इजराइल-हमास की जंग में ईरान को फायदा ही फायदा, पढ़िए अयातुल्ला खुमैनी की खतरनाक रणनीति!

ईरान, इजराइल से सीधे नहीं उलझता है और न ही हमास को हमले का आदेश देता है। ईरान बस इसका फायदा उठाता है। उसे ट्रेनिंग देता है, हथियार देता और हमले के बाद खुशी जताता है।

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खुमैनी

इजरायल और फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच छिड़े युद्ध में केवल एक ही विजेता होगा। यह न तो इज़राइल है और न ही हमास। सबसे ज्यादा फायदा ईरान को होगा। ईरान की रणनीति इस बार इजराइल पर भारी पड़ने वाली है। इसकी कहानी शुरू होती है अल-अक्सा स्टॉर्म नामक एक ऑपरेशन से, जिसके तहत हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को इज़राइल में हजारों रॉकेट दागे। हमास और फलस्तीन के इस्लामिक जिहाद लड़ाकों ने जमीन, समुद्र और हवा से इजरायल में घुसपैठ की। सैकड़ों इसराइली मारे गए, 2,000 से अधिक घायल हुए और कई को बंधक बना लिया गया।

हमास के हमले से ईरान खुश

जवाब में, इजरायली प्रधा मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर युद्ध की घोषणा की और गाजा में हवाई हमले शुरू कर दिए। फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जवाबी हमले के पहले दिन में लगभग 400 फ़लस्तीनी मारे गए। आने वाले हफ्तों में, इजरायली सेना निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई करेगी और सैकड़ों फ़लस्तीनी आतंकवादियों और नागरिकों को मार डालेगी। ये धुआं शांत हो जाएगा, तो केवल एक ही देश के हित पूरे होंगे और वह देश है ईरान। पहले से ही, कुछ विश्लेषक सुझाव दे रहे हैं कि इज़राइल पर अचानक हुए हमले में तेहरान की उंगलियों के निशान देखे जा सकते हैं। ईरान के नेताओं ने हमले पर प्रोत्साहन और समर्थन के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

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