संजय सिंह की रिहाई: कितनी मजबूत होगी AAP? चुनावी कैंपेन से लेकर पार्टी की रणनीति पर कितना असर
Sanjay Singh Latest News Hindi: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के पास आतिशी और सौरभ भरद्वाज जैसे नेता तो हैं, लेकिन इन नेताओं का कद दिल्ली तक ही सीमित है। वहीं, भगवंत मान (Bhagwant Mann) पंजाब में बिजी हैं। ऐसे में पार्टी को एक ऐसे नेता की जरूरत थी, जो उसके चुनावी कैंपने को लीड कर सके और संसद से लेकर सड़क तक पर संघर्ष कर सके। संजय सिंह (Sanjay Singh AAP) इस काम में माहिर हैं।
आप नेता संजय सिंह
Sanjay Singh Latest News: आम आदमी पार्टी (AAP) संकटकाल से गुजर रही है। अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal), मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन जैसी टॉप लीडरशिप इस वक्त जेल में है और राघव चड्ढा आंखों के इलाज के लिए विदेश में हैं। ऐसे में पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। ठीक इसी समय आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह की रिहाई (Sanjay Singh Bail) ने एक बार फिर से आम आदमी पार्टी की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले संजय सिंह (Sanjay Singh AAP) जैसे बड़े नेता की रिहाई पार्टी के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं हैं।
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दरअसल, संजय सिंह अपने तीखे तेवरों के लिए जाने जाते हैं। कल रात जेल से बाहर आते ही उन्होंने बीजेपी और मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "यह वक्त जश्न मनाने का नहीं, संघर्ष का है...आम आदमी पार्टी आंदोलन की कोख से निकली है और यह डरने वाली है।" संजय सिंह की रिहाई ने न केवल आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की उम्मीद बांध दी है, बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए आप के चुनावी कैंपने में भी जान फूंक दी है। आइए जानते हैं संजय सिंह की रिहाई आम आदमी पार्टी के लिए कितनी बड़ी राहत है? आप के चुनावी कैंपने पर वह कितना असर डाल पाएंगे? इंडिया गठबंधन में अब 'आप' की भूमिका कैसी नजर आएगी और संजय सिंह सत्तापक्ष के लिए कैसे मुसीबत खड़ी कर सकते हैं...
आतिशी, सौरभ भरद्वाज और भगवंत मान में वो बात नहीं...
आम आदमी पार्टी के पास आतिशी और सौरभ भरद्वाज जैसे नेता तो हैं, लेकिन इन नेताओं का कद दिल्ली तक ही सीमित है। वहीं, भगवंत मान लोकसभा चुनाव के चलते दिल्ली की राजनीति में ज्यादा वक्त दे नहीं सकते। ऐसे में संजय सिंह का जेल से बाहर आना आप के लिए बड़ी उम्मीदें लेकर आया है। दअरसल, पार्टी के पास एक बार फिर से ऐसा बड़ा चेहरा होगा, जो देश की पॉलिटिक्स में सक्रिय हो सकता है।
चुनावी कैंपेन के लिए मिला स्टार प्रचारक
आम आदमी पार्टी का फोकस दिल्ली के साथ पंजाब की लोसकभा सीटों पर है। एक ऐसा समय जब पार्टी को अरविंद केजरीवाल की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब उनकी गिरफ्तारी ने आप के चुनावी कैंपने को बड़ा झटका दिया था। हालांकि, संजय सिंह अब दिल्ली में इस अभियान को लीड कर सकते हैं। इसके साथ ही भगवंत मान अपना पूरा समय पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर लगा सकते हैं।
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इंडिया गठबंधन के बीच तालमेल
भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया है। आम आदमी पार्टी भी इसमें शामिल है। हालांकि, टॉप लीडरशिप के जेल जाने के बाद पार्टी के पास ऐसे नेता की कमी हो गई थी, जो इंडिया गठबंधन के दलों के बीच तालमेल स्थापित कर सके। अब जब संजय सिंह जेल से बाहर हैं, तो वह गठबंधन में भी सक्रिय भूमिका में दिखाई दे सकते हैं। दरअसल, संजय सिंह की छवि ऐसे नेता के रूप में रही है, जिनकी बातें विपक्ष दलों के नेता भी सुनते हैं और उनके रिश्ते भी विपक्ष से बेहतर हैं।
संगठन में मजबूत पकड़
संजय सिंह की पहचान जमीन पर संघर्ष करने वाले नेताओं की है। ऐसे में उनकी बड़ी काबिलियत पार्टी संगठन पर उनकी पकड़ है। वह AAP के शुरुआती समय से ही संगठन का काम देखते आए हैं। दिल्ली के बाद अन्य राज्यों में आप जहां भी है उसके पीछे संजय सिंह की बड़ी भूमिका रही है। पार्टी संगठन के कामकाज का उनके पास अच्छा-खासा अनुभव है। जाहिर है कि संजय सिंह के बाहर आने पर दिल्ली में आप का चुनाव-प्रचार जोर पकड़ेगा। पार्टी संगठन के माहिर संजय सिंह तेजी के साथ पार्टी को एकजुट कर उसे एक नई दिशा दे सकते हैं।
मुखर वक्ता की कमी
आम आदमी पार्टी मुखर वक्ता की कमी से भी जूझ रही थी। पार्टी के पास ऐसे नेता की कमी थी, जो कार्यकर्ताओं में जान फूंक सके और सत्तापक्ष पर तथ्यों के साथ तीखा हमला भी कर सके। संजय सिंह इस विधा में माहिर हैं। वह ऐसे नेता रहे हैं, जो संसद से लेकर सड़क तक संघर्ष करना जानते हैं और तथ्यों के साथ अपनी बातों को रखते हैं। संजय सिंह की मजबूत भाषण शैली एक बार फिर से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जान फूंक सकती है।
मनीष सिसोदिया के बाहर आने की उम्मीदें बढ़ीं
संजय सिंह की रिहाई के बाद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के भी जेल से बाहर आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दरअसल, संजय सिंह की तरह मनीष सिसोदिया भी लंबे समय से जेल मे हैं। ईडी ने उनके घर, दफ्तार से लेकर कई ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन एक भी पैसे की बरामदगी नहीं हो पाई। ऐसे में संभव है कि सिसोदिया के वकील अदालत में संजय सिंह की रिहाई को आधार बनाकर उनकी जमानत की मांग करें।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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