आबकारी नीति मामले में ED से कैसे अलग है CBI की जांच, 3 दिन तक केजरीवाल से होगी पूछताछ

Arvind Kejriwal News: लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें दी गई 21 दिन की अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद वह दो जून को तिहाड़ जेल लौट आए थे। आप नेता को हिरासत में देने का अनुरोध करते हुए सीबीआई ने अदालत से कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ की जरूरत है।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है।

मुख्य बातें
  • दिल्ली सरकार 2021-22 में लाई थी नई आबकारी नीति, विवादों में रही यह नीति
  • इस नीति के तहत एक बोतल शराब खरीदने पर एक बोतल मुफ्त में दिया जाता था
  • इसकी आलोचना होने पर केजरीवाल सरकार ने इसे रद्द कर दिया, पुरानी नीति हुई लागू

Arvind Kejriwal News: कथित शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की रिमांड में हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जांच एजेंसी की दलीलों को स्वीकार करते हुए पूछताछ के लिए उन्हें तीन दिनों की हिरासत में भेज दिया। कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है, उसने पूछताछ के लिए पांच दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने तीन दिन की हिरासत दी।

ED और सीबीआई की जांच में अंतर

दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल को गत मार्च में गिरफ्तार किया था। अब इसी कथित घोटाले में सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया है। एक ही मामले में केजरीवाल को दो केंद्रीय एजेंसियां की जांच का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि दोनों एजेंसियों की जांच एक दूसरे से अलग है। ईडी जहां मामले में धन के स्रोत और उसकी मनीलॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। तो सीबीआई मामले में भ्रष्टाचार और जनसेवकों ने पैसे लिए हैं कि नहीं, इसकी जांच करेगी। बता दें कि गत अप्रैल में सीबीआई ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था उस समय उन्होंने कहा था कि वह शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में गवाह हैं अभियुक्त नहीं।

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