मौसम चक्र में बदलाव ने विशेषज्ञों को भी चौंकाया, क्या बेमौसम बारिश का मानसून पर पड़ेगा असर?
अप्रैल-मई में बारिश और धूप-गर्मी का खेल चल रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इस बार मॉनसून सामान्य रहेगा।
क्या बेमौसम बारिश का मानसून पर पड़ेगा असर?
Unseasonal Rains And Monsoon: इस साल मौसम चक्र ने विशेषज्ञों को भी चौंका दिया है। किसी दिन तेज धूप तो अगले ही दिन बारिश। मई महीने की शुरुआत ही बारिश से हुई और गर्मी के मौसम में ठंड का अहसास हो रहा था। मानो महीना मई का नहीं, नवंबर-दिसंबर का चल रहा हो। अगले कुछ दिन भी दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में बारिश होती रही। अप्रैल-मई में बारिश और धूप-गर्मी का खेल चल रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इस बार मॉनसून सामान्य रहेगा।
आमतौर पर मई के महीने में प्रचंड गर्मी का दौर शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार हालात ही कुछ और हैं। बीच-बीच में हो रही बारिश ने मौसम खुशनुमा बना दिया है। ये बदलाव तब हो रहा है जब तमाम मौसम विज्ञानी कह रहे हैं कि इस बार एल-नीनो का असर होगा और भीषण गर्मी पड़ेगी। लेकिन अब तक तो इसका असर नजर नहीं आ रहा है। वैसे भी सामान्य तौर पर जून के आखिर में मॉनसून दस्तक देने लगता है। तो क्या भीषण गर्मी का दौर महज कयास हैं।
बेमौसम बारिश की क्या वजह?
इस साल मई में देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश हुई है। इस महीने में अचानक से मौसम क्यों बदल रहा है? वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम में आए इस बदलाव के पीछे पश्चिमी विक्षोभ एक बड़ी वजह है। मार्च और अप्रैल में 6-6 पश्चिमी विक्षोभ देखे गए। घटना हर साल होती है, लेकिन इस साल जैसे हालात पहले नहीं बने हैं। इस बार पश्चिमी विक्षोभ के कारण हरियाणा और पंजाब के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी चक्रवाती हवाएं बनी हैं। इन चक्रवाती हवाओं की वजह से उत्तर से पश्चिम भारत में बारिश हो रही है। दक्षिण भारत में एंटी साइक्लोनिक एक्टिविटी के चलते मौसम में बदलाव आया है।
लेकिन विशेषज्ञों का कहन है कि मौसम में इस बदलाव के कारण इस बार गर्मी भी पिछले साल की तुलना में तेज होगी और इसका एक कारण एल नीनो भी होगा। एल नीनो के कारण भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बारिश का सिलसिला बिगड़ सकता है। साफ है कि भारत ही नहीं, ग्लोबल वार्मिंग का असर अब दुनिया के कई देशों में दिखाई दे रहा है।
क्या बेमौसम बारिश से मानसून पर पड़ेगा असर?
सामान्य मानसून के लिए 'हीटिंग' जरूरी है। गर्म हवाएं बादलों को तैयार करती है। लेकिन इस साल अप्रैल और मई की शुरुआत में भी ज्यादा गर्मी नहीं पड़ी। मौसम के इस बदलाव का सीधा असर मानसून पर पड़ सकता है। हालांकि मौसम वैज्ञानिक कह रहे हैं कि इस बेमौसम बारिश का मानसून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन कई बार ऐसा हुआ है जब मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी भी विफल साबित हुई है।
अगले कुछ महीनों में विकसित होगा एल-नीनो
इस बात की संभावना बढ़ रही है कि आने वाले महीनों में एल नीनो (El-Nino) विकसित होगा और इसके असर से रिकॉर्ड वैश्विक तापमान पड़ेगा। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी दी है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, एल-नीनो के अब जुलाई के अंत तक 60 प्रतिशत संभावना है। जबकि सितंबर के अंत तक 80 प्रतिशत संभावना के साथ उभर सकता है। एल-नीनो के असर से प्रचंड गर्मी होगी और मानसून पर भी असर पड़ेगा।
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अमित कुमार मंडल author
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव ...और देखें
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