भारत आए 36 राफेल से कितना अलग है Rafale M, जानिए समंदर में कैसे बढ़ेगी नौसेना की ताकत

Rafale M Deal: नौसेना के लिए फ्रांस से जो राफेल खरीद रहा है उसका नाम राफेल M है। बताया जा रहा है कि राफेल का यह वर्जन भारत आए 36 राफेल से थोड़ा अलग है। दोनों के नाम एक जैसे हैं फिर भी नौसेना वाले राफेल की कुछ खासियतें हैं जो वायु सेना वाले राफेल से उसे अलग करती हैं।

Rafale M

नौसेना को मिलेंगे 26 राफेल एम।

Rafale M Deal: भारत और फ्रांस के बीच रक्षा साझेदारी नए मुकाम पर पहुंच रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल एम खरीद के लिए करार होगा। साल 2019 के बाद फ्रांस एक बार फिर भारत को हथियारों की आपूर्ति करेगा। फ्रांस के साथ करीब 59,000 करोड़ रुपए की कीमत से साल 2019 में भारत 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है। ये सभी राफेल भारतीय वायु सेना को मिल चुके हैं। दोनों देशों के बीच जो करार होने जा रहा है उसके तहत 26 राफेल M और तीन पनडुब्बियां शामिल हैं। ये तीन पनडुब्बियां स्कॉर्पियन क्लास की हैं। कहा जा रहा है कि इस खरीद के बाद नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।

भारत आए 36 राफेल से थोड़े अलग होंगे ये फाइटर प्लेन

नौसेना के लिए फ्रांस से जो राफेल खरीद रहा है उसका नाम राफेल M है। बताया जा रहा है कि राफेल का यह वर्जन भारत आए 36 राफेल से थोड़ा अलग है। दोनों के नाम एक जैसे हैं फिर भी नौसेना वाले राफेल की कुछ खासियतें हैं जो वायु सेना वाले राफेल से उसे अलग करती हैं। राफेल M का अगल हिस्सा जिसे नोज कहा जाता है वह ज्यादा मजबूत है। यहां हम दोनों राफेल की खासियतों की एक तुलना करेंगे।

फीचर राफेल M राफेल
एयरफ्रेम युद्धपोत पर लैंड करने में ज्यादा मजबूतस्टैंडर्ड एयरफ्रेम
विंग फोल्डेबलनॉन फोल्डेबल
टेलहुकयेसनो
रडारमैरिटाइम के अनुरूप उन्नतस्टैंडर्ड रडार
वेपनज्यादा दूरी तक के हथियार, एंटी शिप मिसाइल स्टैंडर्ड रेंज के हथियार
मिशन युद्धपोत से अभियान हवाई युद्ध, जमीन पर हमले में पारंगत
INS विक्रांत एवं विक्रमादित्य पर होंगे तैनात

युद्धपोतों पर तैनात करने और यहां से अभियान चलाने के उद्देश्य से राफेल का यह वर्जन तैयार किया गया है। भारतीय के विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर मिग-29 पहले से तैनात हैं। अब इन पर राफेल एम की भी तैनाती होगी।

राफेल M में कई बदलाव

विमान वाहक युद्धपोतों से अभियान चलाने के लिए राफेल एम में कई बदलाव किए गए हैं। जैसे कि युद्धपोत पर लैंडिंग करने के लिए इसके पहियों को ज्यादा मजबूत बनाया गया है। लैंडिंग के लिए टेल हूक भी है। इसमें युद्धपोत आधारित एक माइक्रोवेव लैंडिंग सिस्टम भी है। बदलाव से गुजरने की वजह से राफेल एम का वजन वायु सेना वाले राफेल से थोड़ा ज्यादा है। इसका रडार भी राफेल से थोड़ा अलग है। राफेल एम में एंटी-शिप मिसाइल और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें लगी होंगी।

रक्षा अधिग्रहण परिषद प्रस्तावों पर विचार करेगी

बता दें कि फ्रांस के साथ होने वाले इस करार के लिए रक्षा खरीद बोर्ड (DPB) ने प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) जल्द ही खरीद प्रस्तावों पर विचार करेगी। लोगों ने कहा कि मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान भारत और फ्रांस बड़ी रक्षा परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं।

फिर राफेल-एम के नाम पर मुहर लगीभारतीय नौसेना स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक-आधारित 26 लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है। नौसेना ने एक लंबी प्रक्रिया के बाद खरीद के लिए बोइंग के एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी ‘डसॉल्ट एविएशन’ के राफेल-एम विमान का चुनाव किया था। पता चला है कि राफेल-एम के नाम पर मुहर लग गई है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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