अगर नीतीश गए बीजेपी के साथ तब भी लालू, तेजस्वी को बना सकते हैं मुख्यमंत्री? जानें बिहार का सियासी गणित

राजद के पास कुल 79 विधायक हैं। राजद की सहयोगी कांग्रेस के पास 19 और लेफ्ट के पास 16 विधायक हैं। इन तीनों की संख्या को जोड़ दें तो 114 विधायक महागठबंधन के पास हैं, नीतीश को छोड़कर।

लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव

बिहार में जिस तरह के राजनीतिक हालात दिख रहे हैं, उसमें नीतीश कुमार एक बार फिर से पाला बदल सकते हैं। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार कई बार पाला बदल चुके हैं। कभी लालू के साथ तो कभी लालू का विरोध। अब खबर है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन से अलग हो एनडीए में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में नीतीश-लालू में से किसे घाटा होगा और किसे फायदा, आइए समझते है बिहार का सियासी समीकरण।

लालू बना सकते हैं तेजस्वी को सीएम

राजद इस समय बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। जिसका नेतृत्व कहने को तो लालू यादव के पास है, लेकिन कमान तेजस्वी यादव के हाथ में है। तेजस्वी फिलहाल बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं। राजद के पास कुल 79 विधायक हैं। राजद की सहयोगी कांग्रेस के पास 19 और लेफ्ट के पास 16 विधायक हैं। इन तीनों की संख्या को जोड़ दें तो 114 विधायक महागठबंधन के पास हैं, नीतीश को छोड़कर। अब अगर नीतीश अलग होते हैं तो राजद को 8 और विधायकों का सपोर्ट चाहिए होगा, सत्ता के लिए।
End Of Feed