'भारत जोड़ो' से कितनी अलग है राहुल गांधी की 'न्याय यात्रा'? क्यों पड़ी जरूरत और कांग्रेस को क्या होगा लाभ, यहां जानिए
Bharat Nyay Yatra: यह यात्रा 14 जनवरी को पूर्व में मणिपुर से शुरू होगी और पश्चिम में मुंबई तक का सफर तय करेगी। इस दौरान यह यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी और लगभग 6200 किलोमीटर की यात्रा करते हुए 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।
14 जनवरी से शुरू होगी भारत न्याय यात्रा
Bharat Nyay Yatra: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा के नए संस्करण का ऐलान कर दिया है। हालांकि, इसके नाम के साथ यात्रा के तरीके में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसे भारत न्याय यात्रा नाम दिया है, जो 14 जनवरी से शुरू होकर 20 मार्च तक चलेगी। पार्टी का कहना है कि भारत न्याय यात्रा देश के लोगों को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय दिलाने के लिए होगी।
14 जनवरी को इंफाल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद मणिपुर होते हुए यह यात्रा मुंबई तक का सफर तय करेगी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस यात्रा से कांग्रेस पार्टी को बहुत उम्मीदे हैं और हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद पार्टी न्याय यात्रा के जरिए भाजपा से मुकाबला भी करना चाहती है।
आइए जानते हैं कांग्रेस की भारत न्याय यात्रा क्या है? यह कहां-कहां से गुजरेगी? कांग्रेस पार्टी ने इसका नाम क्यों बदला है? यह यात्रा कितनी अलग होगी? पार्टी को दोबारा इसकी जरूरत क्यों पड़ी? और कांग्रेस को इस यात्रा से क्या उम्मीदे हैं...
क्या है भारत न्याय यात्रा?
भारत न्याय यात्रा को कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा संस्करण कहा जा रहा है। यह यात्रा 14 जनवरी को पूर्व में मणिपुर से शुरू होगी और पश्चिम में मुंबई तक का सफर तय करेगी। इस दौरान यह यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी और लगभग 6200 किलोमीटर की यात्रा करते हुए 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।
भारत जोड़ो यात्रा से कितनी अलग?
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कन्याकुमारी से 7 सितंबर 2022 को हुई थी और 136 दिन की यह यात्रा 30 जनवरी, 2023 को श्रीनगर में समाप्त हुई थी। इस यात्रा के जरिए देश के 12 राज्य, दो केंद्र शासित प्रदेश और 75 जिलों को कवर किया गया था। यह पूरी तरह से एक पदयात्रा थी, जिसके जरिए 4000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की गई थी। वहीं, भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों में 6200 किमी की दूरी तय करेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पूरी तरह से पदयात्रा नहीं होगी।
यात्रा के पीछे कांग्रेस का क्या है उद्देश्य?
राहुल गांधी की ब्रांडिंग
कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की ब्रांडिंग करने के लिए एक बार फिर से तैयार है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह यात्रा राहुल गांधी की ब्रांडिंग का जरिया हो सकती है। दरअसल, कांग्रेस का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल गांधी की छवि एक मेहनती, सरल और सुलभ राजनेता के तौर पर उभरी थी। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के 'युवराज' के मिथक को भी तोड़ दिया था। पार्टी भारत न्याय यात्रा के जरिए एक बार फिर से ब्रांड राहुल को स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
विधानसभा चुनाव में हार
हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार मिली है। पार्टी सिर्फ तेलंगाना में ही जीत दर्ज कर पाई है। ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी एक बार फिर से कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाना चाहती है। पार्टी नेताओं का मानना है कि इस यात्रा से कांग्रेस संगठन को भी ऑक्सीजन मिलेगी।
भाजपा को जवाब
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार और 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के ऐतिहासिक उद्घाटन से विपक्षी पार्टी भाजपा का उत्साह चरम पर है। ऐसे में इस यात्रा के जरिए भाजपा को जवाब देने का एक मौका भी मिल जाएगा। यही कारण है कि इस यात्रा की तारीख राम मंदिर के कार्यक्रम से ठीक पहले 14 जनवरी रखी गई है, जिस कारण पार्टी नेताओं को भाजपा के सामने चुपचाप खड़े रहने के बजाए एक मुद्दा मिल सके। इसके साथ ही पार्टी का लक्ष्य जनता की नब्ज को पहचानना भी है।
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