एटमी ताकत में भारत के मुकाबले कहां टिकता है पाकिस्तान?
Nuclear Weapons: क्या आप जानते हैं कि परमाणु शक्तियों के मामले में भारत और पाकिस्तान में से कौन सा देश अधिक ताकतवर है। अगर दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ जाए, तो कितनी बड़ी तबाही मचेगी? आपको बताते हैं कि किस देश के पास कौन-कौन से खतरनाक हथियार हैं।
भारत बनाम पाकिस्तान
India vs Pakistan Nuclear Weapons: भारत और पाकिस्तान के बीच यदि परमाणु युद्ध हो जाए तो कितनी भयानक तबाही मचेगी? परमाणु हथियारों से जुड़े तरह-तरह के रिसर्च और दावे और खुलासे होते रहे हैं। कई रिपोर्ट्स और अध्ययन में ये तक अनुमान लगाया गया है कि यदि अमेरिका और रूस के बीच सीधे तौर पर परमाणु युद्ध (Nuclear War) हो जाए तो कितने लोग मारे जाएंगे और कितने करोड़ लोग भुखमरी से मर जाएंगे? इन सभी सवालों का जवाब आपको इस लेख में मिलेगा, लेकिन सबसे पहले आपको ये जानना चाहिए कि परमाणु हथियारों के मामले में भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों में कौन ज्यादा शक्तिशाली है। किसके पास कितने लॉन्चर, बम और उनकी रेंज कितनी है।
दुनिया के किस देश के पास कितने परमाणु हथियार?
स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने अपनी एक रिपोर्ट में दुनिया के अलग-अलग देशों की परमाणु शक्तियों से जुड़े कई खुलासे किए हैं। इसके तहत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल की क्षमताओं का जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में ये बताया गया है कि किस देश के पास कितनी क्षमता के परमाणु हथियार उपलब्ध हैं। 2023 की तुलना में इस वर्ष 2024 में किस देश के पास कितने हथियारों का इजाफा हुआ है। पहले आप इन आंकड़ों को देखिए, फिर आपको तफसील से समझाते हैं कि परमाणु शक्ति के नजरिए से भारत के आगे पाकिस्तान कहां टिकता है।
भारत की परमाणु शक्ति को आंकड़ों से समझिए
ये बात तो सामने आ गई कि पाकिस्तान को भारत ने परमाणु हथियारों के मामले में पछाड़ दिया है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आखिर ये हुआ कैसे। SIPRI की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि जनवरी 2024 तक भारत के पास लगभग 172 परमाणु हथियारों का भंडार होने का अनुमान है। पिछले वर्ष की तुलना में यह एक छोटी सी वृद्धि है। इस रिपोर्ट के तालिका 7.7 (Table 7.7) में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत के पास कौन-कौन से हथियार हैं, इनकी क्षमताएं कितनी हैं और इनकी संख्या कितनी है। इन हथियारों को विमान, भूमि-आधारित मिसाइलों और परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों (SSBN) के परिपक्व परमाणु त्रय (Mature Nuclear Triad) को सौंपा गया था।
लंबे वक्त से ऐसा माना जाता रहा है कि भारत शांति काल के दौरान अपने परमाणु हथियारों को अपने तैनात लॉन्चर्स से अलग रखता है। हालांकि, मिसाइलों को कनस्तरों में रखने और समुद्र-आधारित निवारक गश्त करने की दिशा में देश के हालिया कदमों से पता चलता है कि भारत शांति काल में अपने कुछ हथियारों को उनके लांचरों के साथ जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत अपने परमाणु हथियारों को भविष्य में तैनात कर सकता है।
भारतीय सैन्य सिद्धांत में परमाणु हथियारों की भूमिका
2010 के दशक की शुरुआत तक भारत की शुरुआती परमाणु प्रणालियों की सीमित रेंज का ये मतलब था कि उनका सिर्फ यही मकसद है कि पाकिस्तान को उसकी हद में रखा जाए, हालांकि इसके बाद से भारत नई नीति पर काम करने लगा। उसने हाल के वर्षों में चीन को टारगेट करने में सक्षम लंबी दूरी की मिसाइलों को डेवलप करने पर खास जोर दिया है। पाकिस्तान के साथ-साथ भारत चीन को लेकर बेहज सतर्क है।
परमाणु हथियार का पहले इस्तेमाल न करने की नीति
भारत ने 1999 से परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने (NFU) की नीति का पालन किया है, इस प्रतिज्ञा को 2003 की एक चेतावनी (2018 में फिर से पुष्टि) द्वारा योग्य बनाया गया था कि भारत सामूहिक विनाश के गैर-परमाणु हथियारों (WMD) के हमलों का जवाब देने के लिए परमाणु बलों का भी उपयोग कर सकता है।
SIPRI की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि NFU नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के बारे में बहस 2018 से इस संकेत के साथ बढ़ गई है कि भारत के परमाणु शस्त्रागार के कुछ हिस्सों को उच्च स्तर की तत्परता पर रखा जा रहा है, जिसमें भारत के कुछ वारहेड्स और लॉन्चरों का संभावित संयोजन भी शामिल है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या भारत किसी संकट के समय, यहां तक कि उनके इस्तेमाल से पहले ही, किसी विरोधी के परमाणु हथियारों को निशाना बनाने के लिए सीमित जवाबी परमाणु मुद्रा की ओर बढ़ रहा है। पाकिस्तान की तरह भारत ने लंबे समय से गैर-परमाणु-सशस्त्र राज्यों के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग न करने या उपयोग करने की धमकी न देने की नीति बनाए रखी है। लेकिन गैर-परमाणु WMD हमलों के खिलाफ परमाणु हथियारों के संभावित उपयोग के बारे में भारत के 2003 के बयान को देखते हुए, इस प्रतिज्ञा की शर्तें अनिश्चित हैं।
भारत के पास विमान और हवाई-वितरित हथियार
अपनी रिपोर्ट में SIPRI ने बताया है कि भारत के पास कई प्रकार के लड़ाकू विमान हैं, जिनकी प्रदर्शन विशेषताएं संभावित रूप से उन्हें परमाणु-वितरण प्लेटफॉर्म के रूप में उपयुक्त बनाती हैं, जिनमें मिराज 2000H, जगुआर IS और राफेल शामिल हैं। हालांकि, इन विमानों की परमाणु भूमिका के बारे में शायद ही कोई आधिकारिक जानकारी है, एक अपवाद के साथ: एक विस्तृत स्रोत बताता है कि कैसे मिराज 2000H को 1990 के दशक में परमाणु हमले की भूमिका के लिए परिवर्तित किया गया था। SIPRI का अनुमान है कि जनवरी 2024 तक भारतीय विमानों को लगभग 48 परमाणु गुरुत्वाकर्षण बम सौंपे गए थे।
भारत के पास कौन-कौन सी भूमि आधारित मिसाइलें?
भारतीय सेना की सामरिक बल कमान पांच प्रकार की मोबाइल परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल संचालित करती है: कम दूरी की पृथ्वी-II और अग्नि-I; मध्यम दूरी की अग्नि-II; और मध्यम दूरी की अग्नि-III और अग्नि-IV शामिल हैं।
4 जनवरी 2003 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया था कि ‘सुरक्षा पर कैबिनेट समिति भारत के परमाणु सिद्धांत के परिचालनीकरण की समीक्षा करती है।’ इसके पहले 17 अगस्त 1999 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में ‘भारतीय परमाणु सिद्धांत पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड की मसौदा रिपोर्ट’ साझा की थी। वहीं 5 नवंबर 2018 को भारतीय प्रधान मंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति में ये जानकारी साझा की गई थी कि 'प्रधान मंत्री ने परमाणु त्रिभुज के पूरा होने पर आईएनएस अरिहंत के चालक दल को बधाई दी।' SIPRI की रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी आंकड़े अनुमानित हैं और कुछ लेखकों द्वारा किए गए आकलन पर आधारित हैं।
भारतीय परमाणु शक्तियां, जनवरी 2024
टाइप | लॉन्चर्स की संख्या | पहली बार तैनाती | रेंज (किमी) | वारहेड्स x उपज | वारहेड्स की संख्या |
विमान | 84 | 48 | |||
मिराज 2000H | 32 | वर्ष 1985 | 1850 | 1 x 12 किलोटन बम | 32 |
जगुआर IS | 16 | वर्ष 1981 | 1600 | 1 x 12 किलोटन बम | 16 |
राफेल | 36 | वर्ष 2022 | 2000 | उपलब्ध नहीं | शून्य या नगण्य मान |
भूमि आधारित मिसाइलें | 80 | 80 | |||
पृथ्वी-II | 24 | वर्ष 2003 | 250e | 1 x 12 किलोटन | 24 |
अग्नि-I | 16 | वर्ष 2007 | >700 | 1 x 10–40 किलोटन | 16 |
अग्नि-II | 16 | वर्ष 2011 | >2000 | 1 x 10–40 किलोटन | 16 |
अग्नि-III | 16 | वर्ष 2018 | >3200 | 1 x 10–40 किलोटन | 16 |
अग्नि-IV | 8 | वर्ष 2022 | >3500 | 1 x 10–40 किलोटन | 8 |
अग्नि-V | उपलब्ध नहीं | वर्ष [2024] | >5000 | 1 x 10–40 kt | उपलब्ध नहीं |
अग्नि-VI | नगण्य मान | वर्ष [2027] - संभावित | >6000 | 1 x 10–40 किलोटन | नगण्य मान |
अग्नि-P | - | वर्ष [2025] | 1000-2000 | [1 x 10–40 किलोटन] | - |
समुद्र आधारित मिसाइलें | 3/14 | 16 | |||
धनुष | 2 | वर्ष 2013 | 400 | 1 x 12 किलोटन | 4 |
K-15 (B-05) | 12 | वर्ष 2018 | 700 | 1 x 12 किलोटन | 12 |
K-4 | - | [2025] | 3500 | 1 x 10–40 किलोटन | - |
अन्य संग्रहित वारहेड्स | [28] | ||||
कुल भंडार | 178 | 172 |
SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में भारत की परमाणु शक्तियों पर किए दावों के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय, वार्षिक रिपोर्ट और प्रेस विज्ञप्तियों; इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज, द मिलिट्री बैलेंस, विभिन्न वर्ष परमाणु वैज्ञानिकों का बुलेटिन, ‘परमाणु नोटबुक’ और लेखकों के अनुमान को अपना स्रोत (Source) बताया है। अब आपको पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं से रूबरू करवाते हैं।
आंकड़ों से सझिए पाकिस्तान की परमाणु शक्तियां
भारत की परमाणु क्षमता पड़ोसी देश पाकिस्तान की तुलना में अधिक हो गई है। SIPRI के अनुमानों के अनुसार, जनवरी 2024 तक पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार थे, जो पिछले वर्ष के बराबर संख्या है। ये हथियार पाकिस्तान के विमान, जमीन से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों और समुद्री लॉन्च की जाने वाली क्रूज मिसाइलों के नवजात त्रय (Neonatal triad) को सौंपे गए थे। एक स्टडी में ये बताया गया है पाकिस्तान अपने परमाणु भंडार का विस्तार जारी रहने की कोशिश में जुटा हुआ है।
परमाणु-सशस्त्र देशों की तुलना में पाकिस्तान पर कम भरोसा
SIPRI ने ये भी बताया कि पाकिस्तानी सरकार ने कभी भी अपने परमाणु शस्त्रागार (Nuclear Arsenal) के आकार का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया है। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के बारे में सीमित आधिकारिक सार्वजनिक डेटा और खबरों का मतलब है कि पाकिस्तानी वारहेड्स और डिलीवरी वाहनों की संख्या और प्रकार का विश्लेषण अनिश्चितताओं से भरा है। पाकिस्तान की परमाणु शक्तियों के बारे में SIPRI की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अन्य परमाणु-सशस्त्र देशों की तुलना में पाकिस्तान पर कम भरोसा है।
अब आपको बताते हैं कि रिपोर्ट में ये अनुमान कैसे लगाया गया। अधिकारियों के सार्वजनिक बयानों, पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ खास बातचीत और लेखकों के विश्लेषणों के साथ-साथ पड़ोसी देश की परमाणु स्थिति, और सामग्री उत्पादन का आंकलन कर ये दावा किया गया है।
कैसे लगाया गया पाकिस्तान की परमाणु शक्तियों का अनुमान?
अब आपको आंकड़ों से समझाते हैं कि जिसके बारे में SIPRI ने कहा है कि सभी आंकड़े अनुमानित हैं और कुछ लेखकों द्वारा किए गए आकलन पर आधारित हैं। इस स्रोत (Source) पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय, विभिन्न दस्तावेज; अमेरिकी वायु सेना (यूएसएएफ), राष्ट्रीय वायु और अंतरिक्ष खुफिया केंद्र, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल खतरा, अंतर्राष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान, सैन्य संतुलन, परमाणु वैज्ञानिकों का बुलेटिन, 'परमाणु नोटबुक' और लेखकों के अनुमान को बताया गया है। नीचे देखिए आंकड़े...।
पाकिस्तानी परमाणु शक्तियां, जनवरी 2024
टाइप | लॉन्चर्स की संख्या | पहली बार तैनाती | रेंज (किमी) | वारहेड्स x उपज | वारहेड्स की संख्या |
विमान | 36 | 36 | |||
मिराज III/V | 36 | वर्ष 1998 | 2100 | 1 x 5–12 किलोटन बम | 36 |
भूमि आधारित मिसाइलें | 126 | 126 | |||
अब्दाली (Hatf-2) | 10 | वर्ष 2002 | 200 | 1 x 5–12 किलोटन | 10 |
गज़नवी (Hatf-3) | 16 | वर्ष 2004 | 300 | 1 x 5–12 किलोटन | 16 |
शाहीन-I/IA (Hatf-4) | 16 | वर्ष 2003/2022 | 750/900 | 1 x 5–12 किलोटन | 16 |
शाहीन-II (Hatf-6) | 24 | वर्ष 2014 | 2000 | 1 x 10–40 किलोटन | 24 |
शाहीन-III | - | वर्ष [2024] | 2750 | 1 x 10–40 किलोटन | - |
गौरी (Hatf-5) | 24 | वर्ष 2003 | 1250 | 1 x 10–40 किलोटन | 24 |
नस्र (Hatf-9) | 24 | वर्ष 2013 | 70 | 1 x 5–12 किलोटन | 24 |
अबाबील | – | . . | 2200 | MIRV या MRV | - |
बाबर/-1A GLCM (Hatf-7) | 12 | 2014/[2020 की शुरुआत] | 350/450 | 1 x 5–12 किलोटन | 12 |
बाबर-2/-1B GLCM | - | . . | 900 | 1 x 5–12 किलोटन | - |
समुद्र आधारित मिसाइलें | |||||
बाबर-3 SLCM | – | वर्ष [2025] | 450 | 1 x 5–12 किलोटन | – |
अन्य संग्रहित वारहेड्स | [8] | ||||
कुल भंडार | 162 | 170 |
भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो...
साल 2022 के अगस्त माह की बात है, जब नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित एक सहकर्मी-समीक्षित अध्ययन में इस बात का दावा किया गया था कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच छोटे पैमाने पर परमाणु युद्ध हुआ तो इससे 2 बिलियन (200 करोड़) से अधिक लोग मर सकते हैं। वहीं इस स्टडी में ये भी बताया गया था कि अमेरिका और रूस के बीच पूरी क्षमता के साथ परमाणु युद्ध हुए तो से सीधे तौर पर 360 मिलियन लोग मारे जाएंगे और 5 बिलियन से अधिक लोग भुखमरी से मर जाएंगे।
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पाकिस्तान से मजबूत हुआ भारत, चीन भी हुआ ताकतवर
परमाणु हथियारों के मामले में भारत अब पाकिस्तान से इस मामले में आगे निकल चुका है। सीधे शब्दों में समझा जाए तो भारत ज्यादा ताकतवर परमाणु देश बन चुका है। SIPRI की एक रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि चीन ने अपने परमाणु शस्त्रागार को जनवरी 2023 से अपने हथियारों की संख्या बढ़ा ली है। चीन के पास 2023 में 410 परमाणु हथियार थे और उसने हथियारों की संख्या बढ़ाकर जनवरी 2024 तक 500 कर लिया है।
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