History of Lakshadweep: हिंदू-बौद्ध बहुल लक्षद्वीप कैसे बन गया इस्लाम बहुल, जानिए इसका इतिहास

History of Lakshadweep: लक्षद्वीप और इसके समुद्र तटों का अधिकांश हिस्सा पर्यटन की दृष्टि से अनजान है। इसकी अधिकांश आबादी आमतौर पर कुल 36 में से 9-10 द्वीपों पर रहती है।

लक्षद्वीप का इतिहास

History of Lakshadweep: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे और पड़ोसी देश मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों के बाद सोशल मीडिया पर केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और उसकी खूबसूरती को लेकर चर्चा हो रही है। पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे और वहां पर्यटन को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया पोस्ट से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मालदीव को झटका लगने की अटकलें तेज हो गई हैं। इससे मालदीव के मंत्री इतने घबराए कि उन्होंने बेबुनियाद बयान दिए जिसके बाद उन्हें अपने पद से निलंबित कर दिया गया।

गूगल पर सबसे अधिक सर्च

पीएम मोदी के दौरे के बाद लक्षद्वीप गूगल सर्च पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला कीवर्ड बन गया। सोशल मीडिया यूजर्स ने अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और वहां के लोगों के गर्मजोशी भरे आतिथ्य के बारे में लिखा। इस बीच, हजारों लोगों ने मालदीव की अपनी यात्रा रद्द कर दी और सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives हैशटैग ट्रेंड करने लगा।

लक्षद्वीप द्वीप समूह का इतिहास

हिंदुओं और बौद्धों की भूमि लक्षद्वीप मुस्लिम बहुल कैसे हो गई और इसका इतिहास क्या है, ये सवाल आपने मन में जरूर आता होगा? लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है। 32 द्वीपों के इस द्वीपसमूह में अब 36 द्वीप हैं। लक्षद्वीप की मौजूदा प्रशासनिक राजधानी कावारत्ती (Kavaratti) है। यहां की 96 फीसदी से ज्यादा आबादी इस्लाम धर्म को मानती है। हालांकि, लक्षद्वीप पहले मुस्लिम बहुल नहीं था। यहां हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायी रहते थे।

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