कैसे यूक्रेन के लिए बुरा साबित हुए जेलेंस्की, न नाटो की सदस्यता मिली न दुर्लभ खनिज बचा! रूस ने इलाकों पर कब्जा वो अलग!

रूस-यूक्रेन के बीच सीधी लड़ाई 2022 से जारी है। हालांकि इसकी शुरुआत 2014 में ही हो गई थी, जब रूस ने क्रीमिया को यूक्रेन से छीनकर अपने में मिला लिया था। इसके अलावा डोनबास क्षेत्र (डोनेट्स्क और लुहान्स्क) में रूस समर्थित अलगाववादियों का समर्थन किया था। इस संघर्ष का रूप धीरे-धीरे बढ़ा और 2022 में रूस ने एक बड़े पैमाने पर यूक्रेन पर आक्रमण किया, जो अब तक जारी है।

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रूस के साथ जंग के लिए जेलेंस्की दोषी?

यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग अब युद्धविराम तक पहुंचने लगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध विराम के पीछे पड़े हैं, रूस और यूक्रेन के नेताओं से सीधे बात रहे हैं। अब सवाल ये है कि इस जंग से किसे फायदा हुआ और किसे घाटा? सिर्फ एक लाइन में अगर रूस-यूक्रेन युद्ध का निष्कर्ष निकाला जाए तो फायदा रूस को हुआ, अमेरिका को हुआ, यूरोप को भी होगा, लेकिन घाटा सिर्फ और सिर्फ यूक्रेन को हुआ है। इसके लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। जेलेंस्की की जिद के कारण ही यह युद्ध यूक्रेन तक पहुंचा और फिर इसमें उसके कई शहर बर्बाद हो गए। यूक्रेन को इस युद्ध से तो हासिल होता कुछ नहीं दिख रहा है, लेकिन उसका एक हिस्सा जा चुका है, नाटो की सदस्यता मिली नहीं, अमेरिका साथ छोड़ चुका है, इतना ही नहीं अमेरिका की नजर उन दुर्लभ खनिजों पर है, जिसके भंडार का एक बड़ा हिस्सा यूक्रेन के पास है, इसकी डील भी अमेरिका अपने हित में लगभग कर चुका है।

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रूस-यूक्रेन युद्ध क्यों शुरू हुआ

  • इस जंग की शुरुआत में सबसे बड़ा कारण जो है- वो है नाटो की सदस्यता, रूस पूर्व में सोवियत संघ के खिलाफ बने नाटो में शामिल होने के लिए यूक्रेन मरा जा रहा था, जेलेंस्की इसकी सदस्यता के लिए दिन रात एक किए हुए थे। रूस ने नाटो के इस विस्तार को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा माना।
  • यूक्रेन ने 2014 से नाटो के साथ करीबी संबंध बनाने की कोशिश की, और रूस को डर था कि यदि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनता है, तो रूस की सुरक्षा को एक बड़ा खतरा होगा।
  • पुतिन ने कई बार चेतावनी दी। जेलेंस्की नहीं मानें और युद्ध को यूक्रेन के मुहाने पर ला खड़ा किया। जेलेंस्की की सरकार ने यूक्रेन के यूरोपीय संघ और नाटो के साथ करीबी रिश्तों को बढ़ावा दिया।
  • यूक्रेन की सरकार ने 2014 में रूस समर्थित राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को हटाने के बाद पश्चिमी देशों, जैसे यूरोपीय संघ (EU) और नाटो के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए थे।
  • रूस ने इसे अपनी क्षेत्रीय प्रभुत्व और प्रभाव का नुकसान समझा और इस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई।
  • जेलेंस्की के राष्ट्रपति बनने के बाद, उन्होंने क्रीमिया और डोनबास क्षेत्र में रूस समर्थित अलगाववादियों से निपटने के लिए कई प्रयास किए। हालांकि, रूस ने इन क्षेत्रों में अपने समर्थकों को बनाए रखा और यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज कर दी।

रूस के हिस्से क्या-क्या आया

रूस ने 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद, कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों और संसाधनों पर कब्जा किया या उन्हें नियंत्रित किया। इस युद्ध में रूस ने यूक्रेन के कई हिस्सों से कब्जा किया है। रूस ने 2024 में यूक्रेन का 4,168 वर्ग किलोमीटर हिस्सा कब्जा लिया है, जिसमें डोनबास, खेरसॉन का कुछ हिस्सा, ज़ापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट, अवदीवका, सेलीडोव, वुहलदार और कुराखोव शामिल है। इसके अलावा रूस ने इस हमले के कारण नाटो, यूक्रेन में घुस नहीं पाया, यूरोप भी रूस से खौफ में है।

जेलेंस्की ने यूक्रेन को बर्बाद कर दिया

  • जेलेंस्की चाहते तो यह युद्ध रूक सकता था, राष्ट्रपति बनने के बाद जिस तरह से रूस के खिलाफ जेलेंस्की गए वो युद्ध का न्योता देने के लिए काफी था। जेलेंस्की जिस अमेरिका, नाटो और यूरोप के भरोसे युद्ध में कुदे थे, उसमें से अमेरिका पीछे हट चुका है, नाटो की सदस्यता मिली नहीं और यूरोप भी बहुत कुछ कर नहीं पाया।
  • यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा कृषि उत्पादन का केंद्र है, विशेष रूप से अनाज, सूरजमुखी, और अन्य फसलों के उत्पादन में। युद्ध के कारण, रूस ने यूक्रेन की कृषि भूमि का भी नियंत्रण लिया, और यूक्रेन के प्रमुख कृषि क्षेत्रों में माइनिंग और हमले किए। रूस ने यूक्रेन के विभिन्न शहरों और कस्बों को बमबारी और मिसाइल हमलों से नष्ट कर दिया। इसमें कीव, ओडेसा, खारकीव, मारियुपोल, और अन्य शहर शामिल हैं।
  • इन हमलों के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, और यूक्रेन का बुनियादी ढांचा (जैसे सड़कें, पुल, अस्पताल, और स्कूल) भारी नुकसान हुआ है। रूस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन से महत्वपूर्ण क्षेत्रों, शहरों, और संसाधनों को छीन लिया है, और इसके परिणामस्वरूप यूक्रेन को विशाल मानव, आर्थिक, और भौतिक नुकसान का सामना करना पड़ा।
  • रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। युद्ध के कारण बुनियादी ढाँचा नष्ट हो गया है, और निवेशकों ने यूक्रेन से अपना पैसा निकाल लिया। इसके अलावा, जेलेंस्की के कुछ आर्थिक निर्णयों ने भी स्थिति को और बिगाड़ा, जैसे कि भारी ऋणों की आवश्यकता और बाहरी सहायता पर निर्भरता।
  • जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ युद्ध में दृढ़ता से विरोध किया, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के साथ संघर्ष ने यूक्रेन को और अधिक संकट में डाल दिया। युद्ध में नुकसान और बुरी स्थिति के कारण यूक्रेन को मानव संसाधनों और बुनियादी ढांचे का भारी नुकसान हुआ।

अब अमेरिका की नजर यूक्रेन पर

रूस- यूक्रने के बीच युद्ध विराम के लिए ट्रंप एक्टिव हैं, पुतिन से लेकर जेलेंस्की तक से बात कर रहे हैं। लेकिन अमेरिका उन दुर्लभ खनिजों के लिए डील कर रहा है जो यूक्रेन में मौजूद है। अमेरिका का कहना है कि उसने अरबों डॉलर की मदद यूक्रेन को दी है, अब वो अपना खनिज हमें दे।अमेरिका यूक्रेन से कई प्रकार के दुर्लभ खनिज (rare earth minerals) लेने में रुचि रखता है, खासकर लिथियम, नियोक्स, कोबाल्ट, टंगस्टन, और अन्य खनिजों के लिए, जो आधुनिक तकनीक और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन खनिजों का उपयोग विशेष रूप से बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सौर ऊर्जा पैनल, एलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बैटरियाँ, और आधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी में होता है। इतना ही नहीं यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का मालिक भी अमेरिका बनना चाहता है, जेलेंस्की को ऑफर भी कर चुके हैं।

युद्धविराम से किसे होगा फायदा?

अभी युद्ध विराम हुआ नहीं है। रूस ने युद्धविराम की शर्तें रखी नहीं है, जेलेंस्की को अंमेरिका जिस तरह से ट्रीट कर रहा है, उससे साफ है कि यूक्रेन की शर्तों को उतना महत्व मिलना है नहीं। रूस अपने दम पर लड़ रहा था, यूक्रेन अमेरिका और यूरोप के भरोसे जंग में है। अभी की जो तस्वीर है, उससे ऐसा ही लग रहा है इस जंग में यूक्रेन के हाथ कुछ नहीं आना है, खनिज अमेरिका ले जाएगा और जीते हुए क्षेत्र रूस, यूक्रेन में रह जाएगी तो सिर्फ बर्बादी के निशान।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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