Iran Israel War: 48 घंटे बाद भी ईरान के हमले का जवाब नहीं दे पाया इजराइल, वो कौन सा हथियार जिससे डर रहे नेतन्याहू!

Iran Israel Tension Explained: यह देखना दिलचस्प होगा कि हमास पर तुरंत एक्शन लेने वाला इजराइल अब तक ईरान को लेकर चुप क्यों है? इजराइल सीधे तौर पर ईरान से भिड़ने से खुद को क्यों रोक रहा है? ईरान के पास ऐसे कौन से हथियार हैं, जो इजराइल के चिंता का कारण बने हुए हैं? इसके बावजूद इजराइल अगर ईरान पर जवाबी कार्रवाई करता है तो मंजर क्या होगा?

Israel Iran

इजराइल-ईरान संघर्ष

Iran Israel Tension: ईरान के इजराइल पर हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। इस हमले के बाद मिडिल ईस्ट में एक और युद्ध की आशंका बनी हुई है। हालांकि, ईरान के मिसाइल हमले के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी इजराइल ने अब तक जवाबी हमला नहीं किया है। इजराइल के सेना प्रमुख की ओर से इतना जरूर कहा गया है कि उनका देश पिछले हफ्ते हुए ईरान के हमले का जवाब देगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इजराइल ऐसा कब और कैसे करेगा।
जबकि, बीते साल 7 अक्टूबर को हमास की ओर से हुए हमले के तुरंत बाद इजराइल एक्शन के मूड में आ गया था और उसने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हमास के ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया था। हमास के हमले में इजराइल के 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे और इनके लड़ाकों ने 22 लोगों को बंधक भी बना लिया था। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि हमास पर तुरंत एक्शन लेने वाला इजराइल अब तक ईरान को लेकर चुप क्यों है? इजराइल सीधे तौर पर ईरान से भिड़ने से खुद को क्यों रोक रहा है? ईरान के पास ऐसे कौन से हथियार हैं, जो इजराइल के चिंता का कारण बने हुए हैं? इसके बावजूद इजराइल अगर ईरान पर जवाबी कार्रवाई करता है तो मंजर क्या होगा? आइए जानते हैं...

अब तक क्यों नहीं हुआ इजराइल का जवाबी हमला?

ईरान ने इजराइल पर बीते शनिवार को मिसाइल व ड्रोन हमला किया था। इस हमले में इजराइल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। ईरान की ओर से बताया गया कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने 99 % मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर दिया। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस हमले के बाद इजराइल अब तक चुप क्यों है? इसका जवाब ईरान की मजबूत मिलिट्री पॉवर और इजराइल पर कूटनीतिक दबाव है। दरअसल, मिलिट्री पॉवर वाले देशों में ईरान दुनिया की 14वीं सबसे मजबूत सेना है। जबकि इजराइल इस मामले में 17वें नंबर पर है। दूसरी तरफ इजराइल पर कूटनीतक दबाव भी है। एक तरफ गाजा में हमास के खिलाफ हुए हमले में इजराइल पर गंभीर नरसंहार के आरोप लगे हैं और उसके वैश्विक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ कई मुस्लिम देश इसको लेकर इजराइल से खफा भी हैं। ऐसे में इजराइल, ईरान पर हमला करने से पहले सभी पेंच सुलझाना चाहता है। एक बड़ा कारण यह भी है कि क्या इजराइल के पास इतनी क्षमता है कि वह हमास के साथ-साथ ईरान के खिलाफ एक साथ दो युद्ध लड़ सकता है?

ईरान के पास कौन सा हथियार?

आधुनिक हथियारों के मामले में ईरान हमास की तरह कमजोर नहीं है। उसके पास एक से एक आधुनिक मिसाइलें हैं, जो इजराइल को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। ईरान के पास सुपरसोनिक, बैलिस्टिक मिसाइलों जैसी करीब 3000 मिसाइलों का जखीरा है। इसमें 9 ऐसी मिसाइलें हैं, जिनकी सीधे इजराइल तक पहुंच है। सेजिल 17000 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हमला कर सकती है तो Kheiber की रेंज 2000 किलोमीटर है। इसके अलावा ईरान के पास केएच-55 जैसी क्रूज मिसाइलें भी हैं, जो परमाणु क्षमता से लैस हैं। इतना ही नहीं कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि ईरान ने परमाणु क्षमता भी हासिल कर ली है। वहीं ईरान की एयरफोर्स भी किसी मामले में कम नहीं है। उसके पास 551 एयरक्राफ्ट रिजर्व में हैं। जबकि, 358 एक्टिव हैं। वहीं 121 फाइटर जेट्स हमले के लिए एकदम रेडी रहते हैं। ईरान की नेवी भी इजराइल से कहीं आगे है। उसके पास कुल 101 नौसैनिक एसेट्स हैं, 19 सबमरीन और 21 पेट्रोल वेसल हैं।

युद्ध हुआ तो क्या होगा मंजर?

इन सबके बावजूद अगर इजराइल ईरान पर जवाबी हमला करता है तो मिडिल ईस्ट का मंजर काफी भयावह होगा। दरअसल, ईरान और इजराइल दोनों आधुनिक सैन्य क्षमता से लैस हैं। दूसरी तरफ अमेरिका ने इजराइल पर हमले को लेकर चेतावनी जारी की है। अगर इस जंग में इजराइल के साथ अमेरिका आता है तो कई मुस्लिम देशों का साथ भी ईरान को मिलने के आसार हैं। दूसरी तरफ, इजराइल के पास नाटो सेना भी है। ऐसे में मिडिल ईस्ट में एक और जंग दुनिया का नक्शा बदल सकती है।

क्यों शुरू हुआ दोनों देशों के बीच तनाव

बता दें, इजराइल ने दो सप्ताह पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास की इमारत पर कथित तौर पर हमला किया था, जिसके जवाब में ईरान ने शनिवार को इजराइल पर हमला किया। दोनों देशों के बीच दशकों से जारी दुश्मनी के बीच ईरान ने पहली बार इजराइल पर सीधे तौर पर सैन्य हमला किया था। ईरान ने हमले के दौरान सैंकड़ों ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल दागीं। इजराइली सेना ने कहा कि उसने अपनी वायु रक्षा प्रणाली व लड़ाकू विमानों और अमेरिका नीत गठबंधन सहयोगियों की मदद से 99 प्रतिशत ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम कर दिया।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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