Ram Lalla Surya Tilak: राम नवमी पर रामलला का अनोखा सूर्य तिलक, 10 प्वाइंट में समझिए ये कैसे होगा

Ram Lalla Surya Tilak: 23 अक्टूबर, 2022 को अयोध्या में दीपोत्सव समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रस्ट को सुझाव दिया कि राम मंदिर के गर्भगृह को ओडिशा के कोणार्क मंदिर की तरह, राम नवमी पर रामलला पर सीधी रोशनी के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए।

मुख्य बातें
  • राम नवमी, हिंदू कैलेंडर के पहले महीने के नौवें दिन मनाई जाती है।
  • भगवान राम की जयंती का प्रतीक राम नवमी इस साल 17 अप्रैल को है।
  • इसी दिन दुनिया वो चमत्कार देखेगी, जिसे मंदिर निर्माण के समय तैयार किया गया है।

Ram Lalla Surya Tilak: राम नवमी के दिन अयोध्या में बड़ा ही अद्भुत चमत्कार होने जा रहा है। ऐसा चमत्कार जिसे देखकर हर कोई अचंभित रह जाएगा। आज राम नवमी के दिन सूर्य की किरणों से रामलला का तिलक होगा। रामलला के सूर्य तिलक कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रसार भारती करेगा। प्रसार भारती आज 17 अप्रैल को राम मंदिर में होने वाले अनुष्ठानों का भी प्रसारण करेगा।

रामनवमी के दिन अयोध्या में चमत्कारराम नवमी, हिंदू कैलेंडर के पहले महीने के नौवें दिन मनाई जाती है। यह आमतौर पर मार्च-अप्रैल में आती है, जो भगवान राम की जयंती का प्रतीक है। इस वर्ष राम नवमी 17 अप्रैल को है। राम नवमी के दिन पूरे देश में उत्सव रहता है और अयोध्या में तो इसका उत्सव देखते ही बनता है, राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में राम नवमी का उत्सव बहुत ही बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसी दिन दुनिया वो चमत्कार देखेगी, जिसे मंदिर निर्माण के समय तैयार किया गया है।

भगवान रामलला (फोटो- @ShriRamTeerth)

10 प्वाइंट में समझिए कैसे होगा रामलला का सूर्य तिलक

  1. राम मंदिर के निर्माण के समय मंदिर में एक ऐसी सिस्टम विकसित किया गया है, जिससे राम नवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेगा और सूर्य तिलक करेगा।
  2. ऑप्टिका द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बैंगलोर के सहयोग से तैयार की गई इस परियोजना में सटीक लेंस और दर्पणों की विशेषता वाली एक अनूठी डिजाइन का उपयोग किया गया है।
  3. इस अद्भुत डिजाइन में एक गियर बॉक्स, मिरर और लेंस की सहायता से सूर्य की किरणों को राम मंदिर की तीसरी मंजिल से गर्भगृह तक लाया जाएगा।
  4. सबसे पहले सूर्य की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे मिरर पर गिरेगी, यहां से यह रिफ्लेक्ट होकर दूसरे मिरर तक रोशनी पहुंचेगी।
  5. यह दूसरा मिरर प्रकाश को 90 डिग्री पर रिफ्लेक्ट करेगा और पाइप के नीचे की ओर रोशनी पहुंचेगी।
  6. यहां पाइप में तीन लेंस लगे हैं, जिससे सूर्य की रोशनी गुजरेगी। इसके बाद पाइप के कॉर्नर पर लगे शीशे से रोशनी टकराएगी।
  7. इस मिरर से सूर्य की रोशनी जब टकराएगी तब वहां से यह सीधे रामलला के मस्तक तक पहुंचेगी।
  8. ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला का सूर्य तिलक करेंगी।
  9. सूर्य की ये किरणें करीब 4 मिनट तक रामलला के मस्तक पर पड़ेंगीं।
  10. हर साल रामनवमी पर ठीक 12 बजे भगवान राम लला के मस्तक पर यह सूर्य तिलक होगा।
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