India Vs Bharat पर बढ़ा सियासी विवाद, 10 प्वाइंट में जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
इस विवाद ने देश में सियासी तापमान बढ़ा दिया है और कांग्रेस बेहद आक्रामक मुद्रा में है। 10 प्वाइंट में जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ।
इंडिया बनाम भारत विवाद
India Vs Bharat: जी-20 सम्मेलन से पहले डिनर के निमंत्रण पत्र पर 'भारत के राष्ट्रपति' के जिक्र के साथ ही इंडिया बनाम भारत पर बहस तेज हो गई है। इसे लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं और बात संसद सत्र के बहिष्कार तक पहुंच गई है। संसद सत्र से ठीक पहले उठी चर्चा से देश के नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है और अब संविधान की पुस्तकों को खंगाला जा रहा है। इस विवाद ने देश में सियासी तापमान बढ़ा दिया है और कांग्रेस बेहद आक्रामक मुद्रा में है। 10 प्वाइंट में जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ।
जानिए 10 बड़ी बातें
- जी-20 सम्मेलन के डिनर के निमंत्रण पत्र पर 'भारत के राष्ट्रपति' के जिक्र ने इंडिया बनाम भारत पर बहस तेज कर दी है। इसमें लिखा गया है- भारत के राष्ट्रपति। इसके बाद से ही विवाद शुरू हुआ।
- 'भारत' नाम का इस्तेमाल विदेशी प्रतिनिधियों के लिए बनाई गई G20 बुकलेट में भी किया गया है जिसका शीर्षक है -"भारत, लोकतंत्र की जननी"। इसमें कहा गया है, 'भारत देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है।'
- अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया और उसके बाद ग्रीस का भी दौरा किया था, तब भी भारत शब्द का इस्तेमाल हुआ था। 22-25 अगस्त तक दोनों देशों की उनकी यात्रा के लिए सरकारी अधिसूचना में भी उन्हें 'भारत का प्रधानमंत्री' कहा गया था।
- यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर नामकरण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है क्योंकि जी-20 समिट में शामिल होने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अन्य शीर्ष विश्व नेता भारत आ रहे हैं।
- भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार रात प्रधानमंत्री की इंडोनेशिया यात्रा पर एक दस्तावेज भी साझा किया जिसमें उन्हें 'भारत का प्रधानमंत्री' कहा गया था।
- सूत्रों का कहना है कि सरकार इस महीने के अंत में 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में देश का नाम बदलने का प्रस्ताव रख सकती है। सरकार ने विशेष सत्र के लिए किसी भी एजेंडे की घोषणा नहीं की है, इससे अटकलों में और इजाफा हुआ है।
- इस कदम की विपक्ष ने तीखी आलोचना की है। विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने नरेंद्र मोदी सरकार पर इतिहास को विकृत करने और भारत को विभाजित करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले पर चर्चा के लिए गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
- विपक्ष ने सरकार के इस कदम को अपने गठबंधन के गठन से जोड़ा। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि अगर विपक्षी गठबंधन खुद को 'भारत' कहने का फैसला करता है तो क्या सत्तारूढ़ दल देश का नाम बदलकर 'भाजपा' कर देगा।
- भाजपा नेताओं ने भारत नामकरण का स्वागत किया और विपक्ष पर राष्ट्र-विरोधी और संविधान-विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत शब्द संविधान के अनुच्छेद 1 में भी है, जो कहता है: इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।
- यह विवाद भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के उस सुझाव के ठीक दो दिन बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश को इंडिया को छोड़कर भारत में बदल जाना चाहिए। आप दुनिया में जहां भी जाएं, भारत, भारत ही रहेगा। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि बोलने और लिखने में भारत ही कहना होगा।
'इंडिया, यानी भारत'
बता दें कि भारत का संविधान वर्तमान में देश को 'इंडिया, यानी भारत' के रूप में संदर्भित करता है। हालांकि, इसे केवल भारत करने के लिए संशोधन करने की मांगें बढ़ती जा रही हैं। 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र शुरू होने के साथ ऐसी अटकलें हैं कि इस बदलाव को लागन करने के लिए संविधान में संशोधन पेश किया जा सकता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव ...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited