100 फीसदी सही खुफिया इनपुट पर ही सफल होता है हानियेह की हत्या जैसा कोवर्ट ऑपरेशन

Ismail Haniyeh News : बेंजामिन नेतन्याहू की इस चेतावनी के बाद से ही हमास का टॉप लीडरशिप और उसके सैन्य कमांडर निशाने पर थे। गाजा पर हमला शुरू करने के बाद इजरायल हमास के कई सैन्य कमांडरों को मार चुका है। हमास नेताओं के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन को देखते हुए हानियेह का सुरक्षा घेरा काफी मजबूत और उसकी मूवमेंट गोपनीय रखी जाती होगी।

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मंगलवार को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानियेह की हत्या हुई।

मुख्य बातें
  • मंगलवार की रात तेहरान के एक अपार्टमेंट में हमास नेता इस्माइल हानियेह की हत्या हुई
  • ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आया था
  • ईरान और हमास ने हमास नेता हानियेह की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है
Ismail Haniyeh News : हमास के राजनीतिक यूनिट का शीर्ष नेता इस्माइल हानियेह के मारे जाने के बाद मध्य पूर्व में तनाव और संघर्ष के और तेज होने की आशंका जताई जा रही है। हानियेह, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान पहुंचा था लेकिन मंगलवार रात इसकी हत्या हो गई है। बात यह है कि हानियेह तेहरान में जिस जगह रुका हुआ था, वह कोई आम जगह नहीं थी। आम लोग यहां तक पहुंच नहीं सकते। इस जगह पर ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के रिटायर्ड अफसर, हाई प्रोफाइल और बड़ी शख्सियतों वाले लोग रहते हैं।

हानियेह और सुरक्षाकर्मी दोनों मारे गए

जाहिर है कि यहां की सुरक्षा भी काफी चाक-चौबंद होगी। हमास के बड़े नेता के यहां ठहरने और उसके मूवमेंट को देखते हुए सुरक्षा घेरा और बंदोबस्त पहले से ज्यादा मजबूत होगा। हानियेह पर हमला कैसे हुआ और उसे कैसे निशाना बनाया गया, अभी इस पर चीजें साफ नहीं हैं। हालांकि, रिपोर्टों में कहा गया है कि हानियेह जिस अपार्मेंट में ठहरा हुआ था, वहां ड्रोन भेजकर रॉकेट से हमला हुआ। यह रॉकेट या मिसाइल अपॉर्टमेंट के अंदर दाखिल होकर फट गई। इस विस्फोट में हानियेह और उसका सुरक्षाकर्मी दोनों मारे गए।

इजरायल के निशाने पर था हानियेह

जो लोग टारगेट पर होते हैं या जिन पर हमला होने का शक होता है, उसके बारे में बहुत गोपनीयता बरती जाती है। उनके आने-जाने, रुकने, ठहरने और किसी से मिलने-जुलने की हर जानकारी बेहद गोपनीय होती है। बहुत ही कम लोगों को हाई-प्रोफाइल लोगों के मूवमेंट के बारे में जानकारी होती है। यहां बात हानियेह की है, हानियेह इजरायल के निशाने पर था। बीते 7 अक्टूबर को गाजा-हमास बॉर्डर पर हमास ने भीषण हमले किए... इन हमलों में करीब बारह सौ इजरायल नागरिक मारे गए। इस नरसंहार के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के शीर्ष नेताओं और कमांडरों को खुली चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हमास के सभी आतंकवादी आज से खुद को मुर्दा समझें।

खुफिया इनपुट बहुत ही स्पेसिफिक था

नेतन्याहू की इस चेतावनी के बाद से ही हमास का टॉप लीडरशिप और उसके सैन्य कमांडर निशाने पर थे। गाजा पर हमला शुरू करने के बाद इजरायल हमास के कई सैन्य कमांडरों को मार चुका है। हमास नेताओं के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन को देखते हुए हानियेह का सुरक्षा घेरा काफी मजबूत और उसकी मूवमेंट गोपनीय रखी जाती होगी। लेकिन उसकी हत्या इजरायल के सबसे बड़े दुश्मन देश ईरान में हो जाना हैरान करता है। इस तरह की राजनीतिक हत्या (एसेसिनेशन) करने के लिए बहुत ही पुख्ता और सटीक खुफिया इनपुट की जरूरत होती है। हमला करने के लिए किसी के पास बहुत ही उन्नत और शानदार हथियार हो सकते हैं लेकिन अगर सटीक इनपुट न हो तो हमला नाकाम हो जाएगा। जाहिर है कि हानियेह को मारने में खुफिया इनपुट बहुत ही स्पेसिफिक और टू द प्वाइंट रहा होगा।

बहुत खतरनाक है मोसाद की किडोन यूनिट

ध्यान देने वाली बात यह है कि हानियेह की हत्या के बाद इजरायल ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। न तो उसने हां कहा और ना ही ना। हमले के एक दिन बाद नेतन्याहू ने यह जरूर कहा कि हाल के दिनों में हमास को गहरा धक्का पहुंचा है। हो सकता है कि हानियेह की हत्या में इजरायल का हाथ हो या उसी ने हत्या कराई हो, लेकिन ईरान में हानियेह की हत्या की साजिश करने और उसे मारने के लिए बहुत ही स्पेसिफिक और पुख्ता खुफिया इनपुट की जरूरत होगी। इजरायल की मोसाद और उसकी किडोन यूनिट दूसरे देशों में जाकर कोवर्ट ऑपरेशन करने में माहिर हैं। किडोन को तो खास तौर पर इसी तरह के स्पेशल ऑपरेशन और टारेगेटेड किलिंग के लिए ही बनाया और डिजाइन किया गया है।

बेहद सफाई और चतुराई से मारा गया हानियेह

जिस दुश्मन को आप मारना चाहते हैं यदि उसके और उसकी गतिविधियों के बारे में आपके पास पुख्ता और सटीक खुफिया जानकारी नहीं है तो बेहतरीन और एडवांस हथियार रखते हुए भी ऑपरेशन को सौ प्रतिशत एक्यूरेसी के साथ अंजाम नहीं दिया जा सकता। ईरान में हानियेह को जिस सफाई और चतुराई से मारा गया है, जाहिर है कि उसकी खुफिया इनपुट बहुत ही तगड़ी और एकूरेट रही होगी। इनपुट जरा भी दाएं-बाएं होने पर टारगेट हाथ से निकल जाने का खतरा था लेकिन इस ऑपरेशन को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि रिवोल्यूशनरी गार्ड जैसे तेज तर्रार और स्मार्ट यूनिट को भनक तक नहीं लगी। ध्यान देने वाली बात यह भी है अमेरिका से नेतन्याहू के लौटने के बाद हमास के कमांडरों पर हमलों में तेजी आई है। हो सकता है कि इन टॉप कमांडरों को निपटाने के लिए नेतन्याहू को वहां से हरी झंडी मिली हो।

ईरान कर सकता है बदले की कार्रवाई

बात यह है कि हानियेह की हत्या के बाद से ईरान की छवि और प्रतिष्ठा को गहरा धक्का पहुंचा है। 2020 में कुद्स फोर्स के चीफ कासिम सुलेमानी की हत्या, बीते मई महीने में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत और अब हानियेह की हत्या। ये सारी घटनाएं ईरान को एक कमजोर देश के रूप में पेश करती हैं। सुलेमानी को मारने के पीछे अमेरिका था तो रईसी के हादसे के पीछे और हानियेह की हत्या में इजरायल कठघरे में है। मध्य पूर्व में अपना दबदबा दिखाने और अमेरिका, इजरायल को संदेश देने के लिए देर-सबेर ईरान की तरफ से कोई न कोई कार्रवाई हो सकती है।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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