Fog Pass: खराब मौसम में रोजाना उड़ानें रद्द, लेकिन ट्रेनें यूं कर रहीं घने कोहरे से मुकाबला

Fog Pass: हर साल घने कोहरे के कारण कई ट्रेनें प्रभावित होती हैं, खासकर देश के उत्तरी हिस्सों में। कुछ मौकों पर देरी 18-19 घंटों तक हो जाती है।

ट्रेनों का कोहरे से मुकाबला

Fog Pass in Trains: उत्तर भारत में मौसम सर्द हो गया है और शीतलहर-कोहरे ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। खास तौर पर उत्तर भारत में कई उड़ानों में देरी और रद्द होने से यात्रियों में निराशा और रोष है। ऐसे में ट्रेन से यात्रा करने वालों को इसके मुकाबले आसान यात्रा का अनुभव हो रहा है। इसका कारण है, फॉग पास (Fog Pass)। भारतीय रेलवे ने सर्दियों के महीनों के दौरान कोहरे के कारण होने वाली देरी और व्यवधानों को कम करने के लिए एक जीपीएस-सक्षम डिवाइस 'फॉग पास' पेश किया है। हर साल घने कोहरे के कारण कई ट्रेनें प्रभावित होती हैं, खासकर देश के उत्तरी हिस्सों में। कुछ मौकों पर देरी 18-19 घंटों तक हो जाती है।

वॉयस कमांड भी देता है फॉग पास

रेलवे ने ट्रेनों में 19,742 'फॉग पास' डिवाइस लगाए हैं, जिनमें से ज्यादातर उत्तरी डिवीजन में चल रही हैं। 'फॉग पास' एक नेविगेशन डिवाइस है जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में नेविगेट करने में मदद करता है। यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट (मानवयुक्त और मानव रहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ सेक्शन जैसी जगहों के बारे में रियल टाइम जानकारी (डिस्प्ले के साथ-साथ वॉइस मार्गदर्शन) प्रदान करता है। डिवाइस अगले तीन आने वाले स्थानों को प्रदर्शित करता है और लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक ध्वनि संदेश भी देता है।

फॉग पास डिवाइस की खासियतें

सभी प्रकार के सेक्शन के लिए उपयुक्त, जैसे सिंगल लाइन, डबल लाइन, विद्युतीकृत और गैर-विद्युतीकृत अनुभाग।

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