पाकिस्तान से आकर आडवाणी ने कैसे भारत में तैयार की सियासी जमीन? टाइमलाइन से समझिए सबकुछ

Advani Political Journey: क्या आप जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं की सूची में शुमार लालकृष्ण आडवाणी ने कैसे पाकिस्तान से भारत आकर अपनी सियासी जमीन तैयार की थी? आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि एक प्रचारक से देश के उप प्रधानमंत्री पद का सफर कैसा रहा।

लालकृष्ण आडवाणी का सियासी सफर।

LK Advani Profile: पाकिस्तान के कराची में किशन चंद आडवाणी के परिवार में 8 नवंबर 1927 को एक बालक का जन्म हुआ। सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने 10वीं कक्षा में टॉप किया और 1942 में ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शामिल हो गए। कराची के मॉडल हाई स्कूल में उन्होंने शिक्षक के तौर पर नौकरी की और आजादी के बाद 1947 में पाकिस्तान छोड़कर उनका परिवार दिल्ली आ गया। उन्होंने पाकिस्तान के सिंध से दिल्ली का रुख किया और यहीं से उनके सियासी सफर की शुरुआत होती है।

आरएसएस को देशभर में किया मजबूत

आजादी के बाद जब देश की सियासत में कांग्रेस की तूती बोलती थी, तो उस वक्त लालकृष्ण आडवाणी राजस्थान की गलियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मजबूत करने में जुटे हुए थे। अलवर, भरतपुर, कोटा, बुंडी और झालावार में आरएसएस को संगठित किया। इसके बाद जनसंघ में शामिल होकर उन्होंने दिल्ली प्रदेश सचिव का पद संभाला। उनका कद बढ़ता चला गया और वर्ष 1986 में वो पहली बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए। कुल तीन बान भाजपा अध्यक्ष का पद संभालने वाले आडवाणी देश के उप प्रधानमंत्री भी रहे हैं। आपको उनकी जिंदगी के सफर का टाइमलाइन देखना चाहिए।

लालकृष्ण आडवाणी।

नामलालकृष्ण आडवाणी
जन्म8 नवंबर, 1927
पिता का नामकिशन चंद आडवाणी
माता का नामज्ञानी देवी आडवाणी
वर्षउपलब्धियां
1936-1942कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ाई, 10वीं तक रह क्लास में किया टॉप
1942राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शामिल हुए
1942भारत छोडो आंदोलन के दौरान गिडूमल नैशनल कॉलेज में दाखिला
1944कराची के मॉडल हाई स्कूल में बतौर शिक्षक नौकरी
12 सितंबर, 1947बंटवारे के बाद सिंध से दिल्ली के लिए रवाना
1947-1951अलवर, भरतपुर, कोटा, बुंडी और झालावार में आरएसएस को संगठित किया
1957अटल बिहारी वाजपेयी की सहायता के लिए दिल्ली शिफ्ट हुए
1958-63दिल्ली प्रदेश जनसंघ में सचिव का पदभार संभाला
1960-1967ऑर्गनाइजर में शामिल, यह जनसंघ द्वारा प्रकाशित एक मुखपत्र है
25 फरवरी, 1965श्रीमती कमला आडवाणी से विवाह, प्रतिभा एवं जयंत-दो संतानें
अप्रैल 1970राज्यसभा में प्रवेश
दिसंबर 1972भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष नियुक्त किए गए
26 जून, 1975बैंगलोर में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार, भारतीय जनसंघ के अन्य सदस्यों के साथ जेल में कैद
मार्च 1977 से जुलाई 1979सूचना एंव प्रसारण मंत्री
मई 1986भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने
1980-86भारतीय जनता पार्टी के महासचिव बनाए गए
मई 1986भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान
3 मार्च 1988दोबारा पार्टी अध्यक्ष बने
1988सरकार में बने गृह मंत्री
1990सोमनाथ से अयोध्या, राम मंदिर रथ यात्रा का शुभारंभ
1997भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाते हुए स्वर्ण जयंती रथ यात्रा का उत्सव
अक्टूबर 1999 से मई 2004केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, गृह मंत्रालय
जून 2002 से मई 2004उप-प्रधानमंत्री
BJP की वेबसाइट में ये बताया गया है कि आडवाणी ने 12 सितंबर, 1947 को करोड़ों लोगों की तरह आफरा-तफरी के माहौल में अपना घर छोड़ा और साथी स्वंयसेवकों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए। पाकिस्तान के सिंध से भारत आने के बाद आडवाणी में परिवर्तन आया और वह आरएसएस के प्रचारक बन गए।

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी।

बीजेपी के संस्थापक सदस्य

भारत की सियासत में समय-समय पर नए मोड़ आते चले गए और कई पार्टियां बनी, टूटी और बिखर गईं। इसी बीच 5-6 अप्रैल 1980 को 2 दिन के राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ। दिल्ली के फिरोज शाह ग्राउंड में 3500 प्रतिनिधी इकट्ठे हुए और भारतीय जनता पार्टी नामक एक नए संगठन का गठन हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी को पार्टी का पहला अध्यक्ष चुना गया और सिकंदर भक्त एवं सुरज भान को महासचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक लालकृष्ण आडवाणी भी हैं। इसके बाद वर्ष 1984 में चुनाव से कुछ समय पहले ही इंदिरा गांधी की हत्या हो गई, जिससे कांग्रेस को भावनात्मक जीत प्राप्त हुई और बीजेपी की संख्या बेहद कम रही, वहीं कांग्रेस को रेकॉर्ड जीत मिली। इसके बाद 1986 में आडवाणी को पार्टी अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।

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