Satendra Siwal: हसीना, पैसा और रंगीन जिंदगी...ऐसे ISI का जासूस बना सतेंद्र सिवाल

Satendra Siwal: यूपी एटीएस को ऐसी जानकारी मिली थी कि कोई पाकिस्तान की जासूसी कर रहा है, सेना, रक्षा मंत्रालय की खूफिया जानकारी एकत्र कर आईएसआई को दे रहा है। जिसके बाद एटीएस ने अपनी जांच में सतेंद्र सिवाल को ऐसी गतिविधि में शामिल पाया।

Satendra Siwal

आईएसआई का जासूस सत्येंद्र सिवाल

Satendra Siwal: हापुड़ जिले के शाहमहिउद्दीनपुर गांव का रहने वाले सतेंद्र सिवाल को देखकर कोई कह नहीं सकता था कि यह शख्स भारत के साथ गद्दारी कर रहा है, अपने मुल्क के साथ गद्दारी कर रहा है। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में आईबीएसए जैसे पोस्ट पर तैनात सतेंद्र सिवाल रविवार को जब यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा तो हर कोई चौंक गया। इतनी अच्छी नौकरी, रूस जैसे देश में तैनाती और अच्छी जिंदगी के बाद भी आखिर सतेंद्र क्यों और कैसे आईएसआई का जासूस बना, ये हर किसी के लिए एक उलझी हुई पहेली है।

कैसे पकड़ाया सतेंद्र सिवाल

दरअसल यूपी एटीएस को ऐसी जानकारी मिली थी कि कोई पाकिस्तान की जासूसी कर रहा है, सेना, रक्षा मंत्रालय की खूफिया जानकारी एकत्र कर आईएसआई को दे रहा है। जिसके बाद एटीएस ने अपनी जांच में सतेंद्र सिवाल को ऐसी गतिविधि में शामिल पाया। एटीएस ने सतेंद्र को मेरठ बुलाया और उससे पूछताछ की। जहां उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

सतेंद्र सिवाल पर आरोप

सतेंद्र पर आरोप है कि वो पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करता था। वो कई गोपनीय जानकारी आईएसआई को भेज चुका था। साथ ही भारतीय सेना से संबंधित रणनीतिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को प्रलोभन दे रहा था। जिसमें लड़की से लेकर पैसे तक का लालच शामिल था। सतेन्‍द्र सिवाल आईएसआई के अधिकारियों के साथ मिला था और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था। रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की रणनीतिक गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को भेज कर रहा था।

कैसे जासूस बना सतेंद्र सिवाल

सतेंद्र सिवाल को लेकर दावा किया जा रहा है कि आईएसआई ने उसे हनी ट्रैप के जरिए फंसाया था। एक लड़की की आईडी से उसे पहले फेसबुक पर मैसेज आया था। जहां से बात बढ़ी फिर वाट्सअप पर बातें होने लगी। लड़की ने अपने रिसर्चर होने का दावा किया और कुछ सूचनाएं मांगी, जो सतेंद्र ने दे दी। इसके बाद हर सूचना के बदले सतेंद्र को मोटी रकम भी मिलने लगी। धीरे-धीरे सतेंद्र पूरी तरह से आईएसआई के लिए काम करने लगा।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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