी कैंडिडेट को हरा दिया है। बीजेपी पहले से ही संख्याबल में काफी कम थी, लेकिन फिर भी एक समय ऐसा आया जब मुकाबला टाई होते दिखा, इसके बाद कुछ वोट अमान्य हुए और आप जीत गई। दिल्ली मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के 10 वोट, बीच में ही गायब हो गए। वहीं जो कांग्रेस इस चुनाव से दूर थी, वो भी टूट गई।

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दिल्ली मेयर चुनाव में AAP के 10 वोट कहां गए

दिल्ली मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से महेश कुमार खींची मैदान में थे, जबकि बीजेपी ने किशन लाल को मेयर का उम्मीदवार बनाया था। आम आदमी पार्टी के पास कुल 143 वोट थे। बीजेपी के पास 122 वोट थे। मतलब जीत आप की तय थी। लेकिन ऐन मौके पर खेल हुआ और केजरीवाल की पार्टी के 10 पार्षदों ने खेला किया, जिसमें से 8 बीजेपी के साथ चले गए, 2 वोट अमान्य हो गए। जिस बीजेपी के पास 122 वोट थे, उसे मिले 130 वोट और आप को मिले 133 वोट। यानि इस चुनाव में भले ही बीजेपी हारी हो, लेकिन उसने एमसीडी में आप को तोड़ दिया है, ये भी एक सत्य है।

कांग्रेस कहां टूटी

दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर कांग्रेस का विरोध था। कांग्रेस ने अगले दलित मेयर के लिए प्रस्तावित संक्षिप्त कार्यकाल को लेकर असंतोष जताते हुए दिल्ली नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया। कांग्रेस दलित महापौर के लिए वर्तमान में प्रस्तावित चार माह के कार्यकाल के बजाय पूर्ण कार्यकाल की मांग कर रही थी। अब बीच सदन में वोटिंग से पहले कांग्रेस का एक पार्षद टूटा और इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी के साथ चला गया। कांग्रेस पार्षद सबीला बेगम ने कांग्रेस छोड़ दी और महेश खींची के पक्ष में वोटिंग कर दी।

अप्रैल में प्रत्याशित घोषित, लेकिन मतदान नवंबर में

मेयर पद के लिए अप्रैल 2024 में आम आदमी पार्टी और भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित कर दिए गए थे। लेकिन, पीठासीन अधिकारी ने यह कहकर फाइल लौटा दी थी कि मुख्यमंत्री की तरफ से कोई सिफारिश नहीं थी। इसके मद्देनजर नया मेयर चुने जाने तक शैली ओबेरॉय का कार्यकाल बढ़ाया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन दिनों जेल में थे, इसलिए वह इस संबंध में किसी भी प्रकार की सिफारिश नहीं कर पाए थे। इससे पहले, दिसंबर 2022 में जब नगर निगम के चुनाव हुए थे, तो आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद ‘आप’ पार्षद शैली ओबेरॉय फरवरी 2023 में महापौर बनी थीं। अप्रैल 2024 में मेयर पद का चुनाव टल गया था।

हर साल नया मेयर

दिल्ली में मेयर चुनाव का कई नियम है। जिसमें से एक ही कि पांच साल में पांच मेयर। हर साल मेयर के लिए अलग से नियम है। एमसीडी की रोटेशनल पॉलिसी के अनुसार पहला वर्ष महिलाओं के लिए, दूसरा वर्ष ओपन कैटेगरी के लिए, तीसरा आरक्षित श्रेणी के लिए और अंतिम दो वर्ष फिर से ओपन कैटेगरी के लिए आरक्षित है।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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