पहले 2017 और अब 2024, चुनाव से पहले पार्टी बदलने का खेल खेलते रहे हैं अरविंदर सिंह लवली, समझिए अब कैसे बदल जाएगा East Delhi का समीकरण

Arvinder Singh Lovely: अरविंदर सिंह लवली पहले भी कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं। हालांकि तब उनका मोह कुछ महीनों में ही बीजेपी से भंग हो गया था और कांग्रेस में घर वापसी कर ली थी। अब एक बार फिर से लवली, बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

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कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए अरविंदर सिंह लवली, पहले भी कमल का थाम चुके हैं दामन

Arvinder Singh Lovely: कांग्रेस के कद्दावर नेता अरविंदर सिंह लवली अब बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। अब बीजेपी के साथ रहने की कसम खा रहे हैं। लेकिन अरविंदर सिंह लवली, दिल्ली की राजनीति में पलटी मारने के लिए जाने जाते हैं। फिलहाल हाल के सालों में वो ऐन चुनाव से पहले तीन बार पलटी मार चुके हैं। कभी शीला दीक्षित सरकार में आधा दर्जन मंत्रालय संभालने वाले लवली दिल्ली कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। पूर्वी दिल्ली में लवली की पकड़ काफी गहरी है, हालांकि इसके बाद भी वो पिछले कुछ चुनाव में हार चुके हैं, इसके बाद भी अगर ये कहा जाए कि लवली के बीजेपी में जाने से पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अब समीकरण बदल जाएगा तो गलत नहीं होगा। समझिए कैसे दिल्ली की राजनीति को प्रभावित करेंगे बीजेपी के अरविंदर सिंह लवली।

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कैसे बदल जाएगा पूर्वी दिल्ली सीट का समीकरण

अरविंदर सिंह लवली गांधी नगर से 4 बार विधायक बने हैं। गांधी नगर विधानसभा सीट, ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आती है। पिछली बार लोकसभा चुनाव में अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस की ओर से मैदान में थे, उनके सामने थे क्रिकेटर गौतम गंभीर, लवली को तीन लाख और गंभीर को लगभग सात लाख वोट मिले थे। वहीं आप से आतिशी को सवा दो लाख से ज्यादा वोट मिले थे। इस बार आप और कांग्रेस साथ है। गंभीर भी इस सीट से प्रत्याशी नहीं हैं, मतलब स्टार कैंडिडेट का फायदा इस सीट पर इस बार बीजेपी के साथ नहीं है। यहां से बीजेपी ने हर्ष मलहोत्रा और आप ने कुलदीप कुमार को टिकट दिया है। कुलदीप कुमार की भी इस इलाके में पकड़ है। अगर लवली कांग्रेस के साथ होते तो शायद समीकरण कुछ और होता, अब बीजेपी के साथ चले गए हैं तो जाहिर तौर पर समीकरण बदल जाएगा और लवली का वोट बीजेपी में ट्रांसफर हो सकता है।

जब अरविंदर सिंह लवली ने मारी पहली बार पलटी

अरविंदर सिंह लवली ने पहली बार पलटी 2017 में मारी थी। तब दिल्ली में नगर निगर का चुनाव चल रहा था। आप दिल्ली की सत्ता में थी और बीजेपी एमसीडी की सत्ता में। कांग्रेस से सत्ता, केजरीवाल छीन चुके थे, जिसके बाद एमसीडी में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस जोर लगा रही थी। तब एमसीडी तीन भागों में बंटी थी। नॉर्थ, साउथ और ईस्ट। कांग्रेस ईस्ट दिल्ली में अरविंदर सिंह लवली के सहारे आगे बढ़ने की तैयारी कर चुकी थी। लेकिन ऐन वोटिंग से कुछ दिनों पहले अरविंद सिंह लवली ने भाजपा ज्वाइन कर लिया। लवली के इस कदम से कांग्रेस सकते में आ गई। अरविंदर सिंह लवली से बीजेपी को फायदा हुआ। बीजेपी ईस्ट दिल्ली में सत्ता में बरकरार रही और बीजेपी ने 2012 (35 सीट) के मुकाबले 2017 (47 सीट) में 12 सीटें ज्यादा जीती।

कांग्रेस में अरविंदर सिंह लवली की वापसी

नगर निगम चुनाव के बाद जब लोकसभा चुनाव 2019 का समय आया तो अरविंदर सिंह लवली ने बीजेपी को अलविदा कह, कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। तब लवली ने कहा था- "मैं भाजपा में वैचारिक रूप से अनुपयुक्त था।" लवली एक बार फिर से कांग्रेस में ऊपर चढ़ने लगे। 2019 में ईस्ट दिल्ली से लोकसभा लड़े, हार गए। इसके बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में गांधी नगर से टिकट दिया, वहां से भी हार गए। इसके कुछ महीनों बाद कांग्रेस ने लवली को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।

तीसरी बार अरविंदर सिंह लवली ने पलटी मारी

इसके बाद आया लोकसभा चुनाव 2024, कांग्रेस और आप में गठबंधन हुआ। सीट शेयरिंग हुई। कैंडिडेट घोषित हो गए। इन सबमें लवली की भूमिका थी, वो आगे दिख रहे थे, लेकिन अचानक से लवली ने पिछले दिनों कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। खबर आई कि लवली, टिकट चाह रहे थे, जो मिला नहीं। हालांकि लवली ने इससे इनकार किया, लेकिन गठबंधन पर सवाल उठाने लगे। कांग्रेस लवली को मनाने के बजाय, गांधी परिवार के भरोसेमंद, देवेंद्र यादव को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी। अटकलें लगीं कि लवली बीजेपी में जा सकते हैं, लवली ने इनकार किया, लेकिन अटकलें तब सही साबित हो गईं, जब लवली ने आज यानि कि शनिवार को तीसरी बार पलटी मारी और बीजेपी में शामिल हो गए।

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शिशुपाल कुमार author

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