Robert Oppenheimer: 62 की उम्र में दर्दनाक अंत, पहले हुआ कैंसर फिर कोमा में जाने से हुई मौत
जूलियस रॉबर्ट ओपनहाइमर का जन्म 22 अप्रैल, 1904 को न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय और गौटिंगेन विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, जहां उन्होंने 1927 में अपनी पीएचडी पूरी की।
Robert Oppenheimer
Robert Oppenheimer: दुनिया को परमाणु बम के रूप में मौत का तोहफा देने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक जे रॉबर्ट ओपनहाइमर के आखिरी दिन बेहद कष्ट में बीते थे। 60 साल की उम्र में ही उन्हें कैंसर ने घेर लिया था और इसी दौरान वह विवादों में भी घिरे। काई बर्ड और मार्टिन जे. शेरविन की किताब "अमेरिकन प्रोमेथियस: द ट्रायम्फ एंड ट्रेजेडी ऑफ जे. रॉबर्ट ओपनहाइमर" के अनुसार, चेन स्मोकर ओपनहाइमर को 1965 में गले के कैंसर का पता चला था। इसी किताब के आधार पर क्रिस्टोफर नोलन ने फिल्म ओपेनहाइमर बनाई है।
15 फरवरी, 1967 को कोमा में गए
अमेरिकन प्रोमेथियस के अनुसार, कैंसर के कारण 1966 में ओपनहाइमर की कीमोथेरेपी हुई। लेकिन 15 फरवरी, 1967 को वह कोमा में चले गए और तीन दिन बाद 18 फरवरी, 1967 को प्रिंसटन, न्यू जर्सी में उनके घर पर उनकी मौत हो गई। इस समय वह 62 वर्ष के थे। ओपनहाइमर की मृत्यु के 55 साल बाद 2022 में ऊर्जा विभाग ने ओपेनहाइमर की सुरक्षा मंजूरी को रद्द करने के 1954 के फैसले को रद्द कर दिया।
अमेरिकी ऊर्जा सचिव जेनिफर एम. ग्रैनहोम ने एक बयान में कहा कि विभाग का निर्णय ऐतिहासिक रिकॉर्ड को सही करने और हमारी राष्ट्रीय रक्षा और बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक इंडस्ट्री में डॉ. ओपनहाइमर के गहन योगदान का सम्मान करने की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद आया है। ग्रैनहोम ने कहा कि जैसे-जैसे समय बीतता गया डॉ. ओपनहाइमर के प्रति पूर्वाग्रह और अनुचितता के सबूत सामने आए हैं, जबकि उनकी वफादारी और देश के प्रति प्रेम के सबूत और अधिक पुष्ट हुए हैं।
जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर का जन्म 22 अप्रैल, 1904 को न्यूयॉर्क में हुआ था। उनकी मृत्यु 18 फरवरी, 1967, प्रिंसटन, न्यू जर्सी में हुई। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय और गौटिंगेन विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, जहां उन्होंने 1927 में अपनी पीएचडी पूरी की। इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी के अनुसार, 1929 में उन्हें कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पढ़ाने का प्रस्ताव मिला। उन्होंने दोनों को स्वीकार किया और अपना समय पासाडेना और बर्कले में भौतिकी के छात्रों को पढ़ाने के बीच बिताया।
जीन टैटलॉक से खास रिश्ता
एटॉमिक हेरिटेज म्यूजियम के अनुसार, 1936 में उनकी मुलाकात जीन टैटलॉक से हुई, जो उस समय स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल स्कूल के छात्र थे। इस जोड़ी के बीच कई वर्षों तक गहरा रिश्ता रहा और फ्लोरेंस पुघ द्वारा अभिनीत टैटलॉक ने उन्हें बे एरिया कम्युनिस्ट पार्टी के कई सदस्यों से मिलवाया। एटॉमिक हेरिटेज म्यूजियम के अनुसार, ओपनहाइमर ने कहा कि उन्होंने टैटलॉक को दो बार प्रपोज किया, लेकिन आखिर में 1940 में उन्होंने कैथरीन (किट्टी) प्यूनिंग हैरिसन से शादी कर ली। वह एक जीवविज्ञानी और दो बार तलाकशुदा महिला थीं। 1941 में इन्हें अपना पहला बच्चा मिला।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ओपनहाइमर
एटॉमिक आर्काइव के अनुसार, जब द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ तो ओपनहाइमर बर्कले में लॉरेंस विकिरण प्रयोगशाला में परमाणु बम विकसित करने की कोशिशों में शामिल हो गए। 1942 में जनरल लेस्ली ग्रोव्स ने ओपनहाइमर को मैनहट्टन प्रोजेक्ट के निदेशक के रूप में नियुक्त किया, जो परमाणु बम बनाने की सरकारी प्रोजेक्ट का कोड नाम था।
युद्ध के बाद ओपनहाइमर ने क्या किया?
इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी के अनुसार, युद्ध के बाद ओपनहाइमर को परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) की सामान्य सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया, जिसने मैनहट्टन प्रोजेक्ट की जगह ली। उन्होंने 1947 से 1966 तक प्रिंसटन, न्यू जर्सी में स्थित इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी के निदेशक के रूप में भी कार्य किया। एईसी ने अमेरिका में सभी परमाणु अनुसंधान और विकास का जिम्मा लिया और 1947 से 1952 तक अध्यक्ष के रूप में ओपनहाइमर ने हाइड्रोजन बम के विकास का विरोध किया, जो परमाणु बम से एक हजार गुना अधिक शक्तिशाली बम था।
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